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जानिये श्री राम के परम भक्त हनुमान ने क्यों चीरा था अपना सीना?

By June 26, 2022November 23rd, 2023No Comments
hanuman ji ka seena

श्री राम के परम भक्त हनुमान-

हनुमान जी को संकट मोचन हनुमान के नाम से जाना जाता है। हनुमान कलयुग के देवता कहलाये जाते हैं। हिन्दू धर्म में मान्यता है। अगर हनुमान जी को खुश करना है। तो श्री राम का नाम भी लेना चाहिए। हनुमान जी अधिक प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि रखते हैं। हनुमान जी ने अपनी भक्ति से श्री राम के दिल में एक ख़ास जगह बनायी थी। सम्पूर्ण संसार हनुमान जी को श्री राम के परम भक्त के रूप में जानता है।

बजरंगबली हनुमान जी की परीक्षा-

हनुमान जी ने तोड़ी माला-

पौराणिक कथा के अनुसार। जब श्री राम जी का राज्याभिषेक हुआ था। उसके पश्चात सभी लोगों को भेंट के रूप में कुछ न कुछ दिया जा रहा था। सीता जी ने हनुमान जी को रत्नों का माला का उपहार दिया। हनुमान जी इस माला को लेकर थोड़ी दूर तक गए। माला के रत्नों को तोड़कर फेंकने लगे। मोती को तोड़कर बड़े गौर से देखते जा रहे थे। यह देखकर दरबार में उपस्थित सभी लोग चौंक गए।
हनुमान जी को माला तोड़ते हुए देखकर। लक्ष्मण जी को क्रोध आया। उन्होंने श्री राम जी से कहा। सीता माता ने हनुमान को जो कीमती रत्नों की माला दी थी। वह तोड़कर फेंक क्यों रहे हैं? राम ने उत्तर देते हुए कहा। हे प्रिय भ्राता! तुम मेरे जीवन में अत्यधिक प्रिय हो। हनुमान माला को क्यों तोड़ रहे हैं। इसका उत्तर तो सिर्फ हनुमान दे सकते हैं।

हनुमान जी ने क्यों चीरा अपना सीना-

हनुमान जी इसका उत्तर देते हुए कहा। मेरे लिए संसार की सब चीज़ें व्यर्थ हैं। जिसमे श्री राम उपस्थित नहीं हैं। कोई भी चीज़ श्री राम के नाम के बिना अधूरी है। मेरे लिए ऐसी चीज़ों का कोई मोल नहीं है। मैं ऐसी चीज़ों का त्याग करता हूं। यह सब बात सुनकर लक्ष्मण बोले। ‘तुम्हारे शरीर पर भी तो राम का नाम नहीं हैं। इस शरीर को क्यों रखा है? इस शरीर का भी त्याग करना चाहिये।
लक्ष्मण की यह बात सुनकर। हनुमान जी ने अपने सीने को फाड़ दिया। लक्ष्मण को दिखाया। जिसमें श्री राम और सीता दिखाई दे रहे थे। यह देखकर लक्ष्मण ने अपनी भूल की हनुमान जी से माफ़ी मांगी।
इस कथा से आपको पता चल गया होगा। हनुमान जी ने क्यों चीरा था अपना सीना?

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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