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ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए करें इन औषधियों से स्नान

By February 4, 2023December 5th, 2023No Comments
ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए करें इन औषधियों से स्नान

प्राचीन काल से ही भारतीय चिकित्सा ग्रंथों में औषधि स्नान का महत्व बताया गया है । प्राचीन आयुर्वेद शास्त्री औषधि स्नान का महत्व भली-भांति जानते थे। ज्योतिष शास्त्र में भी औषधि स्नान को महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि औषधि स्नान से कुंडली के दोष दूर किए जा सकते हैं। यदि जातक की कुंडली में कोई ग्रह पीड़ित है, तो औषधि स्नान से ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर किया जा सकता है।

ग्रहों का औषधियों से संबंध

नवग्रहों में प्रत्येक ग्रह का सम्बन्ध कुछ विशेष औषधियों से होता है। यदि जन्म कुंडली में कोई ग्रह निर्बल स्थिति में हो। तथा अशुभ फल दे रहा हो, तो उस ग्रह से सम्बन्धित औषधियों के मिश्रण से स्नान करना लाभदायक होता है। प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनियों ने ग्रहों की पीड़ा की शान्ति के लिए औषधि स्नान का महत्व बताया था।

Grahon Ka Aushidho Se Samandh

कुंडली में सूर्य ग्रह

सूर्य को धरती पर ऋतुओं का बदलना, जीवन शक्ति का प्रसार होना और जीवन का कारक माना गया है। उसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह को शक्ति, और अधिकार का प्रतीक माना जाता है। सूर्य को नियंत्रक, ब्रह्मांड का स्वामी, ऊर्जा का केंद्र और ग्रहों का सम्राट भी माना जाता है।
कुंडली में सूर्य ग्रह की शांति के लिए इन औषधियों का प्रयोग करें – कनेर, दीवार, केसर, इलायची, महुआ के फूल का चूर्ण। इन सबको पानी में डालकर स्नान करें। ऐसा करने से सूर्य ग्रह के दोष दूर हो जाते हैं।

कुंडली में चंद्र ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा जातक की व्यक्तिगत इच्छाओं और आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यक्ति की भावनाओं और मन स्थिति का भी नियंत्रण करता है। ज्योतिष विद्या में चंद्रमा सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है।
चंद्र ग्रह को प्रसन्न रखना अत्यंत ही आवश्यक होता है। चंद्र की प्रसन्नता के लिए इन औषधियों का प्रयोग करें – पंचगव्य, चांदी मोती, सीप, शंख और कुमुदिनी के फूल। इन सब को जल में डाल कर उससे स्नान करें। इस उपाय से पीड़ित चंद्रमा शांत होता है।

Kundli me Chandra Grah

कुंडली में मंगल ग्रह

व्यक्ति के जीवन के लाल, गर्म, तेजस्वी और तीक्ष्ण पहलू मंगल ग्रह की देन होते हैं। मंगल की प्रबल स्थिति से एक सशक्त व्यक्तित्व का निर्माण होता है। मंगल ग्रह जीवन में ऊर्जा और बल का नियंत्रण करता है।
मंगल ग्रह की शांति के लिए सोंठ, सौंफ, लाल चंदन के फूल पानी में डालकर स्नान करें। इससे जीवन में मंगल की स्थिति प्रबल होगी।

कुंडली में बुध ग्रह

बुध ग्रह को मस्तिष्क, क्षमता, दृढ़ता, और कौशल का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह को संदेशवाहक भी कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इसे बुद्धिमत्ता का नियंत्रक माना जाता है।
बुद्धिमत्ता और ज्ञान के लिए बुध ग्रह की प्रबल स्थिति आवश्यक होती है।
बुध ग्रह की शांति के लिए बहेड़ा, चावल, आंवला, और शहद को पानी में डालकर स्नान करें।

Kundli me Budh Grah

कुंडली में गुरु ग्रह

बृहस्पति या गुरु ग्रह जातक के जीवन में समृद्धि और भाग्य का शासन करता है। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह आध्यात्मिकता और शिक्षा से संबंधित माना जाता है। यह जातक के जीवन में धन, बुद्धि, और उदारता का नियंत्रण भी करता है।
बुध ग्रह की प्रसन्नता और प्रबलता के लिए मुलेठी और सफेद सरसों को पानी में डालकर स्नान करें।

कुंडली में शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह स्त्री ऊर्जा, आनंद, फूल आदि के बारे में है। वैवाहिक जीवन अथवा प्रेम प्रसंगों में मिठास के लिए शुक्र ग्रह जिम्मेदार होता है। यदि कुंडली में शुक्र की स्थिति अशुभ हो तो शादीशुदा जीवन में अड़चन आती हैं। पति-पत्नी के बीच प्रेम में कमी आने लगती है।
ऐसे शुक्र ग्रह की शांति के लिए इन औषधियों का प्रयोग करें – हड़, बहेड़ा, आंवला, इलायची, केसर। इन सबको पानी में डालकर स्नान करें।

Kundli Me Shukra Greh

कुंडली में शनि के दोष

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को प्रसन्न करना काफी कठिन माना जाता है। शनि ग्रह अथवा कर्म देवता अनुशासन और कठिन परिश्रम के लिए जाने जाते हैं।
शनि के दोष दूर करने के लिए उपाय। सुरमा, नागरमोथा, काले तिल, शतपुष्पी, काले उड़द और लोधरे के फूल मिले जल से स्नान करें। इससे शनि प्रसन्न होते हैं।

कुंडली में राहु ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को भ्रम कारक और छाया ग्रह कहा जाता है। मान्यता है कि राहु को कभी संतुष्ट नहीं किया जा सकता। यह जातक से ऐसी चीजें करवाता हैं जिसे समाज स्वीकार नहीं करेगा। राहु जुनूनी कार्यों की ओर ले जाता है।
राहु ग्रह की शांति के लिए नागबेल, लोबान, तिल के पत्र का प्रयोग करें। इन्हें पानी में डालकर स्नान करने से राहु ग्रह शांति दोष से मुक्ति मिलती है।

Kundli me Rahu Greh

कुंडली में केतु ग्रह

केतु जातक को आध्यात्मिक प्रवृत्ति और सांसारिक महत्वाकांक्षाओं के प्रति अनासक्ति प्रदान करता है। साथ ही मुक्ति की ओर अग्रसर करता है। केतु ग्रह व्यक्ति को ज्ञान और की तरफ ले जाता है। व्यक्ति के चरित्र और मानसिकता को बेहतर बनाने में केतु का योगदान होता है।
कुंडली में केतु को प्रबल और प्रसन्न बनाने के लिए इस्तेमाल करें ये औषधियां – लोबान, बला, मोथा, प्रियंगु। इन सब को पानी में डालकर स्नान करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. राहु और केतु के दोष दूर करने के लिए किन औषधियों का प्रयोग करना चाहिये ?

राहु ग्रह की शांति के लिए नागबेल, लोबान, तिल के पत्र का प्रयोग करें। वहीं कुंडली में केतु के दोष मिटाने के लिए इन औषधियों का इस्तेमाल करें – लोबान, बला, मोथा, प्रियंगु। इन सब औषधियों को पानी में डालकर स्नान करें।

2. कुंडली में शनि के दोष दूर करने के लिए क्या उपाय है ?

सुरमा, नागरमोथा, काले तिल, शतपुष्पी, काले उड़द और लोधरे के फूल मिले जल से स्नान करें। इससे शनि ग्रह प्रसन्न होते हैं।

3. चंद्र ग्रह को प्रसन्न कैसे करें ?

चंद्र की प्रसन्नता के लिए इन औषधियों का प्रयोग करें – पंचगव्य, चांदी मोती, सीप, शंख और कुमुदिनी के फूल। इस उपाय से पीड़ित चंद्रमा शांत होता है।

4. कुंडली में सूर्य ग्रह की शांति के लिए क्या करें ?

सूर्य दोष मिटाने के लिए इन औषधियों का प्रयोग करें – कनेर, देवदार, केसर, इलायची, महुआ के फूल का चूर्ण।

5. औषधि स्नान से कुंडली के दोष कैसे दूर होते हैं ?

यदि जन्म कुंडली में कोई ग्रह पीड़ित हो। तो उस ग्रह से सम्बन्धित औषधियों के मिश्रण से स्नान करना लाभदायक होता है।

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Yashika Gupta

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