Get App
AstrologyHindiKundli

कुंडली में ऐसे योग जो शिक्षा के क्षेत्र में बनते हैं रुकावट।

By September 24, 2022December 1st, 2023No Comments
siksha main rukawat

आज का युग शिक्षा का युग है। जीवन में शिक्षा का होना या मनुष्य का शिक्षित होना अत्यधिक आवश्यक है। मनुष्य की शिक्षा उसके बचपन से ही प्रारम्भ हो जाती है जिसे प्रारम्भिक शिक्षा कहते हैं। माँ-बाप अपने बच्चों को 3 या 4 वर्ष के जब होते हैं तभी से बच्चों को स्कूल भेजने लगते हैं। जिससे बच्चे का भविष्य उज्जवल हो। हालांकि कई बच्चे पढ़ाई में अच्छे होते हैं और कुछ बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है। यह जरूरी भी नहीं है कि प्रत्येक बच्चा पढ़ाई में अच्छा हो। कई बच्चे रचनात्मक कार्यों और खेल-कूद को अधिक पसंद करते हैं।
कभी-कभी ऐसा होता है कि बच्चा पढ़ना तो चाहता है परन्तु पढ़ने में मन नहीं लगता है। इस वजह से माँ-बाप या परिवार के अन्य सदस्यों को अधिक परेशानी होती है। आखिरकार ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए भी होता है कुंडली में ग्रहों की दिशा ठीक नहीं होती है तो बच्चे की पढ़ाई में रुकावट आती है। इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी के अनुसार जातक की कुंडली में शिक्षा के योग बनते हैं। अगर यह योग नहीं हैं तो शिक्षा में कई प्रकार की रुकावट आती हैं। आइये जानते हैं कुंडली में ग्रहों की स्थिति का शिक्षा जीवन पर प्रभाव और कुंडली के वह योग जो शिक्षा के क्षेत्र में डालते हैं रुकावटें।

pdhai krti hui ladki

कुंडली में ग्रहों की स्थिति का शिक्षा जीवन पर प्रभाव –

  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली का पंचम और चतुर्थ भाव का स्वामी बृहस्पति ग्रह के साथ विराजित हो।
  • साथ में इस पर पाप ग्रहों की नजर हो तो शिक्षा में रुकावट आती है।
  • कुंडली में छठे, आठवें और बारहवें भाव में चौथे भाव का स्वामी ग्रह स्थित हो तो व्यक्ति की पढाई किसी कारणवश रुक जाती है।
  • कुंडली में चन्द्रमा का प्रभाव शिक्षा में रुकावट डालता है।
  • अगर कुंडली में चन्द्रमा पीड़ित अवस्था में होता है तो जीवन में शिक्षा की कमी होती है।
  • कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी और आठवें भाव के स्वामी के साथ मिल रहा हो तो शिक्षा से इंसान दूर रहता है।
  • बुध और गुरु ग्रह शिक्षा के कारक माने जाते हैं।
  • यदि कुंडली में यह दोनों पीड़ित हैं तो शिक्षा में रूकावट आती है।
  • इसके अलावा अगर कुंडली में अशुभ ग्रह शनि,मंगल, राहु और केतु की दशा ठीक न हो तब शिक्षा के क्षेत्र में रुकावट आती है।

यह भी पढ़ें: जानें ज्योतिष शिक्षा के क्षेत्र में किस प्रकार से योगदान देता है?

Kundali

कुंडली में चन्द्रमा का प्रभाव-

  • कुंडली में चन्द्रमा स्मरण शक्ति की जानकारी देता है।
  • अगर कुंडली में चन्द्रमा सही स्थान पर नहीं है या कमजोर स्थिति में हैं।
  • तब व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर होती है।
  • इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी के अनुसार कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति चंद्र केंद्र त्रिकोण है तो स्मरण शक्ति तेज होती है।

कुंडली में बुध का प्रभाव-

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में बुध ग्रह का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक होता है।
  • अगर कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति सही है।
  • तो व्यक्ति की आकलन क्षमता,गणितीय क्षमता, विश्लेषण क्षमता, लेखन क्षमता आदि अच्छी होती है।

Planets

कुंडली में सूर्य का प्रभाव-

  • सूर्य की स्थिति व्यक्ति की सफलता को दर्शाती है।
  • अगर कुंडली का पांचवा भाव और नौवें भाव में सूर्य स्थित होता है।
  • तब व्यक्ति राजनीति शास्त्र, प्रशासनिक सेवा और दवा रसायन जैसे क्षेत्र में करियर बनाता है।

यह भी पढ़ें: कुंडली में बन रहें ये योग: बिज़नेस में मिलेगा लाभ।

अगर आपके जीवन में शिक्षा में रुकावट या करियर से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या है तो इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें। यह आपकी समस्याओं का सटीक समाधान देंगे।

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Jaya Verma

About Jaya Verma

I love to write, I participated as co-author in many books, also received prizes at national level for writing article, poetry and I got a letter of appreciation from hirdu foundation. I have 4 year of experience in this field.