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जन्म कुंडली में राहु और केतु की दशा से उत्पन्न कालसर्प दोष की पूरी जानकारी।

By August 4, 2022November 27th, 2023No Comments
जन्म कुंडली में राहु और केतु

जन्म कुंडली के आधार पर व्यक्ति के भविष्य के बारे में बताया जाता है। इसी तरह कुंडली में योग भी बनते हैं। योग आपके जन्म से लेकर मृत्यु तक होते हैं। जन्म से ही योग आपकी कुंडली में जुड़ जाते हैं। कुछ योग शुभ होते हैं कुछ योग अशुभ। कुंडली में शुभ योग बनने से जीवन में सफलता हासिल होती है। वहीं दूसरी तरफ अशुभ योग बनने से आपकी कुंडली में दोष उत्पन्न हो जाते हैं। जो आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नुकसान पहुंचाते हैं।
आज हम आपको बताएँगे। कालसर्प दोष क्या है? कालसर्प दोष के लक्षण, कालसर्प दोष के निवारण और कालसर्प योग कब तक रहता है।

rahu aur ketu

कालसर्प दोष क्या है?

यह दोष अत्यधिक अशुभ माना जाता है। कालसर्प का पहला शब्द होता है काल। इसका अर्थ मृत्यु है। दूसरा शब्द सर्प है। जिसका अर्थ सांप है। कालसर्प दोष का प्रभाव अत्यधिक भयंकर होता है। जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में कालसर्प योग होता है। उसे मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु और केतु ग्रह एक दूसरे की छाया है। यह एक जैसा व्यवहार करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु (Rahu) का प्रभाव शनि जैसा माना गया है। केतु का प्रभाव मंगल जैसा है। जब जन्म कुंडली में राहु और केतु दोनों के बीच सभी ग्रह उपस्थित हो जाते हैं। तब कालसर्प योग बनता है। कालसर्प योग जातक की कुंडली में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। कालसर्प दोष 42 वर्ष तक कुंडली में रहता है। 

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Rahu

कालसर्प दोष के लक्षण-

  • घर में होने वाले मांगलिक कार्यों में बाधा आती है।
  • जीवन के प्रत्येक कार्य में असफलता का सामना करना पड़ता है।
  • अगर आपको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है या संतान को सफलता हासिल नहीं हो रही है तो आपकी कुंडली में कालसर्प योग है।
  • पारिवारिक जीवन में सुख-शांति का अभाव रहता है।
  • परिवार में कलह मची रहती है।
  • व्यापार में हानि का सामना करना पड़ता है।
  • आपका स्वास्थ्य हमेशा खराब रहेगा।
  • अगर आपको यह लक्षण हैं तो आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है।

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कालसर्प दोष का मंत्र-

ॐ तत्पुरुषाय विद्म्हे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।

कालसर्प दोष

कालसर्प दोष के उपाय-

सावन में कालसर्प दोष के उपाय कर सकते हैं। कालसर्प के उपाय करने से कालसर्प के दोष को कम किया जा सकता है। आइये जानते हैं कालसर्प दोष के उपाय।

  • सावन का महीना कालसर्प दोष दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माह होता है।
  • इस माह नाग पंचमी और महाशिवरात्रि दो पर्व पड़ते हैं।
  • इन दो पर्व में शिव जी की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है।
  • सावन के माह में प्रत्येक दिन शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए।
  • कालसर्प दोष के लिए विशेष प्रकार की पूजा होती है।
  • जिसे काल सर्प पूजा कहते हैं।
  • चांदी के नाग का जोड़ा पर सोमवार को दूध अर्पित करने से कालसर्प दोष में लाभ होता है।
  • महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करने से कालसर्प दोष दूर होता है।
  • तीर्थ स्थानों पर पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
  • एक स्थान पर बैठकर नाग गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष दूर होता है।
  • राहु और केतु के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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