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Aja Ekadashi 2023: जानिए अजा एकादशी का राशियों पर पड़ेगा क्या प्रभाव

By August 26, 2023September 8th, 2023No Comments
Aja Ekadashi 2023

हिन्दू धर्म में अजा एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रतिवर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी मनाई जाती है। अजा एकादशी को अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अजा एकादशी के दिन व्रत करने से भक्तों पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। अजा एकादशी भगवान विष्णु को अधिक पसंद है। इसलिए इस दिन व्रत करने से जातक को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

अजा एकादशी 2023 (Aja ekadashi 2023) के दिन सम्पूर्ण देश में भक्तों में ख़ुशी और उत्साह देखने को मिलता है। अजा एकादशी का व्रत करने से भक्त अपने सभी दोषों से मुक्त हो जाते हैं और जीवन में प्रगति करते हैं। इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। आईए जानते हैं, अजा एकादशी मुहूर्त, अजा एकादशी पारण समय और अजा एकादशी का महत्व क्या है?

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अजा एकादशी तिथि और अजा एकादशी मुहूर्त

अजा एकादशी 10 सितंबर 2023, रविवार के दिन मनाई जाएगी। एकादशी तिथि 9 सितंबर 2023 शनिवार के दिन शाम को 07 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगी और अगले दिन 10 सितंबर 2023 को रविवार के दिन रात को 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

अजा एकादशी पारण समय

अजा एकादशी के बाद अगले दिन 11 सितंबर 2023, सोमवार के दिन सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट के बीच अपना व्रत खोलें या व्रत पारण करें। व्रत पारण की कुल समय अवधि 2 घंटे 29 मिनट रहेगी। अजा एकादशी पारण समय
के दौरान व्रत पारण करने से आपका व्रत पूर्ण हो जायेगा।

अजा एकादशी पूजा विधि

  • अजा एकादशी 2023 (Aja ekadashi 2023) के दिन सुबह जल्दी उठ जाएँ उसके पश्चात स्नान आदि से खुद को स्वच्छ हो जाएँ और साफ सुथरे अच्छे वस्त्र धारण करें।
  • अब एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। इसके पश्चात चौकी के आस- पास गंगाजल छिड़कें और वहां का शुद्धिककरण करें।
  • इसके पश्चात भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे एक शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें। और भगवान विष्णु के चरणों में फल और फूलों को चढ़ाएं।
  • अब भगवान विष्णु के कुछ मंत्रों का जाप करें और आरती गाएं या सुनें। तत्पश्चात विष्णु कवच या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। यह करते हुए शांति बनाए रखें और ध्यान दें।
  • अब प्रसाद वितरित करें और दिन में कीर्तन या हवन करें। आप रात के समय में जागरण का आयोजन भी कर सकते हैं।
  • अगले दिन व्रत पारण से पहले ब्राह्मणों या कन्याओं को भोजन कराएं और भोजन कराने के पश्चात खुश मन से दान-दक्षिणा देकर विदा करें।

अजा एकादशी महत्व

हिन्दू धर्म में अजा एकादशी का महत्व विशेष माना गया है। अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत करने से जातक को सुख- शांति, धन- समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह व्रत सभी कष्टों को दूर करता है। विशेष रूप से इस व्रत महिलाएं अपनी संतान के हमेशा सुखी बने रहने के लिए करती हैं। इस व्रत को वह ,महिलाएं भी करती हैं जिनके कोई संतान नहीं है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि, व्रत को श्रद्धा भाव के साथ करने से संतान की प्राप्ति भी हो सकती है। अन्य सभी कष्टों के लिए भी यह व्रत विशेष है।

अजा एकादशी कथा

अजा एकादशी को भगवान श्री कृष्ण ने कुंती पुत्र युधिष्ठिर को सुनाया। अजा एकादशी पर सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र की कथा प्रसिद्ध है। एक बार सभी देवताओं ने मिलकर राजा के सत्यनिष्ठा की परीक्षा लेनी चाही। उसी परीक्षा के चलते उन्होंने अपना सारा राजपाट महर्षि विश्वामित्र को दान कर दिया। इसके पश्चात महर्षि विश्वामित्र को ही दक्षिणा देने के लिए अपनी पत्नी और बच्चे को एक ब्राह्मण को बेच दिया और खुद एक चांडाल के हाथों बिक गए। अब राजा शमशान में आत्मदाह करने आये लोगों से कर वसूलते थे। अपनी इस दशा से वे बहुत चिंतित रहते थे।

एक दिन उनके सामने से ऋषि गौतम गुजरे और उन्हें अजा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। अब राजा प्रत्येक वर्ष इस व्रत को करने लगे। दूसरी तरफ उनके पुत्र को सांप ने डस लिए जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। उनकी पत्नी अपने पुत्र के दाह- संस्कार के लिए श्मशान में गई लेकिन राजा ने उनसे भी कर मांगा। उन्होंने अपनी साडी का आधा टुकड़ा फाड़कर राजा को देना चाहा तभी वहां सभी देवता प्रकट हुए और उनके व्रत और सच बोलने से प्रसन्न होकर उनका सबकुछ वापस दे दिया। तभी से यह व्रत श्रद्धा के साथ किया जाने लगा।

अजा एकादशी का राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

साल 2023 में आने वाली अजा एकादशी का विशेष होने वाली है, क्योंकि यह अजा एकादशी राशियों पर कुछ न कुछ प्रभाव डाल रही है। जानिए आपकी राशि पर अजा एकादशी का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

1. मेष राशि

अजा एकादशी के दिन मेष राशि को नौकरी में सफलता मिलेगी और व्यापार में वृद्धि होगी। व्रत रखने से अधिक लाभ मिलेगा। किसी भी काम को करने से पहले हिम्मत बनाएं।

2. वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को अजा एकादशी पर नौकरी में प्रमोशन और व्यापार में तरक्की होगी। साथ ही यह दिन वृषभ राशि के किसानों के लिए बहुत लाभकारी रहेगा। खेती में उन्नति होगी और खरीदने वालों की संख्या अधिक रहेगी।

3. मिथुन राशि

मिथुन राशि को इस दौरान करियर में सफलता हासिल होगी और नयी जगह नौकरी लगने की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही चिंता बनी रह सकती है। इस तरफ ध्यान दें।

4. कर्क राशि

कर्क राशि को इस दिन चिड़चिड़ा महसूस होगा और काम में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

5. सिंह राशि

सिंह राशि वालों को इस दौरान किये गए या पहले सफल नहीं हुए सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। मानसिक तनाव दूर होगा और साथ ही उन्नति होगी।

6. कन्या राशि

कन्या राशि की इस दौरान नौकरी लगने के योग बन रहे हैं। कोई रुका हुआ काम पूरा हो सकता है। घर में सम्मान मिलेगा और आर्थिक उन्नति होगी।

7. तुला राशि

तुला राशि के जीवन से इस दौरान नकारात्मकता दूर होगी। कोई पुराना घर का क्लेश दूर होगा। और कार्य में प्रगति आएगी और साथ ही ग्रहों की दशा शुभ होगी।

8. वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि को इस दौरान संभल कर रहना होगा। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न होंगी।

9. धनु राशि

इस दौरान धनु राशि को सुख- समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। वह सभी काम बन जायेंगे जिनको करने की आप कोशिश कर रहे थे ।

10. मकर राशि

मकर राशि के परिवार में खुशियां दस्तक देगी। इस दौरान की गयी कोई भी यात्रा आपको कष्ट दे सकती है। इसलिए सफर न करें।

11. कुम्भ राशि

कुम्भ राशि को के जीवन में कोई नया दस्तक दे सकता है यह उनकी संतान या जीवनसाथी हो सकता है। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।

12. मीन राशि

मीन राशि के जातकों को इस दौरान किसी बड़े कार्य में सफलता मिल सकती है। और नौकरी में प्रगति होगी। सुख- शांति बनी रहेगी। इस दौरान किसी से दुश्मनी करने से बचें।

अजा एकादशी पर क्या करें-

  • इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और उनकी पूजा में चंदन व केसर का उपयोग अवश्य करें।
  • अजा एकादशी के दिन पान के 7 पत्ते लें उनको साफ करके उन पर शहद से श्री हरि लिख कर किसी विष्णु मंदिर में भगवान के चरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी जल्द नौकरी लगती है।
  • अजा एकादशी पर केसर और 5 सूखे मेवे की खीर बनाएं और भगवान को भोग लगाने के पश्चात 9 कन्याओं को वितरित करें और उनके चरण धोकर स्पर्श करें। ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी का वास होगा।
  • भगवान को सूखे नारियल और सूखे मेवे अर्पित करें पूजा के पश्चात गरीब बच्चों में वितरित कर दें।
  • इस दिन सम्पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ व्रत करें। पूरे दिन भगवान का ध्यान करें और भजन कीर्तन में ध्यान लगाएं।

अजा एकादशी पर क्या नहीं करें –

  • अजा एकादशी के 1 या 2 दिन पहले से ही मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • इस दिन अपने मन में किसी के प्रति गंदे विचार या गलत धारणाएं न लेकर आएं। किसी के बारे में बुरा न बोलें।
  • व्रत पर अन्न और पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। अन्न पानी से भी व्रत टूट जाता है।
  • इस व्रत को बुजुर्ग, किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और गभवतीं महिलांए भी न रखें। क्योंकि यह व्रत निर्जला होता है इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
  • इस दिन किसी भी प्रकार का कोई लड़ाई- झड़गा न करें। अपने घर में और आस- पास के माहौल में शांति बनाएं रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. अजा एकादशी कब है ?

अजा एकादशी 10 सितंबर 2023, रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन व्रत किया जाता है।

2. अजा एकादशी पर किसकी पूजा होती है?

अजा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

3. अजा एकादशी का व्रत क्यों किया जाता है?

अजा एकादशी का व्रत सुख-शांति और धन- समृद्धि के लिए किया जाता है। इस व्रत को पुत्र प्राप्ति के लिए भी करते हैं।

4. व्रत पारण करने से पहले क्या अनुष्ठान करना चाहिए?

अजा एकादशी पर व्रत पारण करने से पहले ब्राह्मणों को या कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। उसके बाद व्रत पारण करें।

5. अजा एकादशी पर किस चीज का भोग लगाना चाहिए?

अजा एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर और उसमें तुलसी डाल कर उसका भोग लगाया जा सकता है। यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है।

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