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कुंडली में मौजूद श्रापित दोष के प्रभाव और इसके उपाय

By June 7, 2023December 14th, 2023No Comments
Kundli Me Shrapit Dosh

कुंडली में श्रापित दोष होना एक आम इंसान के जीवन को तहस-नहस कर देता है। श्रापित दोष को शापित दोष भी कहा जाता है। यदि यह दोष किसी व्यक्ति की जन्म-कुंडली में होता है तो, उसके ऊपर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। श्रापित दोष कुंडली में जब शनि ग्रह और राहु ग्रह एक साथ होते हैं तो यह श्रापित दोष मनुष्य को लगता है। यदि आप अपने जीवन की दिक्कतों से परेशान हो गए हैं, और अब आपका मन हमेशा उदासीनता से भरा रहता है। आपके करियर में जो तरक्की होनी थी वह रुक गयी है तो इसका अर्थ होता है की आपकी कुंडली में श्रापित दोष हो सकता है।

शापित दोष कुंडली में आपके पिछले जन्म में किये गए गलत कार्यों की वजह से लगता है। अपने पिछले जन्म में जातक ने जो कार्य किये हैं वह सब उनको भुगतने पड़ते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि जातक शापित दोष का उपाय समय से नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव बहुत बुरा पड़ता है। अगर श्रापित दोष जातक की कुंडली में लग जाता है तो वह उसका सोना, उठना, बैठना, खाना सब मुश्किल कर देता है। इसलिए इसके उपाय करने जरूरी होते हैं, श्रापित दोष के उपाय और श्रापित दोष के प्रभाव जानने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें।

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श्रापित दोष

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार श्रापित दोष तब बनता है जब जातक की कुंडली में राहु और शनि ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें ,आठवें और बारहवें घर में युति करते हैं। शापित दोष मनुष्य के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। शापित दोष के व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव डालता है, आगे पढ़े।

श्रापित दोष के प्रभाव

  • श्रापित दोष यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग जाता है तो या तो वह खुद या कोई उसके घर का व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है।
  • उसके घर में हमेशा आर्थिक संकट बना रहता है उसका व्यापार तरक्की नहीं कर सकता है।
  • जातक का विवाह होने में बहुत बाधा आती है और विवाह के पश्चात उसका वैवाहिक जीवन बहुत अस्त-व्यस्त हो जाता है। उसके घर में हमेशा लड़ाई झगड़ा बना रहता है। स्थिति इस हद तक खराब हो सकती दोनों का तलाक हो जाये।
  • शापित दोष जिसकी कुंडली में होता है उसे कभी संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है या बार-बार गर्भपात होता है।
  • कुंडली में शापित दोष होने से जातक ढंग से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता है। उसे अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है परन्तु फिर भी वह सफलता प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता।
  • कुंडली में श्रापित दोष होने से जातक के अधिक दुश्मन होंगे। और वह अधिक मुद्दों की लड़ाई के लिए कोर्ट केस में फंसा रहता है।
  • आर्थिक और मानसिक रूप से जातक को तनाव रहेगा। वह चैन की नींद नहीं सो पाएगा।
  • जातक का पारिवारिक जीवन कष्टों से भर जाता है। उसके जीवन अत्यधिक परेशानियां सामने आती हैं। इनसे निपटने के लिए जातक को श्रापित दोष निवारण उपाय करने चाहिए।
  • नौकरी में या अपने व्यापार में बार-बार रोक-टोक लगती है और काम सफल नहीं हो पाता है।
  • कुंडली में श्रापित दोष के होने से अन्य शुभ दोष भी कमजोर पड़ जाते हैं। जिसकी वजह से शुभ कर्म का कोई फल भी जातक को नहीं मिल पाता है।

Shrapit Dosh Effects

श्रापित दोष के निवारण उपाय

  • श्रापित दोष लगने से किसी भी व्यक्ति का जीवन बिगड़ जाता है जब तक वह श्रापित दोष के उपाय नहीं करता इसका प्रभाव भी कम नहीं होता है। तो आइए जानते हैं श्रापित दोष के उपाय।
  • श्रापित दोष के प्रभाव को कम या खत्म करने के लिए रोज अपने से बड़े लोगों को नमस्कार करें। उनके सभी काम अपने हाथों से करें। रास्ते में यदि कोई किसी वजह से पीड़ित है तो उसकी जरूर मदद करें।
  • शनिवार और मंगलवार के दिन पीड़ित जातक बिना कुछ खाये, मौन व्रत रख कर चावल बनाकर उसमे गाय का घी डाल कर गाय, मछली और कौओं को खिलाएं। इस उपाय को करने से लाभ होता है।
  • शनि और राहु ग्रह श्रापित दोष को कम करने के लिए पूजा करवाएं। पूजा करवाने से कुंडली में बैठे ग्रह शांत हो जाते हैं।
  • श्रापित दोष से पीड़ित मनुष्य को शनि मन्त्र ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः और राहु मन्त्र ओम् भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
    का दिन में 108 बार जाप करना चाहिए।
  • यदि संभव हो सके तो जल में थोड़ा गाय का दूध मिला कर उसमें हल्दी डाल लें और शिव मंदिर में जाकर प्रतिदिन शिवलिंग पर अर्पित करें। यदि प्रतिदिन संभव नहीं है तो सोमवार और शनिवार के दिन यह उपाय करें।
  • शनिवार के दिन शनि मंदिर पर जाकर शनिदेव के आगे दीपक जलाएं और अपनी चप्पलें मंदिर के बहार ही छोड़ दें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  • शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान भगवान, शिव भगवान और मर्यादा पुरुषोत्तम राम भगवान की पूजा करें। इनकी पूजा करने से श्रापित दोष के दुष्प्रभाव खत्म होते हैं।
  • शनि और राहु दोष के रत्न को धारण करें। रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य सलाह से बिना सलाह के रत्न धारण न करें। बिना सलाह के रत्न धारण करने से इसके दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। यह श्रापित दोष के निवारण उपाय में से एक महत्वपूर्ण उपाय है।
  • निर्धन और दिव्यांग लोगों की मदद करें। निर्धन लोगों में अन्न और कपड़े दान करें। दिव्यांग लोगों की काम में मदद करें।
  • शनिवार के दिन मंदिर जाकर वहां सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित करें और काली उड़द की दाल शनिदेव और राहु दोनों को अर्पित करें। ऐसे करने से श्रापित दोष के दुष्प्रभाव खत्म होंगे।

Shivling Par Dudh Chadhana

श्रापित दोष लगने का नतीजा

किसी भी व्यक्ति के जीवन पर कुंडली में श्रापित दोष लगने का नतीजा उसके जीवन की सभी समस्याओं का कारण होता है। श्रापित दोष लगने की वजह से उसका पूरा जीवन तहस नहस हो जाता है। उसके वैवाहिक जीवन से लेकर उसके बच्चे होने तक में उसे परेशानियां होती हैं। कुंडली में यह दोष हमेशा के लिए भी होता है और हो सकता है कि यह कुछ समय की अवधि के लिए ही हो।

इसका असर कम होगा यदि जातक की कुंडली में श्रापित ग्रह से ज्यादा मज़बूत ग्रह उच्च राशि में स्तिथ हो। परन्तु यदि ऐसा नहीं होता है तो जातक के लिए यह परेशानी का कारण बन सकता है और यदि कुंडली में ग्रहों मारक महादशा या अंतर्दशा होती है, उसके बाद जातक को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही यदि शनि, राहु, केतु और मंगल एक घर में स्थित हो जाते हैं तो इसका नतीजा बहुत ही भयानक साबित होता है।

Shrapit Dosh Nagative Effects

कुंडली में श्रापित दोष का कैसे पता करें

कुंडली में यदि शनि और राहु ग्रह की युति हो रही है और शनि राहु पर अपनी बुरी दृष्टि डाल है तो इससे पता चलता है की जातक की कुंडली में ग्रह दोष लगा हुआ है। कुंडली में शापित दोष को जानने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से बात करके जानना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. श्रापित दोष कितने समय तक रहता है?

शापित दोष का समय मनुष्य के पिछले जन्मों के ऊपर आधारित रहता है। उसके जितने करम खराब रहते हैं उसका उतना ही समय शापित दोष से प्रभावित रहता है।

2. शापित दोष को कैसे दूर करें?

कुंडली में शापित दोष दूर करने के लिए शनि और राहु की पूजा करें। उनके नाम से शनि मंदिर में तेल का एक दीपक जलाएं।

3. शापित दोष क्या होता है?

जब किसी मनुष्य की कुंडली में शनि और राहु ग्रह एक ही घर में विराजमान हो जाते हैं तो जातक की कुंडली में शापित दोष लगता है।

4. शापित दोष का सबसे बुरा प्रभाव क्या होता है?

जातक हमेशा बीमार रहने लगता है, उसकी आर्थिक स्तिथि खराब हो जाती है, परिवार में कलह होने लगती है, उसको संतान का सुख प्राप्त नहीं होता है, घर के लोग भी साथ छोड़ देते हैं।

5. शापित दोष का प्रभाव कम कब होता है?

यदि जातक की कुंडली में शनि और राहु ग्रह से मज़बूत शुभ ग्रह उसकी कुंडली में बैठे हो तो जातक पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता है। उसके जीवन में परेशानियां कम होने की सम्भावना होती है।

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कुंडली से श्रापित दोष को दूर करने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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