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सीता ने अग्निपरीक्षा दी थी या नहीं दी थी? जानें इसके पीछे का रहस्य।

By June 27, 2022November 23rd, 2023No Comments
Sita Mata Ki agniparishya

सीता की अग्निपरीक्षा-

हम सभी जानते हैं। कि सीता माँ ने अग्निपरीक्षा का सामना करना पड़ा था। यह कथा अत्यधिक प्रचलित है। सीता की अग्निपरीक्षा एक विवादित प्रसंग के रूप में प्रचलित है। आज भी लोगों के मन में सवाल उठता है। सीता ने अग्निपरीक्षा दी या नहीं दी? क्या श्री राम ने सीता माँ को अग्नि देव को सौंप दिया था?
आज हम इस लेख में बताएंगे। सीता माँ की अग्निपरीक्षा से जुड़े हुए प्रश्नों के उत्तर।
हिन्दू ग्रंथों के अनुसार। कहा जाता है। सीता माँ को अयोध्या से लौटने के बाद अग्नि परीक्षा का सामना करना पड़ा था। दूसरा मत यह है। सीता ने अग्निपरीक्षा नहीं दी थी। श्री राम ने असली सीता को अग्निदेव को सौंपा था।

सीता ने अग्निपरीक्षा दी थी या नहीं दी थी?

आज हम आपको बताएंगे। सीता की अग्निपरीक्षा से जुड़ा हुआ रहस्य। कहा जाता है श्री राम को पहले ही पता चल गया था। रावण सीता का हरण करने आ रहा है। तो श्री राम ने सीता को उसके पूर्व ही अग्नि को सौंप दिया था। रावण जिस सीता को हरण करके ले गया था। वह सीता माँ की छाया थी। रावण का वध करके लंका विजय करने के बाद अपनी सीता को मांग लिया था।
आइये जानते है सीता को अग्नि को सौंपने की सम्पूर्ण कथा।
लंका विजय करने के बाद जब सीता को श्री राम वापस लेकर आये। श्री राम जी का राज्याभिषेक होने के बाद गुप्तचर से जाना। प्रजा सीता की पवित्रता पर संदेह कर रही है। समाज में सीता माँ के लिए अनेक बातें बोली जा रही थी। उस समय सीता गर्भवती थी। प्रजा कह रही थी। सीता को अग्निपरीक्षा देनी पड़ेगी।

सीता ने दी अग्निपरीक्षा-

प्रजा के द्वारा संदेह किये जाने पर सीता अग्निपरीक्षा देने को तैयार हो गयी थी। सीता को अपमान सहन ना हो सका। सीता ने चिता तैयार करने को बोल दिया। सीता ने बोला ‘मैंने सदैव पूरे मन से, कर्म और वचन से श्री राम को स्मरण किया है। रावण जिस सीता को हरण किया था। वह सीता की छाया थी। अग्निदेव मेरी रक्षा करें।’ इसके पश्चात सीता ने चिता में प्रवेश किया। तब अग्निदेव प्रत्यक्ष रूप से अवतरित होकर राम के सामने सीता को प्रस्तुत किया। अग्निदेव ने बोला सीता हर प्रकार से पवित्र है।
कहा जाता है। सीता ने अग्निपरीक्षा के बाद भी राम सीता का त्याग नहीं कर पाए थे। क्योंकि श्री राम सीता से अत्यधिक प्रेम करते थे। वह सीता के बिना एक पल भी नहीं गुजार सकते थे।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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