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किस धार्मिक माला से किस देवता के मंत्रों का जप करने से मिलता है लाभ

By June 12, 2023December 14th, 2023No Comments
Dharmik Mala

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार हिन्दू धर्म में लोग अपने मन की शांति और अपनी आत्मा की शांति के लिए माला जपते हैं। माला जपने से लोगों का चित्त शांत रहता है और उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। माला जपने से भगवान भी प्रसन्न रहते हैं। लेकिन अक्सर व्यक्ति किसी की सलाह पर माला जपने तो लगता है परन्तु उसे माला जपने का सही तरीका और कौन से मंत्र के लिए कौन सी माला का प्रयोग करना चाहिये ये नहीं पता होता है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को सभी मन्त्रों के लिए एक माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को उतना लाभ नहीं मिल पता है जितने का वह हक़दार होता है। इसलिए शास्त्रों में बताया गया है की किस मंत्र के लिए जातक को कौन सी माला का प्रयोग करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है की संख्या के अनुसार 2 प्रकार की माला होती हैं, एक छोटी माला जिसमें 54 मोती होते हैं और एक बड़ी माला जिसमें 108 मोती होते हैं। इसी प्रकार से कई प्रकार की मालाएं होती हैं जैसे रुद्राक्ष की माला, तुलसी की माला, हल्दी का माला, चन्दन की माला इसी तरह से कई प्रकार की जप मालाएं होती है लेकिन सब का अपना अलग अलग महत्व होता है। आइए जानते हैं किस माला का जप कौन से मन्त्र के लिए किया जाता है।

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भिन्न मंत्र की भिन्न माला

1. तुलसी की माला

तुलसी की माला का प्रयोग मुख्य रूप से विष्णु भगवान के मंत्रो का जप करने के लिए किया जाना चाहिए। इसके अलावा तुलसी की माला का प्रयोग भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण के मंत्रों के जप करने के लिए भी किया जाता है। तुलसी की माला से विष्णु भगवान, राम भगवान और कृष्ण भगवान के मंत्रों का जाप करने से जातक की बुद्धि श्रेष्ठ होती है और उसका मन प्रसन्न रहता है। नीचे दिए गए भगवान विष्णु, भगवान राम और भगवान कृष्ण के कुछ मंत्रों के द्वारा तुलसी की माला से जाप करना चाहिए।

ॐ विष्णवे नमः
क्लेशनाशक मंत्र : ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
राम… राम…राम
ॐ हं हनुमते नमः

यहाँ दिए गए यह मंत्र तुलसी माला से जपने से चाहिए। यह मंत्र जपने से जातक कभी निर्धन नहीं होगा और उसके घर में कलह की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।

Tulsi Ki Mala

2. रुद्राक्ष की माला

रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव महादेव के मंत्रों का जाप किया जाता है। अक्सर लोग रुद्राक्ष माला से सभी मन्त्रों का जप करने लगते हैं परंतु इसके कुछ लाभ प्राप्त नहीं होता है। रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव अधिक प्रसन्न रहते हैं। इस माला से जाप करने से शिव का आशीर्वाद जातक पर बना रहता है और वह मृत्यु के बाद सीधा देव लोक में जाता है। नीचे दिए गए कुछ शिव मंत्र जिससे रुद्राक्ष की माला के द्वारा जाप किया जाता है।

ॐ नम: शिवाय।
महामृंत्युजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो॥
शंकराय नमः ।
ॐ महादेवाय नमः।
ॐ महेश्वराय नमः।
ॐ श्री रुद्राय नमः।

यह सभी मंत्र महादेव को प्रसन्न करने के लिए होते हैं। इन मंत्रो का प्रतिदिन 108 बार जप करने से भगवान शिव मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इन सभी मंत्रों का जप रुद्राक्ष की माला के द्वारा करना चाहिए। रुद्राक्ष की माला से जाप करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास प्रबल होता है और भगवान शिव हमेशा अपना आशीर्वाद जातक पर बनाये रखते हैं।

3. कमलगट्टे की माला

कमलगट्टे की माला बहुत शुभ होती है परन्तु सभी प्रकार के मंत्रों का इससे जप नहीं करना चाहिए। कमलगट्टे की माला विशेष रूप से माता लक्ष्मी, माता दुर्गा, मां काली और विष्णु भगवान के मन्त्रों का जप करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। कमलगट्टे की माला से जाप करने से माँ दुर्गा के सभी रूपों से वरदान जातक को प्राप्त होता है। माता लक्ष्मी की भी कृपा घर में बनी रहती है। घर में कलह नहीं होती है। नीचे दिए गए मंत्रों का जाप कमलगट्टे की माला से करना चाहिए।

‘ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै’
ॐ कालिके नमः।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

इन सभी मन्त्रों का जप कमल गट्टे की माला के द्वारा किया जाता है और इन मंत्रों से माता लक्ष्मी माता काली और माता दुर्गा की आराधना की जाती है। इन मंत्रों के द्वारा जाप दुश्मनों का अंत होता है। और घर में माता लक्ष्मी का वास रहता है। माता दुर्गा का अपार कृपा बनती है।

Kamalgatte Ki mala

4. वैजयंती की माला

वैजयंती की माला भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और सूर्य देव की आराधना की जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार वैजयन्ती की माला से सूर्य देव और भगवान विष्णु की आराधना यदि की जाती तो जातक के ऊपर जिस भी ग्रह का दोष लगा हुआ है वह हट जाता है और वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है। नीचे दिए गए मंत्रों के द्वारा वैजयंती की माला का जाप करना चाहिए।

ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’
ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य: ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। ‘

इन सभी मंत्रों का जप करने से सभी ग्रहों की बुरी दशा कुंडली से समाप्त हो जाती है और जातक को जीवन में कभी कोई बीमारी नहीं लगती है। इस माला से विशेष रूप से शनि देव की बुरी दशा को दूर करने के लिए भी मंत्र जाप किया जाता है। इससे शनि की बुरी दृष्टि दूर होती है।

5. चन्दन की माला

चन्दन की माला का प्रयोग माता दुर्गा के नौ स्वरूपों, धन की देवी माता लक्ष्मी, राम भगवान, कृष्ण भगवान, महासरस्वती माता, गायत्री माता के मंत्रों का उच्चारण करने के लिए किया जाता है। चन्दन 2 प्रकार का होता है सफ़ेद और लाल दोनों प्रकार के चन्दन की माला का अपना अलग महत्व होता है। सफ़ेद चन्दन की माला का प्रयोग माता सरस्वती मंत्र, माता लक्ष्मी मन्त्र और माता गायत्री के मन्त्र का जप किया जाता है। इस माला के द्वारा जाप करने से किसी पर मंगल ग्रह के लगे दोष भी खत्म होते हैं। नीचे दिए गए मंत्रों से जानिए चन्दन की माला का महत्व।

ॐ दुर्ग दुर्गाय नमः
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ||
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

इन मंत्रों का जाप चन्दन की माला से करना चाहिए जातक को उसके व्यापार में कभी कोई परेशानी नहीं आती है और साथ ही वह मंगल दोष से मुक्त हो जाता है।

Chandan Ki Mala

6. हल्दी का माला

हल्दी का माला से गुरु बृहस्पति और माँ बगलामुखी के मंत्रों का जप किया जाता है। माता बगलामुखी और गुरु बृहस्पति के मंत्रों का जप करने से जीवन के सभी बुरे पाप खत्म होते हैं और जातक का मन शांत रहता है। दुश्मनों का अंत होता है। कुंडली में बृहस्पति ग्रह मज़बूत होता है जिसकी वजह से जातक की कुंडली में कई मज़बूत योग बनते हैं। नीचे दिए गए मंत्रों का हल्दी की माला से जाप करें।

देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदम् स्तम्भय ।
जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

इन सभी मन्त्रों का जप हल्दी माला के द्वारा करने से गुरु बृहस्पति और माता बगलामुखी प्रसन्न होती हैं। कुंडली में बृहस्पति ग्रह मज़बूत होता है और भूत परैत एवं दुश्मनो का अंत होता है।

7. स्फटिक की माला

स्फटिक की माला से मां जगदम्बा, माता सरस्वती और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप किया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार स्फटिक की माला ऐसी होती है जिससे जातक किसी भी मंत्र का जप कर सकता है परंतु माता जगदम्बा, माता सरस्वती और माता लक्ष्मी के मंत्रों का इस माला से जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। नीचे दिए गए कुछ मंत्रों का जप इस माला के द्वारा करना चाहिए

पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्नर्नाम नामत:।।’
दरिद्रता नाशक मंत्र : ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

इन सभी मंत्रों से जाप करने से घर में लक्ष्मी आती है, और माता सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पढ़ाई में मन लगता है और जीवन में मनुष्य उच्च पद को हासिल करता है।

Staftik Ki Mala

माला जपने के नियम

अभी हमने जाना की धार्मिक मालाएं कितने प्रकार की होती हैं और उनके द्वारा हम किस मंत्र से जाप कर सकते हैं। परंतु माला जपने से पहले कुछ नियम और कायदे कानून होते हैं। माला के नियम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन नियमों का पालन करके ही माला जपने का पूरा लाभ जातक को मिलता है। आइए जानते हैं क्या हैं माला के नियम

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करके थोड़ा सा जल एक तांबे के लोटे में पूजा स्थल पर भर कर रख दें।
  • थोड़ा सा गंगा जल लेकर पूजा स्थल में छिड़क दें और साथ साथ गायत्री मंत्र बोलते रहें। माला को भी गंगा जल डाल कर और गायत्री मंत्र पढ़ कर शुद्ध करें।
  • अब अपने सीधे हाथ में थोड़ा सा जल लेकर 3 बार जल से आचमन करें। हर बार जल आचमन से पहले नीचे दिए गए तीन मंत्रों में से एक मंत्र बोलें।
    ॐ अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा।।
    ॐ अमृतापिधानमसि स्वाहा।।
    ॐ सत्यं यश: श्रीमयि श्री: श्रयतंता स्वाहा।।
  • जब आप माला का जप कर रहें हो तो इस बात का विशेष ध्यान रखें माला धरती को छू न रही हो और आपके पैरों के ऊपर हो। अधिक ऊपर भी माला को जपना नहीं चाहिए।
  • माला पर धूल मिट्टी नहीं लगनी चाहिए यदि माला जरा भी गंदगी दिखे तो उसे साफ करके धो कर रखें और माला को इधर उधर फेंकने से बचें। उसे हमेशा पूजा की दराज में रखें।
  • जप करते समय अपनी आंखों को न खोलें और जो मंत्र आप बोल रहे हैं अपना सारा ध्यान उसी मंत्र पर रखें। यदि आंखें खोलनी हैं तो पूजा के दीपक को जलती लो पर अपना सारा ध्यान रखें।

Mala Chanting Rules

गले में माला पहनने का क्या महत्व होता है

यदि गले में आप कोई धार्मिक माला पहनते हैं तो इसे पहनने से कोई पाप नहीं लगता है। माला को कुछ नियमों के साथ गले में पहना जा सकता है और धार्मिक माला गले में पहनने से जातक को बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है। उसका मन और आत्मा शांत रहते हैं। वह भगवान की भक्ति में लीन हो जाता है। उसे कभी कोई कष्ट नहीं होता है। आइए जानते हैं माला गले में पहनने के क्या नियम होते हैं।

  • सुबह नित क्रिया से पहले गले से माला निकाल देनी चाहिए।
  • जब कोई यौन क्रिया करें तब भी यह माला नहीं पहननी चाहिए। माला पहनने के दौरान भ्रमचरिया का पालन करें।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार माहवारी के दौरान कोई भी धार्मिक माला न पहनें।
  • कोई भी मांसाहारी, मदिरा और तामसिक भोजन लेने वाला व्यक्ति धार्मिक मालाओं को अपने गले में न पहनें।
  • माला को रोज गले से निकाल कर गंगाजल से शुद्ध करें और तब पहनें। ऐसा करने से माला हमेशा पवित्र रहती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. माला जपने का सही समय क्या है?

माला जपने का सही समय सुबह सूर्योदय से पहले का होता है सुबह 4 बजे से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में माला जपने से अधिक लाभ मिलता है।

2. एक माला में कितने मनके होते हैं?

एक माला के अंदर 108 मनके होते हैं। लेकिन ऐसी माला भी होती हैं जिनके अंदर 51 मनके होते हैं।

3. कौन सी माला जप करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मालाओं का अपना अलग महत्व है। प्रत्येक माला किसी न किसी देवता के जप के लिए शुभ मानी जाती है, परंतु तुलसी माला और रुद्राक्ष माला से किसी भी मंत्र का जप कर सकते हैं। कुछ अशुभ नहीं होता है।

4. माला शुरू करने से पहले कौन से नियम जरूरी हैं?

माला शुरू करने से पहले माला को गंगा जल से उसे शुद्ध करें। और 3 बार खुद भी गंगा जल पीकर अपने आप को शुद्ध करें।

5. तुलसी की माला से कौन भगवान के मन्त्रों का जप करें?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार तुलसी की माला से विशेष रूप से विष्णु भगवान, श्री कृष्ण भगवान, राम भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए।

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आप किसी भी माला को खरीदने से पहले इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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