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जानिए कुंडली में केंद्र त्रिकोण राजयोग कैसे लाएगा सौभाग्य

By July 7, 2023December 14th, 2023No Comments
Kundli Me Kendra Trikon Rajyog

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक उसकी कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं। यह शुभ भी होते हैं और अशुभ भी हो सकते हैं। इन योगों के बनने से जातक के जीवन पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। जब कुंडली के ग्रह नक्षत्र एक घर से दूसरे घर में प्रवेश करते हैं तो उस दौरान अनेकों योगों का निर्माण होता है। इन्हीं योगों में से एक योग कुंडली में बनता है त्रिकोण राजयोग।

त्रिकोण राजयोग कुंडली में बनना शुभ माना जाता है। इस योग के बनने से जातक का जीवन बदल जाता है। यह योग बनने से आपके भाग्य बनता है। केंद्र त्रिकोण योग कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में मौजूद ग्रह जब साथ आते हैं, तो केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। आज इस लेख के द्वारा हम आपको केंद्र त्रिकोण राजयोग के बारे में विस्तार से बताएंगे और बताएंगे कि, राशियों में केंद्र त्रिकोण योग कैसे प्रभाव डालता है। जानने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें।

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ज्योतिष में त्रिकोण राजयोग महत्व

ज्योतिष शास्त्रों में केंद्र त्रिकोण राजयोग का महत्व अधिक है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कुंडली में होना सबसे शक्तिशाली योगों में से एक होता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग से जातक को जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त होती है। उच्च पद पर नौकरी, व्यापार में तरक्की और जीवन में धन की कमी पूरी होती है। ज्योतिष में त्रिकोण राजयोग की अद्भुत मान्यता ज्योतिषी बताते हैं। जातक को इससे होने वाले लाभों का पता इसके बनने के बाद ही जातक को लगता है। आगे पढ़िए केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कुंडली में कैसे होता है।

केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली में यदि 1, 4, 7, 10 केंद्र घर का स्वामी और 1, 5, 9 त्रिकोण घर का स्वामी एक दूसरे पर दृष्टि ड़ाल रहें हो यह आपस में एक साथ प्रवेश कर रहें होंगें अथवा किसी भी प्रकार से सम्बंधित होते हैं तो त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार केंद्र के ग्रहों से जातक खुद, उसका परिवार, उसके आपसी रिश्ते और यहाँ तक की उसका करियर भी प्रभावित होता है लेकिन बुरे के लिए नहीं अच्छे के लिए। जैसे जातक की कुंडली में पहला घर खुद का, चौथा घर परिवार का, सातवां घर आपसी रिश्तों का और दसवें घर करियर के लिए वर्गीकृत किया गया है। वहीं दूसरी ओर त्रिकोण भाव के 1, 5, 9 घर जातक को स्वयं को, उसके दिमाग को और उसकी आध्यात्मिकता पर प्रभाव डालता है। केंद्र और त्रिकोण जब आपस में शुभ होकर मिलते हैं तो जातक को जीवन में सफलता, ज्ञान, एक नजरिया, धन- समृद्धि और भी बहुत कुछ प्राप्त होता है।

त्रिकोण राजयोग का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार त्रिकोण योग जातक के जीवन में सफलता और उन्नति को लाता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग का महत्व ज्योतिष में अधिक बताया गया है क्योंकि किसी की भी कुंडली में इसके बनने से उसके बुरे दिन भी अच्छे दिनों में बदल जाते हैं। आइए जानते हैं त्रिकोण राजयोग का प्रभाव कुंडली में क्या पड़ता है।

  • कुंडली में केंद्र त्रिकोण योग के बनने से जातक को जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त होती है। यदि वह किसी तरह की कोई प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा है तो कुंडली में इस योग के बनने से भी उसको सफलता प्राप्त होती है। यह योग जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, खुशियां और धन लाता है। इसके साथ ही नौकरी और व्यापार में भी जातक को उन्नति मिलती है।
  • कुंडली में त्रिकोण योग का निर्माण होने से जातक के जीवन में नास्तिकता नहीं रहती है और वह धर्म कर्म के कार्यों को करने में मगन होने लगता है। वह आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ता है और धीरे-धीरे अपने आध्यत्मिक ज्ञान को बढ़ा लेता है।
  • केंद्र त्रिकोण के कुंडली में बनने से जातक को राजनीति में नेता का पद या कोई उच्च पद प्राप्त होता है। केंद्र त्रिकोण योग के बनने से जातक का राजनीति की तरफ रुझान होने लगता है और यह योग जातक को राजनीति में उच्च पद प्राप्त करने के लिए मदद करता है।
  • कुंडली में केंद्र त्रिकोण योग के बनने से जातक की धन-संपदा में विकास होता है। यदि उसकी कोई पुरानी पैतृक जमीन या धन किसी वजह से उसे नहीं मिल पाया है तो इस योग के बनने से उसको वह भी प्राप्त होता है। जातक के धन से भंडार भरने लगते हैं।
  • यदि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है या आप बीमार अधिक पड़ते हैं तबं भी कुंडली में केंद्र त्रिकोण योग के बनने से आपका स्वास्थ्य ठीक रहने लगता है। आप खुद ही महसूस करेंगे की आपका स्वास्थ्य अब पहले ही बेहतर रहने लगा है।

राशियों में केंद्र त्रिकोण योग

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जानिए राशियों में केंद्र त्रिकोण योग किस प्रकार से बनता है।

1. मेष राशि-

मेष राशि की कुंडली में त्रिकोण स्वामी मंगल, सूर्य और बृहस्पति मेष राशि में एक साथ आ रहे हो तो इस राशि में केंद्र त्रिकोण योग का निर्माण होता है।

2. वृषभ राशि-

वृषभ राशि में त्रिकोण भाव के स्वामी शुक्र, बुध और शनि यदि तीनों एक साथ वृषभ राशि में आते हैं तो त्रिकोण राजयोग का निर्माण इस राशि में होता है।

3. मिथुन राशि

मिथुन राशि में त्रिकोण के स्वामी बुध, शुक्र और शनि सभी साथ में प्रवेश करते हैं या एक दूसरे में अपनी दृष्टडालते हैं तब केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण मिथुन राशि में होता है।

4. कर्क राशि

कर्क राशि में त्रिकोणों का स्वामी चन्द्रमा, मंगल और बृहस्पति एक साथ प्रवेश करते हैं या एक साथ विराजमान होते हैं तो कर्क राशि में केंद्र में त्रिकोण योग बनता है।

5. सिंह राशि

सिंह राशि में यदि त्रिकोण के स्वामी सूर्य, बृहस्पति और मंगल एक साथ बैठे होते हैं तो कुंडली में सिंह राशि में केंद्र त्रिकोण योग बनता है।

6. कन्या राशि

अगर कन्या राशि में त्रिकोण स्वामी शनि, शुक्र और बुध एक साथ आएंगे और एक दूसरे पर दृष्टि डालेंगे तो कन्या राशि में केंद्र योग बनता है।

7. तुला राशि

अगर तुला राशि में त्रिकोण के स्वामी शनि, शुक्र और बुध एक साथ प्रवेश करेंगे तो तुला राशि में केंद्र त्रिकोण योग का निर्माण होता है।

8. वृश्चिक राशि

यदि वृश्चिक राशि में त्रिकोण स्वामी मंगल, चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ आते हैं और प्रवेश करते हैं तो वृश्चिक राशि में केंद्र त्रिकोण योग का निर्माण होता है।

9. धनु राशि

धनु राशि में त्रिकोण स्वामी बृहस्पति, सूर्य और मंगल ग्रह युति करते हैं तो धनु राशि में केंद्र त्रिकोण योग का बनता है।

10. मकर राशि

यदि मकर राशि में त्रिकोण स्वामी शनि, बुध और शुक्र युति करेंगे या एक साथ प्रवेश करेंगे तो मकर राशि में केंद्र त्रिकोण योग बनता है।

11. कुंभ राशि

कुंभ राशि में त्रिकोण के स्वामी शनि, शुक्र और बुध यदि एक साथ प्रवेश करते हैं या युति करते हैं तो कुंभ राशि में केंद्र त्रिकोण योग का निर्माण होता है।

12. मीन राशि

मीन राशि में त्रिकोण स्वामी बृहस्पति, चन्द्रमा और मंगल जब एक साथ एक ही स्थान पर आ रहें हो तो केंद्र में त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. ज्योतिष में केंद्र त्रिकोण योग का क्या महत्व है?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार केंद्र त्रिकोण योग जातक के लिए बहुत सौभाग्यशाली होता है। इसके बनने से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

2. केंद्र त्रिकोण का निर्माण कैसे होता है?

जब कुंडली के केंद्र और त्रिकोण में बैठे ग्रह एक साथ आते हैं या युति करते हैं, तो केंद्र त्रिकोण योग का निर्माण होता है।

3. क्या केंद्र त्रिकोण योग किसी स्थिति में अशुभ भी होता है?

नहीं, कुंडली में केंद्र त्रिकोण योग किसी भी प्रकार से अशुभ नहीं होता होता है। इसके बनने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

4. राजयोग का क्या मतलब होता है?

राजयोग का मतलब राज करने से होता है। जब जातक को किसी योग के बनने से बहुत अधिक लाभ मिले तो उसे राजयोग कहते हैं।

5. क्या केंद्र त्रिकोण योग बनने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है?

हां, इस योग के कुंडली में बनने से शनि की साढ़े साती का असर भी बहुत हल्का हो जाता है। इससे ग्रहों के बुरे प्रभाव खत्म होते हैं।

और पढ़ें- अपनी राशि के अनुसार जानें अपनी कमियां, जिनसे आती हैं जीवन में बाधाएं

कुंडली में केंद्र त्रिकोण राजयोग का पता करने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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