हिन्दू धर्म का सबसे मुख्य पर्व विजयदशमी यानी दशहरा माना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई के विजय होने का प्रतीक है। दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और भगवान राम की जीत हुई थी। इसलिए यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन देश भर में सभी जगहों पर रावण के पुतले को जलाया जाता है। यह दिन हर्षों उल्लास से भरा होता है और जगह-जगह भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। दशहरा वाले दिन श्री राम जी की पूजा की जाती है। यह हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है।
दशहरा 2024 की तिथि-
ये पर्व आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में दशहरा की तिथि 12 अक्टूबर दिन शनिवार को है।
दशहरा 2024 शुभ मुहूर्त-
आश्विन माह की दशमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा। दशमी तिथि का अंत 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। दशहरा का विजय मुहूर्त 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से लेकर 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। यह दशहरा पूजा का शुभ समय है।
दशहरा कैसे मनाया जाता है?
- इस पर्व की मौके पर भव्य मेले जगह-जगह लगते हैं।
- दशहरा के दिन रावण के बड़े- बड़े पुतले लगाए जाते हैं।
- साथ ही साथ रावण के भाई कुंभकरण और रावण के बेटे मेघनाद के भी पुतले लगाए जाते हैं।
- इन पुतलों को शाम को जलाया जाता है।
- कहा जाता है इन पुतलों को जलाने से अंदर की बुराई समाप्त होती है।
- विजयदशमी के नौ दिन पहले से रामलीला का आयोजन होता है।
- इसके पश्चात दसवें दिन पर रावण के पुतले को जलाकर विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है।
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दशहरा या विजयदशमी की पूजा विधि-
- इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए।
- इसके पश्चात स्वच्छ कपडे पहने और श्री राम जी की आराधना करनी चाहिए।
- दशहरे के दिन गाय के गोबर से 10 गोले की आकृतियां बनाई जाती हैं।
- इन 10 गोलों में जौ के बीज लगाए जाते हैं।
- इसके बाद दिया या धूपबत्ती से पूजा करते हैं और गोलों को जला देते हैं।
- ऐसा कहा जाता है दशहरा की पूजा करने के पश्चात मन का अहंकार समाप्त हो जाता है।
दशहरा का महत्व-
हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दशहरा है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। दशहरा के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। इस दिन श्री राम की पूजा की जाती है। श्री राम जी की विधि विधान से पूजा करने पर सभी कष्ट समाप्त होते हैं। भगवान राम की कृपा से परेशानियों का अंत होता है।
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