
प्रेम आजकल की चलन है। कभी न कभी किसी न किसी को प्रेम तो अवश्य होता है। प्रेम मनुष्य के कोमल भाव को दर्शाता है। प्रेम करना आसान है प्रेम निभाना अत्यधिक मुश्किल है। प्रेम तो हम कर लेते हैं। कुछ समय पश्चात प्रेम संबंध में परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। जब समझ नहीं आता है। हम किसकी मदद लें। कुछ लोगों की गलत सलाह से प्रेम संबंध भी ख़राब हो जाता है। यह नाजुक समय होता है। इस समय ज्योतिष की सलाह लेनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार प्रेम संबंध-
प्रेम संबंध का खराब होना, जन्म कुंडली पर भी निर्भर करता है। कुंडली में ग्रह और नक्षत्र सही भाव में न होने के कारण होता है। इसी कारण प्रेम समस्या उत्पन्न हो जाती है। ज्योतिष कुंडली के मिलान के आधार पर प्रेम समस्या समाधान कर सकता है।
कुंडली में प्रेम संबंध ख़राब होने की स्थिति-
कुंडली में प्रेम का भाव पंचम भाव को माना जाता है। अगर आपकी कुंडली के पांचवे भाव ग्रहों की दृष्टि अच्छी है। तो आपका प्रेम संबंध सफल होगा। यदि आपके पांचवें भाव में पापकारी ग्रहों की दृष्टि होती है। तब प्रेम संबंध में समस्या उत्पन्न हो जाती है। कभी प्रेम संबंध टूट भी जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि कुंडली के पांचवें, सातवें, नौवें स्थान पर होता है। तब प्रेम संबंध टूट जाता है।
प्रेम संबंध में शुक्र ग्रह का स्थान-
ज्योतिष के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह का योगदान होता है। तब आपके प्रेम की इमारत को कोई गिरा नहीं सकता है। कुंडली में शुक्र ग्रह होने का अर्थ है। प्रेम संबंधों का मजबूत होना। कभी शुक्र ग्रह का मिलन किसी और ग्रह से भी हो जाता है। तब प्रेम संबंधों में अलग स्थितियां बन जाती हैं।
कुंडली में शुक्र और मंगल ग्रह का मिलन-
ज्योतिष के अनुसार शुक्र (Venus) और मंगल ग्रह का मिलान होता है। तब प्रेम भाव जाग्रत होता है। यदि आपकी कुंडली में चंद्र मजबूत है। तो मन में प्रेम के प्रति चंचलता उत्पन्न होती है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह पुरुषों का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह महिलाओं को दर्शाता है। तभी यह दोनों ग्रह का मिलन होता है। तब प्रेमियों के दिल और मन दोनों का मिलन होता है। जिससे प्रेम संबंध मजबूत होता है। यह दोनों ग्रह प्रेममय जीवन के भविष्य को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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शुक्र का राहु के साथ मिलन-
- जब शुक्र और राहु का मिलन होता है तब प्रेम संबंध बनते हैं।
- परन्तु यह प्रेम संबंध अधिक दिनों तक टिकते नहीं हैं।
- इस समय प्रेम संबंध में परेशानियां आ जाती हैं।
- इन ग्रहों के मिलन के दौरान प्रेमी गलत फैसले ले लेते हैं।
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ज्योतिष के अनुसार प्रेम संबंधी परेशानियों का समाधान-
जीवन में कभी-कभी प्रेम संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। इन परेशानियों के बारे में हम किसी से बात भी नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसका समाधान है। आप अपनी परेशानियों को ज्योतिषी से बात करके हल कर सकते हैं। इंस्टाएस्ट्रो के बेहतरीन ज्योतिषी से बात करके आप अपनी प्रेम संबंधी परेशानियों का हल पा सकते हैं। यह ज्योतिषी आपको बेहतर सुझाव देंगे। जिससे आपके प्रेम संबंध मजबूत होंगे। इंस्टाएस्ट्रो की ख़ास बात यह है। आप मात्र 1 रुपए में अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
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