
हिन्दू धर्म में कार्तिक अमावस्या अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अमावस्या के दिन तर्पण और पितरों के लिए दान, पुण्य करना लाभकारी माना जाता है। प्रत्येक माह एक अमावस्या पड़ती है परन्तु कार्तिक माह में पड़ने वाली अमावस्या अत्यधिक ख़ास होती है। कार्तिक अमावस्या को बड़ी अमावस्या और दीपावली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह अमावस्या दीपावली के दिन मनाई जाती है। इसलिए कार्तिक अमावस्या को दीपावली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। जिसे कार्तिक अमावस्या व्रत भी कहते हैं। यह पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है।
कार्तिक अमावस्या 2022 कब है?
वर्ष 2022 में कार्तिक अमावस्या 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर दिन सोमवार को शाम 5:29 से होगा। अमावस्या तिथि समाप्त 25 अक्टूबर को शाम 4:20 पर होगा।
कार्तिक अमावस्या पूजा विधि-
- इस दिन प्रात काल उठकर कितनी नदी पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए।
- इसके पश्चात सूर्य देव को जल अर्पित करें और बहते हुए जल में तिल बहाना चाहिए।
- अगर आपकी कुंडली में ग्रह संबंधित दोष है या नवग्रहों की शांति के लिए सुबह नवग्रह स्त्रोत का पाठ करें।
- इस दिन विष्णु जी की विशेष कृपा रहती है इसलिए इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए।
- इस जाप से कुंडली में खराब योग का प्रभाव दूर होता है।
- अगर आपकी कुंडली में शनि ग्रह का प्रभाव है और शनि ग्रह से संबंधित कोई भी दोष है तो गरीब व्यक्ति के घर जाकर दीपक जलाना चाहिए।
- कार्तिक अमावस्या के दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना अत्यधिक लाभ प्रदान करता है।
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कार्तिक अमावस्या महत्व-
यह अमावस्या एक विशेष और महत्वपूर्ण अमावस्या होती है। इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। कार्तिक अमावस्या को लेकर कई तरह की मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं। कार्तिक अमावस्या की कथाओं के अनुरूप लोग इस पर्व को मनाते हैं। जैसे कई जगह श्री राम की अयोध्या आने की खुशी में , नरकासुर का प्रजा पर अत्याचार से कृष्ण जी ने मुक्ति दिलाई थी और लक्ष्मी जी का पृथ्वी पर आगमन पर दीपोत्सव। तभी कार्तिक अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है।
कार्तिक अमावस्या के दिन दीप जलाने का महत्व-
- इस अमावस्या पर दिए जलाए जाते हैं इसलिए यह अमावस्या दीपावली के दिन पड़ती है।
- कार्तिक अमावस्या के दिन श्री राम वनवास से अयोध्या से वापस लौटे थे।
- इसलिए घर-घर दीपक जलाये जाते हैं और खुशियां मनाई जाती है।
- दीपावली के दिन दिए जलाने की कई और मान्यता भी है।
- जैसे पितृ पक्ष में पितृ गण जब पृथ्वी पर आते हैं तो उन्हें पुनः पितृलोक जाने के लिए कोई कष्ट न हो।
- इसलिए कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाये जाते हैं।
कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी पूजन का महत्व-
- इस अमावस्या पर तुलसी पूजन का अत्यधिक महत्व होता है।
- कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं।
- इस दिन तुलसी के साथ सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए और तुलसी की पूजा करनी चाहिए।
- कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी के पेड़ का दान करना चाहिए।
- तुलसी की पूजा करने से घर में सुख शांति का वास होता है और रोग समाप्त होते हैं।
- कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी के पूजन से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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