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Shravana Amavasya 2023: जानें श्रावण अमावस्या का महत्व और नियम

By July 11, 2023December 15th, 2023No Comments

हिन्दू धर्म में सावन का महीना बहुत महत्व रखता है। भक्तों द्वारा भगवान महादेव को समर्पित यह माह 4 जुलाई 2023 से लग चुका है। सावन के महीने में कई महत्वपूर्ण तिथियां पड़ती हैं जो विशेष होती हैं। इन्हीं में से एक सावन महीने में पड़ने वाली श्रावण अमावस्या होती है। श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। श्रावण अमावस्या के दिन चांद के दर्शन नहीं होते हैं जिससे यह पता चलता है की आज के दिन अमावस्या होगी। इस दिन का सभी शिव भक्त बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं क्योंकि शिव भक्तों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। श्रावण अमावस्या के दिन गंगा स्नान, पितृ तर्पण, पितरों की पूजा, शिव पूजा, दान देना, गंगा पर दीपक प्रज्वलित करना होता है।

साल 2023 की श्रावण अमावस्या 2023 ज्यादा महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह 17 जुलाई 2023 को पड़ेगी और इस दिन सयोंग से सोमवार भी पड़ रहा है। चूँकि सावन का महीना और सोमवार का दिन दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं इसलिए इस श्रावण अमावस्या 2023 को ज्योतिष शास्त्रों द्वारा महत्वपूर्ण बताया गया है। यह दिन विशेष रूप से पितरों के लिए होता है। इस दिन पिंड दान और पितरों के लिए पूजा और बहुत कुछ कराया जाता है साथ ही इस दिन प्रकृति की पूजा भी की जातीहै। इस दिन पीपल, तुलसी, केला, बरगद आदि के पेड़ लगाने से पुण्य प्राप्त होता है। आइए जानते हैं, श्रावण अमावस्या का महत्व , श्रावण अमावस्या पूजा विधि, श्रावण अमावस्या का समय और श्रावण अमावस्या कथा के बारे में और साथ ही इस तिथि के बारे में सबकुछ।

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श्रावण अमावस्या की तिथि और समय

श्रावण अमावस्या 17 जुलाई 2023 को है। 16 जुलाई 2023 की रात को 10 बजकर 09 मिनट पर श्रावण अमावस्या तिथि आरंभ हो रही है। इसके पश्चात 18 जुलाई 2023 को देर रात 12 बजकर 03 मिनट पर समाप्त हो रही है। इस प्रकार 17 जुलाई 2023 को श्रावण अमावस्या मनाई जाएगी।

श्रावण अमावस्या शुभ मुहूर्त

17 जुलाई 2023 के पुरे दिन शुभ मुहूर्त रहेगा लेकिन इस दिन दोपहर 12:00 बजे कोई पूजा या शुभ गतिविधि न करें।

श्रावण अमावस्या पूजा विधि

  • श्रावण अमावस्या के दिन गंगा नदी में या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए इसलिए सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  • यदि गंगा नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो, सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला कर स्नान करना चाहिए। यह भी लाभकारी माना जाता है।
  • अब आप अच्छे और साफ सफ़ेद या पीले रंग के कपडे पहनें और पूजा स्थल में शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं साथ ही सूर्य देव को जल अर्पित करना शुभ और अच्छा होता है। जल को सूर्य देव को अर्पित करें और तुलसी के पौधे में डालें।
  • चूंकि यह श्रावण अमावस्या 2023 है इसलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान के अनुसार पूजा करें। और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
  • इसके पश्चात भगवान शिव को भांग, धतूरा, फल, फूल, बेलपत्र और दूध में गंगाजल मिलाकर अर्पित करें। शिवलिंग पर जल भी चढ़ाएं। अब शिव चालीसा का पाठ करें और महादेव की आरती गाएं।
  • इस दिन उपवास भी रखा जा सकता है और बिना अन्न खाएं उसे पूरा किया जा सकता है। यदि आपको कोई बीमारी नहीं हैं तो आप उपवास भी रख सकते हैं।
  • इस पूरे दिन में कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह दिन बहुत विशेष होगा क्योंकि इस दिन सोमवार भी है।
  • पूजा खत्म करने के पश्चात ब्राह्मण को अन्न, धन या कुछ जरूरत का सामान दान अवश्य करें। इस दिन दान करने का महत्व अधिक होता है। दान करना बिल्कुल भी न भूलें।

श्रावण अमावस्या महत्व

श्रावण अमावस्या महत्व हिंदू धर्म में अधिक होता है। सावन के माह में आई इस अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह अमावस्या इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन बहुत से लोग अपने पितरों के पितृ तर्पण करते हैं। सावन की इस अमावस्या पर गंगा नदी में नहाने और दान- पुण्य करने करने का भी अधिक महत्व रहता है। गंगा नदी में नहाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सावन की साल 2023 में आने वाली अमावस्या बहुत शुभ होने वाली है, क्योंकि यह सोमवार के दिन होगी। ऐसा माना जाता है की इस दिन पितृ तर्पण करने से आपके घर में पितृ दोष नहीं लगता है। साथ ही इस दिन पर व्रत रखने से जातकों की मनोवांछित इच्छाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से यह दिन शिव पूजा, पितृ तर्पण और दान – पुण्य के लिए होता है। सावन अमावस्या के मात्र 2 दिनों बाद हरियाली तीज भी मनाई जाती है, इसलिए सावन अमावस्या से ही पेड़ पौधे लगाने का भी महत्व होता है और इस वजह से ही सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है।

श्रावण अमावस्या कथा

हिंदू पुराणों में एक प्रचलित कथा के अनुसार एक छोटे से घर में एक वृद्ध व्यक्ति और उसके बच्चे रहते थे। एक समय ऐसा आया की उसके सभी बच्चे बीमार पड़ गए। वृद्ध व्यक्ति ने बहुत इलाज कराया लेकिन वो ठीक न हुए। इसके पश्चात वृद्ध व्यक्ति राज्य के राजा के पास गया और अपनी समस्या बताई। राजा ने मंत्री को समस्या का समाधान निकालने को कहा। मंत्री ने वृद्ध व्यक्ति को और सारे राज्य को सावन मास की अमावस्या विधि विधान के अनुसार करने को कहा। राजा ने मंत्री की बात सुनी और राज्य में सभी को श्रावण अमावस्या का व्रत करने को कहा। सारे राज्य ने श्रावण अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा की ओर व्रत किया, इसके पश्चात वृद्ध व्यक्ति के बच्चे ठीक हो गए।

तभी से श्रावण अमावस्या के दिन व्रत भी रखा जाता है और भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व बताया गया है।

श्रावण अमावस्या पर क्या करें?

  • श्रावण अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अवश्य करें। यह सावन का महीना और सावन की अमावस्या हैं इसलिए आपको शुभ फल प्राप्त होगा।
  • संभव हो तो इस दिन गंगा घाट पर एक घी का दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इससे नकारात्मकता दूर होती है।
  • गंगा स्नान करना चाहिए। समय निकाल कर इस दिन गंगा स्नान अवश्य करें। इस दिन गंगा स्नान से आपको सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी। गंगा नहीं तो किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें।
  • इस दिन पेड़ और पौधे लगाने भी बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधे लगाएं और उनसे लाभ पाएं।
  • श्रावण अमावस्या के दिन गरीब लोगों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न और जरूरत की सभी चीजें दान करें। आप इस दिन जितना दान दोगे उससे दोगुनी समृद्धि प्राप्त होगी।
  • श्रावण अमावस्या के दिन पिंडदान भी किया जाता है।
  • श्रावण अमावस्या के दिन आपको मंदिरों में जाकर अन्न दान करना चाहिए। आप चाहें तो किसी अनाथ आश्रम या वृद्ध आश्रम में भी दान कर सकते हैं।

श्रावण अमावस्या पर क्या न करें?

  • श्रावण अमावस्या या पूरे सावन मास में ही आपको मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। सावन के महीने में जीव हत्या करके उसको खाना अधिक पाप देता है।
  • श्रावण अमावस्या के दिन पेड़- पौधों को नहीं काटना चाहिए। इस दिन पेड़ों को काटना जरा भी शुभ नहीं माना जाता है।
  • यदि आप व्रत कर रहें हैं तो आपको अन्न नहीं खाना चाहिए। किसी भी व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है, वरना व्रत पूर्ण नहीं होता है।
  • आपको अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करना चाहिए। अपने अंदर की एक बुराई को छोड़ने के लिए एक संकल्प लें। और उसका पालन करें।
  • इस दिन काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार को त्याग दें। ये पांच दोष यदि आप इस एक दिन के लिए त्याग देंगे तो आपको इसका अत्याधिक लाभ होगा।

अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न –

1. श्रावण अमावस्या की तिथि क्या है?

श्रावण अमावस्या 17 जुलाई 2023 को आ रही है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करें।

2. श्रावण अमावस्या के दिन क्या करना शुभ है?

श्रावण अमावस्या के गंगा घाट पर स्नान और घी का दीपक जलाना शुभ होता है। इस दिन दान भी करना चाहिए।

3. श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या क्यों कहते हैं?

श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके 2 दिन पश्चात ही हरियाली तीज भी आती है।

4. श्रावण अमावस्या साल 2023 में कैसे विशेष है?

श्रावण अमावस्या साल 2023 में इसलिए विशेष होगी क्योंकि इस दिन सोमवार है और सोमवार का दिन सावन का महीना और श्रावण अमावस्या तीनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं।

5. श्रावण अमावस्या व्रत करने से क्या होता है?

श्रावण अमावस्या पर व्रत करने से आपको सभी रोगों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव प्रसन्न होने पर मनोवांछित फल भक्तों को देते हैं।

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