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Shravana Purnima 2023: इस दिन व्रत करने से मिलेगा चंद्र दोष से छुटकारा

By July 20, 2023December 15th, 2023No Comments
Shravana Purnima 2023

हिन्दू धर्म में श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने में होने वाली सावन की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा 2023 कहा जाता है। प्रति वर्ष हिन्दू धर्म में श्रावण पूर्णिमा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। बहुत से लोग इस दिन का व्रत भी करते हैं। हिन्दू धर्म में भाई बहनों का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन या राखी का त्यौहार भी इसी दिन मनाया जाता है। न सिर्फ कुछ इलाकों में बल्कि भारत के लगभग सभी भागों से लेकर नेपाल तक इस विशेष त्योहार को लोग पूरी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाते हैं।

यह त्यौहार रक्षा बंधन के नाम से सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है। इसके अलावा श्रावण पूर्णिमा 2023 के दिन महाराष्ट्र और गोवा में लोग नारली पूर्णिमा या श्रावणी पूर्णिमा मनाते हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में श्रावण पूर्णिमा को बड़ी कजरी पूर्णिमा या बड़ी तीज कहकर मनाते हैं। श्रावण पूर्णिमा के दिन पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जन्ध्यम पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन गुजरात में पवित्रोपना नामक त्यौहार मनाया जाता है, इसे वहां श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी लोग जानते हैं।

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श्रावण पूर्णिमा की तिथि और समय

श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 सुबह 11 बजकर 00 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 31 अगस्त 2023 शाम को 7 बजकर 07 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

श्रावण पूर्णिमा पर चंद्र दोष से छुटकारा

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुंडली में चन्द्रमा एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ग्रह होता है। कुंडली में चन्द्रमा यदि उच्च राशि में शामिल होता है तो जातक को इसका बहुत अधिक लाभ होता है। लेकिन यदि चन्द्रमा कमजोर और पीड़ित होता है तो यह बहुत अशुभ होता है। इसी प्रकार से चन्द्रमा की विभिन्न स्थितियां व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं। जब चन्द्रमा कुंडली में पीड़ित और कमजोर होता है तो उस दौरान चंद्र दोष लगता है। चंद्र दोष लगने से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे स्वास्थ्य सम्बंधित, धन सम्बंधित, स्वभाव से चिड़चिड़ा हो जाना, रिश्तों में खटास उत्पन हो जाना, नौकरी न मिलना और करियर सम्बंधित परेशानियां होना।

लेकिन ज्योतिष के अनुसार चन्द्रमा के पूज्य भगवान शिव माने गए हैं। इसलिए श्रावण पूर्णिमा को चंद्र दोष से छुटकारा पाने के लिए शुभ दिन माना गया है। इस दिन विभिन्न तरीकों के उपाय करके कोई भी व्यक्ति चंद्र दोष से छुटकारा पा सकता है। ज्योतिष में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा के द्वारा चंद्र दोष को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। भगवान शिव चंद्र दोष से होने वाली हानि को दूर कर देते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वह उपाय जिनसे मिलेगा चंद्र दोष से छुटकारा।

  • श्रावण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर विधि अनुसार यदि राखी बांधती है तो भी चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है।
  • ज्योतिष में माना जाता है की, राखी भाई बहन का पवित्र त्यौहार है जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो उस समय दोनों के बीच जो बंधन बनता है उस चंद्र खुश होते हैं और चंद्र दोष से छुटकारा जातक को मिलता है।
  • श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्र दोष खत्म करने के लिए आप भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर कच्चा दूध में गंगा जल और फूल डालकर अर्पित करें।
  • दूध के अलावा आपको शहद भी भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए इससे भी चंद्र दोष से छुटकारा पाया जाता है।
  • थोड़ा सा जल लेकर उसमें कच्चा दूध, फूल, गंगाजल, मिष्ठान, फल सब एक साथ मिला कर पूर्ण चन्द्रमा निकलने पर उसको जल अर्पित करें।

श्रावण पूर्णिमा पूजा विधि

  • श्रावण पूर्णिमा व्रत विधि के अनुसार भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाई जाती है। सभी स्थानों पर यह भिन्न- भिन्न विधियों के अनुसार मनाई जाती है। लेकिन नीचे बताई गई श्रावण पूर्णिमा व्रत विधि सबसे प्रमुख बताई जाती है।
  • श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें और इसके पश्चात पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • इसके पश्चात रसोई और घर साफ करके गाय के लिए एक रोटी बनाएं और उसको कुछ चारा और रोटी खिलाएं।
  • इसके साथ ही आप चींटियों को, मछलियों को और पक्षियों को दाना पानी डालें।
  • अब घर में या मंदिर जाकर शिवलिंग को एक साफ और सुंदर स्थान पर अर्पित करना है। शिवलिंग स्थापना से पहले वहां गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और शिवलिंग पर भी गंगाजल छिड़कें।
  • इसके पश्चात फूल, मिठाई, पुष्प, भांग, धतूरा, मिठाई, दीपक, घी, शिवलिंग पूजा से सम्बंधित सभी सामग्री लाकर शिवलिंग के पास रख लें। एक अच्छे धुले हुए आसन पर बैठ कर पूजा शुरू करें।
  • अब शिवलिंग पर दूध और गंगा अर्पित करें। और बेल पत्र, फूल, मिठाई, पुष्प, भांग, धतूरा, अर्पित करें। अब शांति से ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए घी का दीपक प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
  • शुद्ध घी की ज्योत प्रज्वलित करने के पश्चात श्रावण पूर्णिमा व्रत की कथा कहें और भगवान शिव की आरती उतारें। अब 108 शिव मंत्रों का जाप करें। जाप करते समय मन को शांत रखें।
  • अब भगवान शिव को अर्पित किया गया मिष्ठान और फलों को सभी भक्तों को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें। प्रसाद में चरणामृत भी भक्तों को बनाकर प्रसाद में दें।
  • आप इस प्रकार से पूजा करके अपने व्रत को पूर्ण कर सकते हैं। और लाभ पा सकते हैं।

श्रावण पूर्णिमा व्रत का महत्व

हिन्दू धर्म में श्रावण पूर्णिमा व्रत का महत्व विशेष है। इस त्यौहार पर न सिर्फ भगवान शिव पर देवी पारवती की बल्कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इसके पीछे कई प्रचलित कथाएं भी बताई गई हैं जैसे एक प्रचलित कथा के अनुसार एक समय एक गरीब व्यक्ति ने बिना किसी इच्छा के शिवलिंग पर जल अर्पित किया था। इससे भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए हो गरीब व्यक्ति को अपनी शरण में ले लिया। इसलिए श्रावण पूर्णिमा का व्रत मनाया जाता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

श्रावण पूर्णिमा का व्रत करने से भक्तों के सभी रोग और कष्ट दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है, जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इस व्रत को करने से और भी बहुत बड़े- बड़े लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं। यह व्रत व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिकता को भी जागरूक करता है और उसकी आत्मिक उन्नति करता है। जिस भक्त का यह व्रत सफलता के साथ पूर्ण होता है, उसको भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

श्रावण पूर्णिमा व्रत के लाभ

श्रावण पूर्णिमा का व्रत करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं श्रावण पूर्णिमा का व्रत करने से और किस तरह के बड़े लाभ आपको प्राप्त हो सकते हैं। श्रावण पूर्णिमा व्रत के लाभ निम्नलिखित हैं।

1. आंतरिक शांति के लिए लाभकारी

श्रावण पूर्णिमा का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपके अंदर मची उथल- पुथल शांत हो जाती है। इस व्रत को करने से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है। इस व्रत में इतनी शक्ति होती है कि, यह व्रती व्यक्ति के मन और शरीर के अंदर जो भी पाप या गलत विचार, धारणाएं है उनको खत्म कर देता है। इस दिन भाई बहन के लिए और बहन भाई के लिए यदि व्रत करते हैं तो यह दोनों के बीच एक गहरा और मज़बूत रिश्ता बनाता है।

2. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को करने से स्वास्थ्य संबंधी कोई बीमारी नहीं होती हैं। यह व्रत पाचन की समस्या को दूर करता है और यदि आप दिल की किसी बीमारी से पीड़ित है, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, आस्थमा सभी लाइलाज बिमारियों को यह व्रत ठीक कर सकता है। यह व्रत आपके अंदर भूख को नियंत्रित करने में मददगार होता है।

3. दिमाग के लिए लाभकारी

श्रावण पूर्णिमा व्रत करने से दिमागी रूप से भी क्या फायदे होते हैं। यह व्रत दिमाग को शांति और एकाग्रता प्रदान करता है। यदि आपको कोई मानसिक तनाव और कोई चिंता रहती है तब भी आपको यह व्रत करना चाहिए। इसको करने से आपको कोई चिंता और तनाव नहीं रहेगा। दिमागी रूप से यह व्रत जातक को लाभ देता है।

4. आत्म- नियंत्रण बनाने के लिए लाभकारी

अक्सर किसी भी चीज को लेकर खुद पर नियंत्रण न कर पाना आपको बड़ी परेशानी में भी ड़ाल सकता है। इस व्रत को इसलिए भी रखा जाता है ताकि व्यक्ति को भगवान शिव से आत्म- नियंत्रण रखने का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। यह व्रत अनुशासन में रहना और गुस्से पर काबू करने में भी लाभकारी होता है।

5. दान करना होगा लाभकारी

सावन पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गरीबों को और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान किया जा सकता है। इस दिन दान करने से आप अपने पापों को खत्म कर सकते हैं साथ ही आपके घर में धन-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती है।

6. धन के लिए लाभकारी

इस व्रत को करने से आपको धन लाभ होता है। व्यापार में वृद्धि होती है और नौकरी में भी सफलता मिलती है। यह व्रत जातक के जीवन में धन समृद्धि लेकर आता है। भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें और धन की कामना करें। आपकी इच्छा पूर्ण होती है।

7. प्राप्त होता है संतान सुख

इस व्रत को करने से आपको संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। अपने सच्चे मन से भगवान शिव के आगे यह व्रत करने का संकल्प लें और व्रत को सच्चे मन के साथ पूर्ण करें। अपनी इच्छा को अपने मन में भगवान शिव के आगे जरूर प्रकट करें। ऐसा करने से आपकी संतान सुख की कामना जरूर पूर्ण होती है।

सावन पूर्णिमा व्रत पर क्या करें और क्या न करें

  • सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखना चाहिए। यह व्रत आपको निर्जला रखना चाहिए। यदि निर्जला व्रत नहीं रख सकते हैं तो फलों का सेवन करें और जल पियें।
  • इस व्रत को सिर्फ स्वस्थ लोग ही रखें। बीमार और गर्भवती महिलाओं को यह व्रत नहीं करना चाहिए। पूरी तरह से सुनिश्चित रहें कि आपको कोई बीमारी न हो।
  • इस दिन घर में सकारात्मकता बनाएं रखें और गरीबों को वस्त्र भोजन आदि दान करें। इस व्रत में दान करने से बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है। चूंकि इस दिन रक्षाबंधन होती है इसलिए शिव भगवान के नाम का एक हवन भी किया जा सकता है।
  • इस पावन दिन पर भगवान शिव के अलावा भगवान विष्णु की भी पूजा करें। भगवान विष्णु को भी यह दिन समर्पित माना जाता है। इसके अनेक आपको प्राप्त होंगे।
  • सावन पूर्णिमा पर तुलसी के आगे घी का दीपक जलाएं और दूध गंगा जल मिलाकर तुलसी में अर्पित करें यह भगवान विष्णु को प्रसन्न करता है और शुभ फल देता है।
  • इस दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करना आपको कष्ट दे सकता है। यदि आपका व्रत नहीं हैं फिर भी इन चीजों का सेवन न कर
  • काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार को त्याग दें। ऐसा करने से व्रत सफल होता है। और आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती है।
  • व्रत से एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। शुद्ध बोले किसी के लिए गंदे विचार अपने मन में न रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. श्रावण पूर्णिमा 2023 में कब है ?

श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।

2. श्रावण पूर्णिमा पर और क्या त्यौहार मनाया जाता है?

श्रावण पूर्णिमा के दिन प्रतिवर्ष रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई- बहन के रिश्ते को मज़बूत बनाता है।

3. श्रावण पूर्णिमा को और कौन से नामों से जाना जाता है?

श्रावण पूर्णिमा को कजरी पूर्णिमा, जन्ध्यम पूर्णिमा, नारली पूर्णिमा, बड़ी पूर्णिमा और पवित्रोपना नामों से जाना जाता है। यह त्यौहार सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है।

4. श्रावण पूर्णिमा पर चंद्र दोष से मुक्ति कैसे मिल सकती है?

चन्द्रमा भगवान शिव के बड़े भक्त माने जाते हैं, इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करके और चन्द्रमा को जल अर्पित करके चंद्र दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।

5. चंद्र दोष से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग पर क्या अर्पित करें?

श्रावण पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है और शहद अर्पित करने से भी चंद्र दोष से छुटकारा मिल जाता है।

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