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अनंत चतुर्दशी 2023: इस दिन करें ये विशेष काम मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा।

By September 16, 2023No Comments
Anant Chaturdashi , vishnu bhagwan

हिन्दू धर्म में अनंत चतुर्दशी का अत्यधिक महत्व होता है। इस चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। भारत के अधिकतर राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। इस त्योहार को एकता का प्रतीक माना जाता है। आइये जानते हैं अनंत चतुर्दशी क्या है? अनंत चतुर्दशी कब है?और अनंत चतुर्दशी का महत्व और लाभ।

अनंत चतुर्दशी क्या है?

इस दिन विशेषकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। पूजा के बाद लोग अपने बाजू पर अनंत धागा या सूत्र बांधते हैं। इसलिए इस चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस धागे पर 14 गांठ होती है और यह कपास और सूती का बना हुआ होता है। इस पर्व का महत्व इसलिए भी है क्योकि इस दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन भी किया था। इसी कारण यह पर्व अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी किया जाता है। इस व्रत को अनंत चतुर्दशी व्रत कहते हैं। भगवान विष्णु इस दिन सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। आइये जानते हैं अनंत चतुर्दशी कब है।

भगवान विष्णु

अनंत चतुर्दशी 2023 कब है?

वर्ष 2023 में अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर दिन गुरूवार को पड़ेगी। प्रत्येक वर्ष अनंत चतुर्दशी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है।

अनंत चतुर्दशी 2023 का समय-

2023 में अनंत चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होने का समय 27 सितंबर को रात 10 बजकर 18 मिनट है। अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त होने का समय 28 सितंबर को शाम को 6 बजकर 49 मिनट तक है।

अनंत चतुर्दशी 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त-

2023 में अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त 28 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 49 मिनट तक है।

अनंत सूत्र

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि-

  • इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
  • पूजा स्थल को साफ़ करके कलश की स्थापना करनी चाहिए।
  • कुश से बना हुआ कमल स्थापित करें या भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति रख सकते हैं।
  • भगवान विष्णु को तुलसी और फूल अर्पित करने चाहिए।
  • इसके पश्चात अनंत सूत्र तैयार करने के लिए धागे को हल्दी,कुमकुम और केसर में डुबो दे।
  • इस अनंत सूत्र में 14 गांठ का होना अति आवश्यक है।
  • इसके पश्चात अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने रखना चाहिए।
  • षोडशोपचार विधि से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
  • पूजा करने के पश्चात अनंत सूत्र को हाथ में बाँध लेना चाहिए।
  • अनंत सूत्र पुरुषों को बाएं हाथ पर और महिलाओं को दाएं हाथ पर बांधना चाहिए।
  • इसके बाद गरीबों को भोजन कराना चाहिए और दान देना लाभ देता है।

भगवान विष्णु lakshmi ji

अनंत चतुर्दशी का महत्व-

पौराणिक कथा के अनुसार अनंत चतुर्दशी का उल्लेख महाभारत में मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु ने चौदह लोकों की रचना की थी। जिसमें तल,अतल,वितल,सुतल,रसातल,पाताल,तलातल,जन,तप,सत्य,माह,भू,भुवः और स्वः शामिल हैं। भगवान विष्णु ने भी इन लोकों की रक्षा करने के लिए 14 रूप लिए थे। तभी विष्णु जी को अनंत माना गया है। इसी कारण की वजह से अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। sइस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भारत के कई राज्यों में इस व्रत को रखते हैं और इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु जी लोक कथाएं सुनी जाती हैं।

अनंत चतुर्दशी पर क्या करें?

  • इस दिन भगवान विष्णु के अलावा शेषनाग और देवी यमुना की पूजा करनी चाहिए।
  • अनंत सूत्र को बांधने से पहले भगवान विष्णु के चरणों से जरूर स्पर्श कराएं।
  • अगर आप पहले से ही कोई अनंत सूत्र बांधे हैं। तब पुराना वाला अनंत सूत्र उतार कर के ही नया अनंत सूत्र पहनना चाहिए।
  • भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात ही अनंत सूत्र को बांधना चाहिए।
  • अनंत सूत्र को कलाई पर कम से कम 14 दिन तक अवश्य बांधे।
  • अनंत चतुर्दशी का व्रत करने पर सिर्फ एक पहर में ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • सिर्फ मीठे भोजन का ही उपयोग करना चाहिए।

अनंत चतुर्दशी पर क्या न करें?

  • इस दिन मांसाहारी भोजन और अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र को टूटने से बचाना चाहिए।
  • इस दिन झूठ और अनैतिक काम को नहीं करना चाहिए।
  • अनंत चतुर्दशी के दिन भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करें।
  • अनंत सूत्र को राशि के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही बांधे।
  • राशि के अनुसार शुभ मुहूर्त जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से सलाह ले।
  • इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी आपको सही सलाह देंगे, जिससे आपको अनंत चतुर्दशी के दिन अत्यधिक लाभ होगा।

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Jaya Verma

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