जन्माष्टमी हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है जो श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस त्योहार को हिन्दू कलैंडर के अनुसार भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को कृष्ण जी के जन्म के उपलक्ष्य में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इसलिए आज के दिन पुरे भारत के अलग-अलग भागों में कृष्णजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जी का जन्म विशेष रूप से मथुरा के नन्द और यशोदा के घर में हुआ था। पुरानी मान्यता के अनुसार कृष्ण जी जन्म मथुरा में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात 12 बजे कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
जन्माष्टमी की तिथि
पंचांग के अनुसार वर्ष 2023, कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन 6 सितंबर और 7 सितंबर को मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त दिनांक 6 सितंबर 2023 को कृष्ण जन्माष्टमी 3 बजकर 37 मिनट पर शुरू और दिनांक 7 को 4 बजकर 14 मिनट को खत्म हो जाएगा।
पूजा का उचित समय
पूजा करने का उचित समय 12 बजकर 2 मिनट (12 : 02) और से लेकर 12 बजकर 48 मिनट ( 12 : 48 ) तक का है।
जन्माष्टमी व्रत का पारण
जन्माष्टमी व्रत का पारण यानि व्रत तोड़ने का समय दिनांक 7 दिन शुक्रवार को 6 बजकर 9 मिनट के बाद, शुद्ध पानी और प्रसाद से ही करें। इसके बाद आप भोजन ग्रहण करें।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर नित्य-कर्म करें। तत्पश्चात साफ कपड़े पहन कर देवी-देवताओं की पूजा के बाद मंदिर में दीपक जला दें। भगवान की मूर्ति स्थापित करें और माखन का भोग उन्हें लगाएं। जन्माष्टमी में रात्रि पूजन बहुत महत्वपूर्ण हैं। कृष्ण जी का जन्म मध्य रात्रि में होने के कारण ही रात्रि की पूजा महत्वपूर्ण होता है। भगवान श्री कृष्ण के बचपन के स्वरूप की पूजा करने से पुत्र सुख मिलता है। कृष्ण जी की पूजा में झूले का भी प्रयोग उनको झूलने के लिए किया जाता है यह पूजा मुख्य हिस्सा है। जन्म के समय कोंहड़े व अन्य किसी फल की बली देनी होती है जिससे भगवान का आशीर्वाद आपको मिलता है।
जन्माष्टमी पर राशि अनुसार भगवान को भोग
मेष राशि – मेष राशि के लोगों को भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर घी माखन का भोग लगाना चाहिए।
वृषभ राशि – वृषभ राशि के लोगों को कृष्ण जी को दही का भोग लगाना फलदायी होता है।
मिथुन राशि – मिथुन राशि के लोगों को कृष्ण जी को दही तथा चंदन का टीका लगाना काफी लाभकारी होता है।
कर्क राशि – कर्क राशि के लोगों को कृष्ण जी को केसर का दूध का भोग लगाना चाहिए जिससे आपको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त हो।
सिंह राशि – सिंह राशि के लोगों को कृष्ण भगवान जी को मिश्री व माखन का भोग लगाना चाहिए।
कन्या राशि – कन्या राशि के लोगों को कृष्ण जी को मेवों से बने प्रसाद व लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
तुला राशि – तुला राशि के लोगों को कृष्ण भगवान जी को घी का भोग लगाना चाहिए।
वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि के लोगों को कृष्ण भगवान जी को दही व मक्खन का भोग लगाना चाहिए।
धनु राशि – धनु राशि के लोगों को कृष्ण जी को पिले रंग से बने वस्तुओं को भोग रूप में लगाना चाहिए। पीला रंग, धनु राशि के लोगों के लिए शुभ होता है।
मकर राशि – मकर राशि के लोगों को कृष्ण जी को धनिए से बनें पंजीरी का प्रसाद, भोग में लगाना चाहिए।
कुंभ राशि – कुंभ राशि के लोगों को कृष्ण भगवान जी को नीले रंग के वस्त्र के साथ माखन का भोग लगाना चाहिए।
मीन राशि – मीन राशि के लोगों को कृष्ण जी को पेड़े का भोग लगाना चाहिए।
भगवान कृष्ण के जन्म से जुड़ी कथा
कृष्ण जी का जन्म मथुरा के देवकी और वासुदेव के घर में हुआ था। एक आकाशवाणी के अनुसार देवकी के आठवे पुत्र के हाथों राजा कंस की मृत्यु होगी। यह जान कर कंस वासुदेव को मारने जाता है परन्तु देवकी कंस को यह कह कर रोक लेती है कि में अपने पुत्र के होते ही आपके समक्ष लेती आउंगी, यह सुन कर कंस ने वासुदेव को छोड़ दिया और कंस ने दोनों, देवकी व वासुदेव को कारागार में डाल दिया था। और एक-एक करके देवकी के सात पुत्रों को मार दिया। आठवां बच्चा होने के समय कंस डरा हुआ था क्योंकि आकाशवाणी के अनुसार आठवें पुत्र के हाथों कंस की मृत्यु होगी और इसलिए कंस ने देवकी और वासुदेव के पहरे कड़े करदिये ताकि वह अपनी मौत को टाल सके।
परन्तु आठवां पुत्र के होने समय एक माया के माध्यम से कंस को गुमराह करके देवों द्वारा आठवें पुत्र को नन्द महाराज के यहां पहुंचा दिया गया वासुदेव के माध्यम से। और इस तरह भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। नन्द महाराज के यहां उनका पालन-पोषण बड़े ही लाड प्यार और दुलार के साथ हुआ। और बड़े होकर श्री कृष्ण के हाथों कंस की मृत्यु हुई तथा धर्म की स्थापना हुई। इसी उपलक्ष में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। और उस समय के बाद से हर साल भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से ही मनाया जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी कब है ?
2. जन्माष्टमी के पर्व में किस भगवान की पूजा होती और यह किससे सम्बंधित है ?
3. जन्माष्टमी को मनाने का शुभ मुहूर्त कब से कब का है ?
4. जन्माष्टमी किस भगवान को समर्पित है?
5. श्री कृष्ण जी का जन्म किस नक्षत्र में हुआ था ?
यह भी पढ़ें: जानें किन कारणों से बनता है कुंडली में दो विवाह का योग
अपना राशिफल या कुंडली से जुड़े विभिन्न उपाय के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।