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महादेव की पूजा का महा उपाय

By October 30, 2022December 1st, 2023No Comments
Mahadev ki puja ka maha upay

पुराणों के अनुसार सोमवार का दिन शिव साधना के लिए अत्यंत ही शुभ माना गया है। कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव जो कि देवों के देव महादेव भी कहे जाते हैं। उनकी पूजा में किन चीजों को चढ़ाने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है, उसे जानने के लिए जरूर पढ़ें इंस्टाएस्ट्रो के वज्योतिषों द्वारा बताया गया महादेव की पूजा का महा उपाय|
भगवान शिव की पूजा में सफेद चंदन के उपयोग का विशेष महत्व है। मान्यता है कि प्रतिदिन शिवलिंग पर सफेद चंदन से त्रिपुंड बनाने से और बचे हुए चंदन को अपने माथे पर लगाने से व्यक्ति का अपने समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
भगवान शिव की पूजा में रुद्राक्ष को जरूर चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। अत्यंत ही पवित्र और चमत्कारी रुद्राक्ष के बीज को शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस रूद्र मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है- ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ये उपाय करने से महादेव से मिलेगा मनचाहा वरदान –

भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जो सिर्फ फूल-पत्तियों को चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। यही कारण है कि शिव जी को भोले बाबा कहा जाता है। यदि आप चाहते हैं कि महादेव से आपको मनचाहा वरदान मिले तो सोमवार के दिन महादेव की पूजा में बेलपत्र अथवा शमी पत्र अवश्य चढ़ाएं। मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है।
इसके अतिरिक्त बेल के पेड़ के नीचे शिव जी की पूजा, जाप और दान करने से विशेष लाभ मिलता है। शिव पूजा के इस उपाय को करने पर साधक को जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है और उसके पास हमेशा धन-धान्य भरा रहता है।

Shivling ki puja

शिव पूजा विधि मंत्र

महादेव को बेलपत्र समर्पण करते समय इस मंत्र का उच्चारण करें –
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम् ।
अघोरपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ।।

इसके अतिरिक्त भगवान शिव के कुछ मूल मंत्र हैं जिनका जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइये जानते हैं 3 ऐसे मंत्रों के बारे में –
1. ॐ नमः शिवाय
ये महादेव का मूल मंत्र है। सावन में रोज कम से कम 108 बार इसका जाप करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और कष्टों का निवारण करते हैं। ये मंत्र बहुत आसान है अतः इसका उच्चारण कोई भी कर सकता है।

2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ये महामृत्युंजय मंत्र है। इस विशेष मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से उम्र लंबी होती है। यदि किसी तरह की कोई बीमारी है तो उससे निदान मिलता है। यह मंत्र अकाल मृत्यु को भी टालता है।

3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ये शिव-गायत्री मंत्र है, जिसे सर्व शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र के जाप से हम महादेव के साथ साथ आदिशक्ति को भी प्रसन्न कर सकते हैं। इस मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Om mantra

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शिव पूजा की विधि

प्रतिदिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर महादेव के मंदिर में जाकर शिवलिंग का स्वच्छ जल से अभिषेक करें, इसके बाद गाय के दूध से अभिषेक कर पुन: स्वच्छ जल चढ़ाएं। इसके पश्चात् महादेव को सफ़ेद चंदन लगायें। सफ़ेद फूल, बेल पत्र, शमीपत्र, धतूरा, अकौआ का फूल चढ़ायें। अपनी इक्छानुसार फल व मिठाई का भोग लगायें। अंत में दीपक और धूप जलाकर आरती करें।
इंस्टाऐस्ट्रो के ऐप द्वारा ऑनलाइन पूजा करवायी जाती हैं। आप इसका लाभ ज़रूर उठायें।

शिव पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री –
गाय का कच्चा दूध, पवित्र जल, फूल, फल, बिल्वपत्र, धतूरा, शमीपत्र, शुद्ध घी, शहद, इत्र, कपूर, धूप, दीप, मौली, जनेऊ, मिठाई, भांग, भस्मी, सफ़ेद / पीला चन्दन।

Shiv Puja vidhi

शिव पूजा का सही समय

महादेव की पूजा का सबसे उत्तम और सही समय काल प्रदोष का समय माना गया है। काल प्रदोष अर्थात सूर्यास्त के एक घंटे पूर्व या एक घंटे बाद का समय। इस शुभ मुहूर्त में शिव जी की पूजा-अर्चना करने से महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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शिव पूजा से लाभ

महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को अनंत लाभ होता है। शारीरिक रोगों व मानसिक विकारों से छुटकारा मिलता है।
शिव जी का ध्यान करने से अकाल मृत्यु भी टलती है।
काम के तनाव से बचने के लिए शिव की महिमा करनी चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है। संसार से उम्मीद खो बैठा व्यक्ति जब महादेव की शरण में आता है तब उसे आत्मबल मिलता है। उसकी इक्छाशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
महादेव की भक्ति तथा विधि-विधान पूजा करने से शत्रुता का नाश होता है। समाज में मान-सम्मान मिलता है और यश व ख्याति की प्राप्ति होती हैं। शिव पूजा करने से हमारे शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है तथा हमारा बल और साहस बढ़ता है।

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शिव पूजा से दूर होगा चंद्र दोष

कुंडली में चंद्र अशुभ स्थिति में हो तो जीवन में बहुत सी समस्याएं आ जाती हैं। चंद्र ग्रह दोष हमारे जीवन में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभाव डालता है। इससे जीवन में परेशानियां आने के साथ ही स्वास्थ्य भी खराब रहता है।
इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों के अनुसार, सोमवार के दिन शिवजी की विधि-विधान पूजा करने से चंद्रमा शांत होता है।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः मंत्र का उच्चारण करने के साथ रुद्राक्ष की माला का जाप करने से चन्द्र दोष दूर होता है। शिवालय में जाकर प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर चांदी के लोटे से दूध अर्पित करें। साथ में सफेद वस्तुएं जैसे दही, सफेद कपड़े, सफ़ेद चंदन भी अर्पित करें। पूरी भक्ति के साथ महादेव की आराधना करने से चंद्र दोष निश्चित ही दूर हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त रविवार रात को कच्चा दूध अपने सिरहाने रखकर सोएं और सोमवार सुबह उसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें। ऐसा करने से भी चंद्र दोष दूर होता है। ऐसे अन्य उपायों के लिए पढ़ते रहिए इंस्टाएस्ट्रो के विशेषज्ञों को।

Shiv puja se dur kare chandra dosh

हर समस्या का निवारण, महादेव की शरण –

सोमवार के दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने से नौकरी और व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है।
जल में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने से वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
सोमवार को शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल अर्पित करने से पैसों का आगमन होता है।
सोमवार शाम कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर दान करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-

1. क्या है शिव पूजा का महाउपाय ?

भगवान शिव की पूजा में सफेद चंदन के उपयोग का विशेष महत्व है। मान्यता है कि प्रतिदिन शिवलिंग पर सफेद चंदन से त्रिपुंड बनाने से और बचे हुए चंदन को अपने माथे पर लगाने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। यह शिव पूजा का महा उपाय है।

2. क्या है शिव पूजा का सही समय ?

महादेव की पूजा का सबसे उत्तम और सही समय काल प्रदोष का समय माना गया है। काल प्रदोष अर्थात सूर्यास्त के एक घंटे पूर्व या एक घंटे बाद का समय।

3. शिव पूजा में किन सामग्री की आवश्यकता होती है ?

अभिषेक के लिए गाय का कच्चा दूध, दही, पवित्र गंगाजल। फूल, फल, बिल्वपत्र, धतूरा, शमी पत्र, शुद्ध घी, शहद, इत्र, कपूर, धूप, दीप, मौली, जनेऊ, मिठाई, भांग, भस्मी, चन्दन।

4. शिव पूजा का विधि-मंत्र क्या है ?

ॐ नमः शिवाय ये महादेव का मूल मंत्र है। सावन मास में रोज कम से कम 108 बार इसका जाप करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और कष्टों का निवारण करते हैं। ये मंत्र बहुत आसान है अतः इसका उच्चारण कोई भी कर सकता है।

5. क्या है महादेव को चढ़ाने वाले रुद्राक्ष का महत्व ?

भगवान शिव की पूजा में रुद्राक्ष को जरूर चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। अत्यंत ही पवित्र और चमत्कारी रुद्राक्ष के बीज को शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस रूद्र मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है – ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

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Yashika Gupta

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