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जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा का महत्व

By January 30, 2023December 5th, 2023No Comments
Jyotish shastra Ke Anusar Chandrama ka Mahtav

वैदिक ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में चंद्रमा का अत्यधिक विशेष महत्व और स्थान होता है। किसी जातक की चंद्र राशि पता करने के लिए कुंडली में चंद्रमा की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वही राशि जातक की चंद्र राशि कहलाती है। तो आइए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से जानते हैं ज्योतिष और कुंडली में चंद्रमा का महत्व

सभी ग्रहों से तेज होती है चंद्रमा की गति

नवग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे तेज होती है और चंद्र ग्रह किसी भी राशि में सबसे कम समय के लिए ही गोचर करता है। लगभग सवा दो दिनों में ही चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर लेता है।

Navgrah me Chandrma

जानिए वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा के बारे में

  • ज्योतिष शास्त्र में राशिफल की गणना के लिए जातक की चंद्र राशि को आधार बनाया जाता है। चंद्रमा को एक शुभ ग्रह माना गया है।
  • ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह को पिता और चंद्र ग्रह को स्त्री ग्रह माना जाता है।
  • कर्क राशि के स्वामी होते हैं चंद्रमा ग्रह। साथ ही रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र के भी स्वामी होते हैं।
  • इसे मन, माता, मनोबल, बायीं आँख और छाती का कारक ग्रह माना जाता है।
  • चंद्रमा जल तत्व के देवता माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा अत्रि ऋषि और माता अनुसूया की संतान हैं।
  • चंद्र ग्रह सोलह कलाओं से युक्त होते हैं। और वायव्य दिशा के स्वामी माने जाते हैं।

Vedik Jyotish Me Chandrama

कुंडली में चंद्रमा ऐसा फल देता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्रमा का फल नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार का हो सकता है –
यदि किसी जातक की कुंडली के लग्न भाव में चंद्रमा होता है तो वह जातक देखने में सुंदर, कल्पनाशील और संवेदनशील होता है। इन लोगों को कला से संबंधित क्षेत्रों में भी रूचि होती है। ये संगीत और कला प्रेमी होते हैं। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होने से जातक की मानसिक स्थिति भी मजबूत होती है। और वह सुखी रहता है। ऐसा व्यक्ति अपनी माता के भी करीब होता है।

Kundli me Chandrama

कमजोर चंद्रमा के संकेत इस प्रकार हैं

यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है तो उसकी मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है। वह भुलक्कड़ बन जाता है।
कमजोर चंद्रमा के लक्षण

  • चंद्रमा के कमजोर होने पर जातक को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वह मुश्किल समय में आत्महत्या करने की कोशिश करता है।
  • जातक को अत्याधिक तनाव हो जाता है। वह अपने विचारों पर नियंत्रण नहीं रख पाता है।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा पापी ग्रह से पीड़ित होता है तो इससे उसके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • कोई अकस्मात दुर्घटना या गंभीर रोग हो सकता है।

Kamjor Chandrama Ke Sanket

चंद्रमा मजबूत करने के लिए करें ये उपाय

  • चंद्रमा ग्रह के लिए सफेद रंग को शुभ माना जाता है। इसका रत्न सफेद मोती होता है। अतः चंद्रमा को मजबूत करने के लिए कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी में मोती पहनें।
  • सोमवार का व्रत करने से भी चंद्रमा की स्थिति सुधरती है। भगवान शिव चंद्रमा के स्वामी होते हैं। अतः सोमवार के दिन महादेव की पूजा और उपासना करें।
  • चंद्रमा ग्रह के बीज मंत्रों का नियमित रूप से जाप करें।
  • सफेद रंग की वस्तुओं को दान में दें। जैसे – चावल, दूध, दही, शक्कर आदि। किसी ज़रुरतमंद को सफेद रंग का कम्बल भी दे सकते हैं।
  • पूर्णिमा और अमावस्या पर व्रत रखें। चन्द्र देव की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें।
  • चाँदी के कलश से दूध मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें। ऐसा नियमित रूप से करने पर चंद्रमा की स्थिति सुधरती है।

Lord Shiva

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. चन्द्र राशि क्या होती है ?

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति का विश्लेषण कर के उस की चंद्र राशि पता की जाती है। व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, वही राशि उसकी चंद्र राशि होती है। ज्योतिष शास्त्र में जातक की चंद्र राशि के आधार पर ही उसकी राशिफल की गणना की जाती है।

2. कुंडली में चंद्रमा का महत्व क्या है ?

वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व और स्थान सबसे अधिक होता है। मान्यता है कि चंद्रमा एक शुभ ग्रह है जो लाभकारी फल देता है। परन्तु ज्योतिष शास्त्र कहता है कि कुंडली में चंद्रमा का फल नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार का हो सकता है।

3. चंद्रमा की गति कैसी होती है ?

सभी नौ ग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे तेज होती है। यह किसी भी राशि में बहुत ही कम समय के लिए गोचर करता है। लगभग सवा दो दिन में चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर लेता है।

4. कमजोर चंद्रमा के संकेत क्या हैं ?

कमजोर चंद्रमा के लक्षण इस प्रकार हैं – जातक को कष्टों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मुश्किल समय में वह आत्महत्या तक करने का विचार बना लेता है। उसकी मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है। वह अक्सर बातों को भूल जाता है। और उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है।

5. चंद्रमा को मजबूत कैसे करें ?

ज्योतिष शास्त्र में चन्द्र ग्रह को ,मजबूत बनाने के आसान और अचूक उपाय बताये गए हैं। इनका पालन करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है चाँदी धातु से बनी अंगूठी में सफेद मोती जड़वाकर छोटी ऊँगली में पहनें। सफेद रंग के कपड़े और वस्तुओं जैसे चावल, शक्कर, दूध आदि का दान करें। महादेव की पूजा करें और सोमवार का व्रत रखें।

और पढ़ें – आखिर क्या है मन और चंद्रमा का संबंध

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Yashika Gupta

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