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Chanakya Niti: सफलता लाती है योग मिट्टी में दबी ये चीजें

By April 10, 2023December 6th, 2023No Comments
Chankya Niti

अखंड भारत का सपना पूरा करने वाले चाणक्य को कौन नहीं जानता। लोग आज भी सफलता की ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए चाणक्य नीति का अनुसरण करते है। चाणक्य नीति में कुछ ऐसे ही गुप्त रहस्यों के बारे में बताया गया है। जिनका मानव जीवन में बड़ा ही महत्व है। इसी में से एक त्तव है मिट्टी। चाणक्य सिद्धांत में बताया गया है कि मिट्टी में दबी चीजें अक्सर मनुष्य के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुई है। इसलिए जहां भी आपको मिट्टी में दबी कुछ अमूल्य चीज दिखे तो उसे तुरंत उठा लेना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र भी इस बात की पुष्टि करता है कि चाणक्य नीति के नियमों का पालन करके कोई भी साधारण मनुष्य राजा बन सकता है।

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इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से जाने मिट्टी में पड़ी कौन सी चीज है आपके लिए लाभकारी-

ज्योतिषी बताते है कि चाणक्य नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी नीतियों के बारे में बताया गया है। जिसे अपनाने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। मिट्टी में पड़ी चीजें जिसका चाणक्य नीतिशास्त्र में एक विशेष गुण बताया गया है। इसका वर्णन कुछ इस प्रकार है।

धन-

धन व्यक्ति की पहली प्राथमिकता है। क्योंकि इससे ही हर किसी का जीवन निर्वाह संपन्न होता है। हर व्यक्ति को अपना जीवन सुचारु रुप से चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है। जिसे वह दिन रात कड़ी मेहनत करके कमाता है। चाणक्य नीति और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को मिट्टी पे पड़ा हुआ रुपया, पैसा दिखाई दे। तो उस रुपए, पैसे को बिना देर किए उठा लेना चाहिए। धन को सौभाग्य का प्रतीक और लक्ष्मी माँ के घर में प्रवेश का माध्यम माना जाता है। यदि फिर भी आप मिट्टी पे पड़े रुपए को नहीं उठाते है। तो इसे माँ लक्ष्मी अपना अपमान समझती है और सदा के लिए उस व्यक्ति के भाग्य से दूर हो जाती है।

सोना धातु-

धातुओं में सोने के धातु को सर्वश्रेष्ट माना जाता है। चाणक्य कहते है कि मिट्टी में दबा हुआ सोना और भी लाभकारी होता है। क्योंकि उसमें कई अमूल्य गुणों का समावेश होता है। रत्न शास्त्र के अनुसार सोना धातु व्यक्ति की कुंडली से ग्रह दोष का निवारण करता है। ज्योतिषियों द्वारा जातक के लिए बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली में सोने की अंगूठी पहनने का सुझाव दिया जाता है। इसे पहनने से जातक को एकाग्र क्षमता में वृद्धि होती है और वह जीवन के हर कठिन मुकाम को आसानी से हासिल कर पाता है।

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हीरा-

ज्योतिष और रत्न शास्त्र में हीरे को एक अनमोल रत्न बताया गया है। बेशक लाख हीरे मिलकर भी कोहिनूर हीरे की बराबरी नहीं कर सकते। लेकिन इन लाख हीरो में से एक ही हीरा काफी है मनुष्य की बुरी किस्मत को पलटने के लिए। खासकर जब यह हीरा मिट्टी में पड़ा हो तो और मूल्यवान बन जाता है। चाणक्य नीति में भी कहा गया है कि चाहे हीरा जौहरी की दुकान पर हो या मिट्टी में पड़ा हो। वह अपना गुण कभी नहीं खोता। इसलिए मिट्टी में पड़े हीरे को देखते ही उठा लेना चाहिए।

औषधी-

औषधी को मुख्य हम बीमार व्यक्ति की बीमारी को ठीक करने के लिए जानते है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ औषधियां सिर्फ मनुष्य की बीमारी ही ठीक नहीं करती। बल्कि कुछ औषधियों में स्नान करने से ग्रह दोष की भी समस्या दूर होती है। जिससे व्यक्ति सदैव निरोग और तनावयुक्त महसूस करता है। इसलिए मिट्टी में पड़ी औषधि को तुरंत उठाकर अपने घर ले जाएं और अपने घर के आंगन में इस औषधि का पौधा लगाएं।

कलम या किताब-

मिट्टी में दबी चीजें जिसमें कलम और किताब को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। चाणक्य सिद्धांत में ऐसा वर्णन मिलता है एक पढ़ा लिखा इंसान सौ ताकतवर इंसानों को आसानी से हरा सकता है। क्योंकि उसके पास शिक्षा का अनमोल ज्ञान होता है। जो उसके जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है। जिससे वह अपने जीवन में आने वाली सारी बाधाओं से आसानी से लड़ पाता है। ठीक वैसे ही जैसे चाणक्य ने अपनी बुद्धि से एक साधारण मानव को मगध का राजा बना दिया था।

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ज्योतिष से जाने चाणक्य नीति के श्लोक का क्या है हमारे जीवन में महत्व-

चाणक्य नीति में कुछ ऐसे श्लोकों का वर्णन है जो व्यक्ति के जीवन में तरक्की लाने का काम करते है। आइए जानते है चाणक्य नीतिशास्त्र के ऐसे ही चंद श्लोकों के बारे में।

प्रलये भिन्नमर्यादा भवन्ति किल सागरा:।
सागरा भेदमिच्छन्ति प्रलयेऽपि न साधव:।।

आचार्य चाणक्य अपने इस श्लोक के माध्यम से कहना चाहते है कि जो सागर दिखने में बहुत गंभीर होते है। वह प्रलय आने पर अपनी गंभीरता को खो बैठते है और समस्त संसार को जलमग्न कर देते है। लेकिन साधु और श्रेष्ठ गुणों वाला व्यक्ति पहाड़ के ढह जाने से भी अपनी गंभीरता और शुद्ध आचरण का साथ कभी नहीं छोड़ते।

कामधेनुगुणा विद्या ह्यकाले फलदायिनी।
प्रवासे मातृसदृशी विद्या गुप्तं धनं स्मृतम्।।

चाणक्य नीति के श्लोक में सबसे अहम है यह श्लोक। जिसमें विद्या अर्जन के महत्व के बारें में बताया गया है। चाणक्य कहते है कि विद्या अर्जन एक ऐसा अमृत है जो हर परिस्थिति में हमारे काम आता है। विद्या अर्जन करना हमारे लिए माता-पिता जैसे संरक्षकों की भूमिका निभाता है।

नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपा:।।

अपने इस श्लोक में चाणक्य बताते है कि मनुष्य के व्यवहार में अत्यधित सीधापन या भोलापन उसे ले डूबता है। जैसे सीधे खड़े वृक्ष ही सबसे पहले काटे जाते है। इसलिए मनुष्य को दुनिया के हिसाब से थोड़ा तेड़ा भी होना चाहिए।

क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कश्चाहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहु: ।।

जीवन की सीख देता है चाणक्य नीति का यह श्लोक। जिसमें चाणक्य व्यक्ति को यह समझाने का प्रयत्न कर रहे है। कि व्यक्ति को अपना समय, पैसा, ऊर्जा, साधन आदि को अपने भविष्य के लिए बचाकर रखना चाहिए। क्योंकि भविष्य में यही काम आता है। विपदा के समय कोई दोस्त, रिश्तेदार काम नहीं आता।

Chankya Niti Shlok

कैसे करे चाणक्य नीति के नियमों का पालन-

चाणक्य को बेहतरीन शिक्षक, सलाहकार, अर्थ शास्त्र का ज्ञाता और रणनीतिकार जैसे कई उपाधियों से सम्मानित किया जाता है। चाणक्य नीति के नियमों का पालन करने से व्यक्ति भी अपने अंदर चाणक्य जैसे गुणों को विकसित कर सकता है। इन नियमों का वर्णन इस प्रकार है।

  • दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अपने जीवन में जितना मिले उससे कभी खुश नहीं होते। वह अपने जीवन में थोड़ा और थोड़ा और करते रहते है। चाणक्य कहते है कि इस अति के कारण ही मनुष्य को कई बार हानि उठानी पड़ती है। इसलिए उसे इस अति के माया जाल से बचना चाहिए।
  • चाणक्य नीति के मुताबिक मनुष्य को भविष्य में आने वाली विपदा के लिए धन इकट्ठा करके रखना चाहिए। धन की फिजूलखर्ची से बचना चाहिए।
  • चाणक्य सुझाव देते है कि चापलूस लोगों और हर बात पर आपकी हां में हां मिलाने वाले लोगों से बचके रहना चाहिए। क्योंकि यह लोग बिल में छिपे सांप की तरह होते है। जो मौका मिलने पर आपको डस सकते है।
  • अहंकार हमेशा व्यक्ति के विनाश का कारण बनता है। इसलिए चाणक्य नीति के नियमों में ऐसा बताया गया है कि सफल होने के लिए अहंकार को हमेशा अपने आप से दूर रखे।
  • लोगों की यह आदत होती है कि वह अपने साथ कोई बुरी घटना होने पर हमेशा अपने नसीब को कोसते है। जो बहुत गलत है क्योंकि व्यक्ति जो कुछ बनता है अपनी मेहनत से बनता है। नसीब तो एक साधन मात्र है।

Chankya

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. ज्योतिष अनुसार इंसान के पांच दुश्मन कौन से है?

काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह ये पांच चीजे इंसान की सबसे बड़ी दुश्मन है। यह इंसान को सफलता पाने के सारे रास्ते बंद कर देते है।

2. चाणक्य के अनुसार धर्म क्या है?

चाणक्य के अनुसार धर्म सत्य है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को हमेशा धर्म यानी सत्य का साथ देना चाहिए।

3. मिट्टी का घड़ा या सुराही क्या संकेत देता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में रखा मिट्टी का घड़ा बुध और चंद्रमा की स्थिति को नियंत्रित करता है।

4. मिट्टी से बने बर्तन का संबंध किस ग्रह से है?

वास्तु शास्त्र में मिट्टी को बहुत ही शुभ माना जाता है। मिट्टी से बने बर्तन का संबंध मंगल ग्रह से है।

और पढ़ें: क्या लिवर रोग के पीछे कोई ज्योतिषीय कारण होते हैं ?

क्या कहता है मिट्टी से जुड़ा वास्तु शास्त्र। जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।

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