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Prashna Kundali: प्रश्न कुंडली से जानें कब होगा आपका विवाह और क्या है प्रश्न कुंडली

By June 24, 2023December 14th, 2023No Comments
Prashna Kundli

ज्योतिष शास्त्रों में प्रश्न कुंडली का विशेष महत्व है। यदि किसी व्यक्ति को उसके जन्म का समय, जन्म की तिथि और जन्म का स्थान नहीं पता हो तो उसकी कुंडली नहीं बनाई जा सकती। लेकिन हमारे देश में कुंडली बहुत जरूरी चीज समझी जाती है। बिना कुंडली के यहाँ किसी का विवाह, घर में किसी के नाम की पूजा या किसी के बारे में यदि पता करना हो तो वह भी पता नहीं चल सकता है। कुंडली एक बच्चे के जीवन का लेखा जोखा होती है। कुंडली को बच्चे के जन्म के समय, तिथि और स्थान के आधार पर ज्योतिषी बनाते हैं।

लेकिन अब बिना जन्मपत्रिका के भी जातक के जीवन के बारे में सब कुछ पता चल सकता है। क्योंकि ज्योतिषी के पास कुंडली देखने का तरीका एक और होता है और यह तरीका है प्रश्न कुंडली से। यदि किसी व्यक्ति को किसी कारण से अपनी जन्म तिथि या अपना जन्म का समय नहीं ज्ञात होता है तो उसके लिए ज्योतिषी प्रश्न कुंडली बनाते हैं। उसके बारे में जानने के लिए प्रश्न कुंडली का ही सहारा लिया जाता है। प्रश्न कुंडली को ज्योतिषी तब बनाते हैं जब आप किसी ज्योतिषी से अपनी कुंडली के बारे में कोई प्रश्न पूछते हैं उसी समय ज्योतिषी आपकी कुंडली का निर्माण कर देता है, यही प्रश्न कुंडली कहलाती है। यदि आपको आपके विवाह के लिए अपनी जन्मकुंडली की ज़रूरत है और आपके पास आपकी जन्म कुंडली नहीं हैं और न आपको आपके जन्म का समय और तिथि याद हैं तो चिंता करने की कोई बात नहीं हैं आज हम आपको बताएंगे की प्रश्न कुंडली का महत्व क्या है और ज्योतिष शास्त्रों के माध्यम से आप कैसे अपनी प्रश्न कुंडली बनवा या देख सकते हैं। आइए जानते हैं की कैसे काम करती है प्रश्न कुंडली और कुंडली देखने का तरीका क्या है।

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प्रश्न कुंडली के आधार पर विवाह

जब जातक को अपने विवाह से संबंधित कुछ जानकारी लेनी होती है तो वह सबसे पहले अपनी कुंडली मिलान के लिए किसी ज्योतिषी के पास जाता है। उस समय ज्योतिषी भी अपना कर्तव्य पूरा करता है। दरअसल कुंडली मिलान तब जरूरी होता है जब 2 लोग एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में बंधने के लिए तैयार हो जाते हैं। क्योंकि कुंडली मिलान से दोनों लोगों के आचार विचार और उनके ग्रह नक्षत्र कैसे हैं ये पता चलता है। देखा जाता है की क्या दोनों लोग एक दूसरे की महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर रहें या नहीं यदि दोनों की कुंडली में लगभग सभी चीजें एक जैसी होती हैं तो ही विवाह का काम आगे बढ़ता है वरना नहीं। लेकिन यदि जातक की कुंडली ही नहीं होती है तो तब भी ज्योतिष अपना कर्तव्य पूरा करते हुए प्रश्न कुंडली के माध्यम से जातक को उसके विवाह के बारे में संपूर्ण ज्ञान देता है।

हमारे देश में विवाह एक पवित्र रस्म मानी जाती है यह 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। इस रस्म के द्वारा एक स्त्री और पुरुष के बीच पवित्र रिश्ता बनता है और इसका माध्यम कुंडली या प्रश्न कुंडली है।

Prashan Kundli Ke Aadhar Par Shadi

विवाह के बारे में प्रश्न कुंडली

  • यदि कोई लड़का ज्योतिषी से प्रश्न करता है और उसके प्रश्न के बाद शनि ग्रह अपने दूसरे, चौथे, आठवें, दशवें एवं बारहवें घर में बैठा है तो ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार लड़के की शादी जल्दी से जल्दी होने के योग बनते हैं।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि ज्योतिष से लड़की अपनी शादी को लेकर प्रश्न करती है तो शनि उसकी राशि में विषम भाव में बैठा होगा तो उसकी शादी के योग बनते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार विषम भाव में बैठा शनि लड़की के लिए शुभ होगा।
  • यदि कोई जातक किसी ज्योतिषी अपने से प्रेम विवाह के बारे में प्रश्न करता है और उसका अष्टम भाव और स्वामी सप्तम भाव एक साथ आ रहे होंगे तो प्रेम विवाह सफल नहीं हो पाता है। जातक को उसका प्रेमी धोखा देगा या वह अलग हो जायेंगे।
  • जब ज्योतिषी से कोई व्यक्ति अपना विवाह जल्दी होने का प्रश्न पूछता है परंतु यदि प्रश्न कुंडली में सूर्य, शनि, मंगल, राहू, केतु ये अशुभ ग्रह यदि लग्नेश, पंचमेश, सप्तमेश, के साथ आ रहे हैं तो जातक को उदासीनता हाथ लगती है क्योंकि उनका विवाह प्रश्न कुंडली के अनुसार जल्दी होने के योग नहीं बनते हैं।
  • यदि कोई प्रश्न करता है कि विवाह के बाद उसका जीवन कैसा होगा और उसकी प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी और शुक्र ग्रह तीसरे, छठे, दसवें, ग्यारहवें भाव में उपस्थित होते हैं तो व्यक्ति को खुश होना चाहिए क्योंकि उसका जीवन विवाह के बाद एकदम से बदल जाएगा। वह अपने जीवन में शादी के बाद सफलता प्राप्त करेगा और उसके घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
  • यदि किसी जातक की प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी उच्च राशि में प्रवेश कर गया हो या उस पर किसी मजबूत ग्रह की दृष्टि पड़ जाती है तो ऐसा कहा जाता है की जातक को शादी के बाद अत्यधिक प्रेम मिलता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है। जातक का जीवनसाथी उस पर भरोसा करता है।
  • यदि किसी जातक की प्रश्न कुंडली में तीसरे, पांचवें, सातवें, ग्यारहवें घर में चंद्रमा विराजमान होता है और उस दौरान यदि वह गुरु ग्रह बृहस्पति के संपर्क में आ जाए तो जातक का विवाह जब उसने ज्योतिषी से प्रश्न पूछा उसके बाद से कुछ ही समय काल के अंदर हो जाता है।
  • यदि किसी जातक की प्रश्न कुंडली में सभी शुभ ग्रह बुध, गुरु, शुक्र, चंद्रमा सभी ताकतवर स्थिति में विराजमान होते हैं। तो जातक का विवाह जल्दी होना तय माना जाता है। परन्तु यदि यह सभी ग्रह निचली राशि के में प्रवेश कर जाएं और शनि ग्रह की बुरी दृष्टि इन पर पड़ती है तो इसका परिणाम यह होता है कि जातक का विवाह होने के अभी कोई शुभ योग नहीं बन रहे हैं।

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कैसे काम करती है प्रश्न कुंडली?

  • प्रश्न कुंडली किसी व्यक्ति के प्रश्न पूछने के तुरंत बाद ज्योतिषी बनाता है।
  • जब ज्योतिष शास्त्र में प्रश्न कुंडली बनाई जाती है तो इसमें समय का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसमें जिस समय व्यक्ति प्रश्न पूछता है वह समय देखा जाता है। उस समय जो भी लग्न होता है उसी को देख कर लग्न कुंडली का निर्माण किया जाता है और उस कुंडली में सभी ग्रहों को स्थपित किया जाता है।
  • जब जातक को अपने बारे में सही जानकारी नहीं होती है तब यह बनाई जाती है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानने को उत्सुक रहता है परंतु यदि उसको अपने जन्म के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है तब ज्योतिषी प्रश्न कुंडली बनाते हैं और जातक को उसके प्रश्न का उत्तर देते हैं।

प्रश्न कुंडली कैसे देखते हैं?

यदि आप अपनी प्रश्न कुंडली देखना चाहते हैं तो और आपको ज्ञात नहीं हैं कि प्रश्न कुंडली कैसे देखते हैं तो हम आपको बताते हैं। यदि आपकी प्रश्न कुंडली में लग्र में चार राशि, शक्तिशाली लग्रेश, कार्यश शुभ ग्रहों से घिरा हो और वे एक, चौथे, पांचवे, सातवें, नोवे, और दसवें भाव में स्थित होते हैं तो समझ जाएं की आप जिस भी कार्य के लिए अपनी प्रश्न कुंडली देख रहें हैं उसमें आपको सफलता प्राप्त होगी। वहीं यदि आपकी प्रश्न कुंडली में लग्र उपस्थित है और लग्रेश, कार्येश ताकतवर हो जाता है तो अपने जिस भी कार्य में के लिए अपनी प्रश्न कुंडली देख रहे हैं उसमें आप अभी सफल नहीं हो पाएंगे। इसी प्रकार ज्योतिष शास्त्रों में प्रश्न कुंडली का महत्व अधिक है।

एक बात ध्यान देने योग्य है कि ज्योतिष शास्त्र में प्रश्न कुंडली एक समय में एक ही सवाल का जवाब देती है। उधारण के लिए यदि आप जानना चाहते हैं कि आपकी शादी का योग कब बन रहा है? तो आपको सिर्फ इसी प्रश्न का उत्तर मिलता है आपको यह नहीं पता चलेगा कि शादी के बाद आपका जीवन कैसा रहेगा या आपका जीवनसाथी का व्यवहार आपके लिए कैसा होगा। यह विद्या हमारे पुराने ज्योतिषी और मुनियों की दी हुई है जो एकदम सटीक बैठती है। यानी कि आप अपनी कुंडली प्रश्न कुंडली के अनुसार भी पता कर सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-

1. यदि किसी की जन्म कुंडली नहीं हैं तो अपने विवाह के बारे में कैसे जान सकते हैं?

यदि आपके पास आपकी जन्म कुंडली नहीं हैं और न ही आपको आपके जन्म का समय, तिथि और स्थान याद है तो आप प्रश्न कुंडली के माध्यम से अपने विवाह के बारे में सारी जानकारी ज्योतिषी से जान सकते हैं।

2. ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के माध्यम से जातक के बारे में कैसे पता करते हैं?

ज्योतिष जातक का प्रश्न पूछने का समय और स्थान को देख कर खगोलीय ग्रहों को स्थिति को आधार मानता है और प्रश्न करने वाले जातक को प्रश्न कुंडली के माध्यम से उसकी समस्या का निवारण देता है।

3. प्रश्न कुंडली क्यों बनाई जाती है?

यदि किसी जातक को अपने जन्म का समय, तिथि और स्थान याद नहीं है या उसे नहीं पता है तो इस स्थिति में प्रश्न कुंडली बनाई जाती है। और जातक को उसके जीवन के बारे में अवगत कराया जाता है।

4. प्रश्न कुंडली में प्रश्न का समय किस तरह से निर्धारित किया जाता है?

प्रश्न कुंडली में जातक जिस समय प्रश्न पूछता है और जिस स्थान पर वह मौजूद होता है उसी के आधार पर प्रश्न कुंडली का समय निर्धारित किया जाता है।

5. प्रश्न कुंडली से कैसे पता चलता है की जातक को विवाह के बाद तरक्की मिलेगी?

यदि जातक की प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी ग्रह और शुक्र ग्रह तीसरे, छठे, दसवें, और ग्यारहवें घर में उपस्थित होता है तो जातक को विवाह के पश्चात अपने जीवन में तरक्की और खुशहाली प्राप्त होती है।

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अपने विवाह के बारे में प्रश्न कुंडली के माध्यम से जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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