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जानें खाने की थाली के चारों तरफ जल छिड़कने के पीछे का रहस्य और महत्व

By June 20, 2023December 14th, 2023No Comments
Khane Ki Thali

हिन्दू धर्म में प्रत्येक चीज के पीछे एक अर्थ जरूर निकलता है और हर काम को करने से पहले भी कुछ न कुछ नियम बनाए गए हैं। भले ही आजकल अधिकतर लोग उन नियमों का पालन नहीं करते हैं। परंतु ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इन नियमों का यदि कोई पालन करता है तो उसको स्वास्थ्य लाभ से लेकर उसके जीवन में अच्छा परिवर्तन भी आता है। इन कार्यों के नियमों में से कुछ नियम खाना खाने के लिए भी बनाए गए हैं। इन नियमों का न सिर्फ ज्योतिष में बल्कि विज्ञान में भी बहुत अधिक महत्व है।

अक्सर अपने अपने घर के बड़े बुर्जुर्गों को खाना खाते देखा होगा तो नोटिस किया होगा की वह अपने खाने की थाली के चारों और हाथ में जल लेकर एक मंत्र के साथ घुमाते हैं। क्या आप जानते हैं की थाली के चारों ओर पानी के रहस्य क्या है? इसके पीछे एक कारण नहीं हैं बल्कि अनेकों कारण हैं। ज्योतिष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार इससे होने वाले लाभ यदि आपको पता चलेंगे तो आप भी ऐसा करना चाहेंगे। आज हम आपको इस लेख के द्वारा खाने की थाली के चारों ओर पानी के रहस्य क्या है इसकी जानकारी कराएंगे। जानने के लिए आगे पढ़ें।

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पानी छिड़कने का ज्योतिष महत्व

भोजन की थाली के चारों ओर पानी छिड़कने का हमारे शास्त्रों में बहुत ही सरलता के साथ वर्णन किया गया है। जब आप खाने की थाली को लेकर बैठते हैं तो आपके आस-पास कुछ ऐसी चीजें आ जाती हैं जिनपर आप ध्यान नहीं देते हैं। पहले के समय में लोग या घर के बड़े बुजुर्ग लोग आज भी खाने की थाली के चारों तरफ जल छिड़कते हैं। क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब यह जल खाने की थाली के चारों तरफ छिड़का जाता है तो साथ में एक मंत्र का उच्चरण भी किया जाता है, उस मन्त्र के उच्चारण से वह जल पवित्र हो जाता है जिससे आपके खाने की थाली के आस पास की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती है और आपके ऊपर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है। आइए अब हम आपको बताते हैं की ज्योतिष के अनुसार क्यों आप भोजन की थाली के चारों ओर पानी छिड़कें और खाने के नियम क्या हैं।

Food Thali

पानी छिड़कने के ज्योतिषी कारण

  • नकारात्मक ऊर्जा को करे दूर

ज्यादातर घर के लोग जब बाहर से आते हैं, तो कुछ समय तक खाना नहीं खाते हैं खासकर रात के समय में ऐसा होता है। लेकिन पहले के समय में लोग कितने भी देर तक बाहर हों घर आकर सबसे पहले खाना ही खाते थे। इन दोनों के बीच यह अंतर है कि जो लोग पहले होते थे वह जल से अपने खाने के पास आयी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते थे और जल से बनी उस रेखा के अंदर ही अपनी प्लेट रखते थे। परन्तु आज के समय में लोग ऐसा नहीं करते हैं वह खाने के आस पास की जगह को बिना शुद्ध किये ही भोजन करने लगते हैं। लेकिन यह रवैया जातक पर भारी पड़ सकता है। भोजन के साथ आपके अंदर नकारात्मकता आ सकती है। जिसका आपको बहुत धीरे धीरे पता चलता है। इसलिए भोजन की थाली के चारों ओर पानी छिड़कें।

  • माँ अन्नपूर्णा होती हैं प्रसन्न

ऐसा माना जाता है की भोजन की थाली के आस पास जल छिड़कने से माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद जातक को मिलता है। उसके घर में कभी खाने का अभाव नहीं होता है। इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जाता है कि ऐसा करके जातक माता अन्नपूर्णा का धन्यवाद करते हैं क्योंकि माता अन्नपूर्णा को भोजन की देवी माना जाता है। जातक भोजन के चारों ओर जल छिड़क कर माता के प्रति उनका आभार प्रकट करता है और हाथ जोडकर उनसे सदा इसी तरह भोजन प्राप्ति की कामना करता है। ऐसा करने से माता अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और जातक को खाने कमाने की किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। माता अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से घर में तैयार होने वाला भोजन भी स्वादिष्ट बनता है। इसलिए भोजन बनाने वालों और भोजन को ग्रहण करने वालों को माता अन्नपूर्णा का भोजन करने के प्रत्येक समय में धन्यवाद करना चाहिए।

Maa Annapurna Devi

  • इष्ट देव और पितृ होते हैं प्रसन्न

खाने की थाली के चारों ओर जल छिड़कने से आपके घर के इष्टदेव और पितृ प्रसन्न होते हैं। उन्हें यह देख कर ख़ुशी होती है की घर की अगली पीढ़ी भी उनके द्वारा शुरु कि गयी प्रथाओं को चला रहा है। इससे आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही साथ घर के इष्टदेव का भी आशीर्वाद मिलता है जिससे आपके बिगड़े काम भी बनने लगते हैं।

  • खाने को सम्मान

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार खाने को हमेशा नीचे बैठ कर सभी नियमों का पालन करके खाना चाहिए। भोजन के चारों तरफ पानी ड़ाल कर कर खाएं क्योकिं शास्त्रों में एक व्याख्या यह भी मिलती है की ऐसा करने से हम भोजन को मान सम्मान देते हैं।

पानी छिड़कने का वैज्ञानिक महत्व

यदि आप ज्योतिषी पर इतना यकीन नहीं करते हैं तो थाली के चारों ओर पानी छिड़कने का विज्ञान में भी अधिक महत्व बताया गया है। वैज्ञानिक दृश्टिकोण से खाना खाने से पहले पानी छिड़कने को इसलिए जरुरी बताया गया है क्योकिं इससे हमारे खाने में धूल और मिट्टी नहीं जाती है। दरशल पुराने समय में सभी लोगों के घर मिट्टी के बने होते थे और सभी लोग नीचे बैठ कर ही भोजन ग्रहण करते थे जिस वजह से उनके खाने में धूल मिट्टी चली जाती थी। और इसी धूल मिट्टी को दूर करने के लिए लोग अपने भोजन की थाली के चारों और जल छिड़कते हैं। अब हम आपको जल छिड़कने के वैज्ञानिक कारण बताएंगे।

  • कीड़ों से सुरक्षा

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अंतर्गत भोजन की थाली के चारों ओर जल छिड़कने से भोजन के थाली के आस पास के कीड़ों का अंत होता है। और वह भोजन के अंदर नहीं जा पाते। जिससे आप बच जाते हैं।

  • धूल- मिट्टी से सुरक्षा

अक्सर जब आप नीचे बैठ कर भोजन ग्रहण करते हैं तो आपके आस पास धूल मिट्टी होती है। भोजन के चारों ओर जल डालकर ग्रहण करने से आपके भोजन में धूल मिट्टी नहीं जाती है। जिससे आपके अंदर किसी तरह का कोई संक्रमण जाने का खतरा नहीं रहता है।

  • स्वास्थ्य ठीक रहना

भोजन के चारों जल छिड़कने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं। अगर आप अपने भोजन के चारों और जल ड़ाल कर भोजन ग्रहण करेंगे तो धूल मिटटी और छोटे छोटे न दिखाई देने वाले कीड़े आपके खाने में नहीं जा पाएंगे और आप बीमार नहीं होंगें।

भोजन करने के नियम

अभी तक आपने जाना की भोजन के चारों ओर जल डालने का ज्योतिषी महत्व और वैज्ञानिक महत्व क्या है। अब हम आपको बताएंगे की ज्योतिष के अनुसार भोजन नियम और खाने के नियम क्या हैं? इन भोजन नियम का पालन करके आपको अपना भोजन ग्रहण करना चाहिए। जानने के लिए आगे पढ़ें।

  • भोजन ग्रहण करने का सबसे पहला नियम यह है की जातक को नीचे जमीन पर बैठ कर भोजन ग्रहण करना चाहिए। जमीन पर बैठ कर भोजन ग्रहण करने से जातक का मन स्थिर रहता है और वह शांति से भोजन करता है।
  • भोजन करने के पहले अपने हाथों में जल लेकर अपनी प्लेट के चारों ओर इस मंत्र के उच्चारण के साथ घुमाएँ। ‘ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे’। इससे आपको लाभ होगा। आपकी प्लेट में कभी खाने की कमी नहीं होगी।
  • भोजन ग्रहण करने से पहले देखें के आपके आस-पास कोई जूती या चप्पल न पड़ी हो। जूती- चप्पल के आस पास होने से नकारात्मकता भोजन के पास आती है।
  • कभी भी अपने बिस्तर पर बैठ कर भोजन न ग्रहण करें। शास्त्रों में बिस्तर पर भोजन ग्रहण करने को गलत माना गया है। बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से घर में कंगाली आती है और घर के लोगों के बीच में मनमुटाव होने से लेकर बड़ी लड़ाई तक होने लगती हैं।
  • खड़े होकर भोजन ग्रहण न करें इसके पीछे ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों मत होते हैं। विज्ञान के अनुसार खड़े होकर भोजन करने से जातक का पाचन तंत्र खराब हो जाता है और उसे स्वास्थय सम्बन्धी समस्याएं होने लगती हैं। वहीं दूसरी और ज्योतिष के अनुसार खड़े होकर भोजन ग्रहण करने से भोजन दूषित हो सकता है और भोजन की तरफ नकरात्मक शक्तियां आकर्षित हो सकती हैं इसलिए भोजन हमेशा बैठ कर ही करना चाहिए। इससे आपको लाभ मिलेगा।
  • यदि आपको खड़े होकर भोजन करना मज़बूरी है तो आपको यह अपने पैरों से चप्पल निकाल कर करना चाहिए। पैरों में चप्पल पहनकर भोजन ग्रहण करने से भोजन का अपमान होता है। भोजन का अपमान का मतलब माता अन्नपूर्णा का भी अपमान हैं।

Food Thali

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-

1. भोजन जमीन पर बैठ कर क्यों खाएं?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार भोजन जमीन पर बैठ कर खाने से भोजन को सम्मान दिया जाता है। इससे आपका मन स्थिर रहता है।

2. खाने की थाली के चारों ओर जल छिड़कने का क्या अर्थ है?

खाने की थाली के चारों ओर जल छिड़कने से खाने के आस पास नकारात्मकता नहीं आती है। भोजन शुद्ध रहता है।

3. खाने की थाली के चारों ओर जल छिड़कने का वैज्ञानिक महत्व?

ऐसा करने से भोजन के अंदर धूल नहीं जाती है और जातक को संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।

4. खड़े होकर भोजन क्यों न करें?

खड़े होकर भोजन करने से नकारात्मकता भोजन की तरफ आकर्षित होती है। और भोजन प्रदूषित होता है।

5. बिस्तर में भोजन क्यों न करें?

बिस्तर पर भोजन करने से घर से सुख समृद्धि चली जाती है। और लोगों के बीच मनमुटाव होता है।

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