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जानिए वर्ष 2023 में चंद्र दर्शन व्रत करने का महत्व और लाभ

By June 6, 2023December 14th, 2023No Comments
Chandra Darshan Vrat

हिन्दू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पड़ने वाले हर महीने की पड़ने वाली अमावश्या तिथि के तुरंत बाद मनाया जाता है। इस दिन बहुत से लोग चंद्र दर्शन करते हैं क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के बाद दिखने वाला चांद बहुत शुभ होता है। इस त्यौहार को सभी भक्त बहुत ख़ुशी और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। 2023 चंद्र दर्शन दिन भारत के लगभग सभी लोग व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ 2023 चंद्र दर्शन दिन में भी चंद्र देव की पूजा करते हैं। लोग सुबह से ही शाम होने का इंतजार करने लगते हैं क्योंकि निकलते हुए चंद्र देव के दर्शन होना भक्तों के लिए दूध में मिली मलाई से कम नहीं होते हैं।

चन्द्र दर्शन करने के लिए लोग सुबह से ही चंद्र दर्शन अनुष्ठान करने लग जाते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्र दर्शन अनुष्ठान करने से चंद्र देव अधिक प्रसन्न होते हैं और लोगों के ऊपर अपनी विशेष कृपा दृष्टि बनाते हैं।अमावस्या तिथि के पश्चात भारत में चंद्र दर्शन अनुष्ठान लगभग प्रत्येक घर में किये जाते हैं। जिस प्रकार से भारत में सभी देवताओं के लिए व्रत पूरे विधि और विधान से रखे जाते हैं उसी प्रकार भारत में चंद्र दर्शन अनुष्ठान किए जाते हैं। चन्द्र देव भी हिन्दू देवी देवताओं की तरह एक देव शक्ति माने गए हैं। आइए जानते हैं 2023 में चंद्र दर्शन का पहला दिन कब है और हिन्दू धर्म में चंद्र दर्शन का महत्व, यह व्रत साल में कौन कौन से दिन होगा और पूजा करने के क्या नियम होंगे।

Hindi CTR

चंद्र दर्शन तिथि, समय और शुभ मुहूर्त

सोमवार, 23 जनवरी, 2023

2023 चंद्र दर्शन का पहला दिन का शुभ समय शाम को 5 बजकर 53 मिनट तक शुभ समय होगा। यानी कि एक घंटा और 42 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

मंगलवार, 21 फ़रवरी, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 28 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि एक घंटा 12 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

बुधवार, 22 मार्च, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 6 बजकर 33 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 43 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

शुक्रवार, 21 अप्रैल, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 6 बजकर 50 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 1 घंटा 17 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

शनिवार, 20 मई, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को शाम को 7 बजकर 08 मिनट से 7 बजकर 58 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 50 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

सोमवार, 19 जून, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 7 बजकर 21 मिनट से 8 बजकर 37 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 1 घंटा 15 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

बुधवार 19 जुलाई, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 7 बजकर 20 मिनट से 8 बजकर 39 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 1 घंटा 19 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

बृहस्पतिवार, 17 अगस्त, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 6 बजकर 59 मिनट से 7 बजकर 44 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 45 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

शनिवार, 16 सितंबर, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 6 बजकर 26 मिनट मिनट से 7 बजकर 09 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 43 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

सोमवार, 16 अक्टूबर, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 5 बजकर 51 मिनट से 6 बजकर 40 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 49 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

बुधवार, 15 नवंबर, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 5 बजकर 28 मिनट से 6 बजकर 46 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 1 घंटा और 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

बृहस्पतिवार, 14 दिसंबर, 2023

चंद्र दर्शन के लिए शाम को 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट तक शुभ समय रहेगा। यानी कि 1 घंटा और 9 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

चन्द्र दर्शन पूजा विधि

  • चंद्र दर्शन के दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सुन्दर सफ़ेद रंग के वस्त्र पहने और अपने व्रत का संकल्प लें। अपने मन में धारणा करें की आप इस व्रत को पूरी विधि अनुसार करेंगे।
  • इसके बाद पूरे दिन का व्रत रखें और शाम के समय चंद्र दर्शन करते हुए गाय का दूध और गंगाजल चंद्र देवता को अर्पित करें।
  • अब एक धूप और गाय के घी का दीपक जला कर चंद्र देवता की आरती उतारें। और चंद्र देवता के मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्र दर्शन के दिन 5 या 7 मावा डाल कर शुद्ध गाय के दूध से खीर बनाएं और शाम के समय चंद्र देवता की खीर अलग निकाल कर उसको गाय माता को खिलाएं। और बची हुई खीर को सभी को प्रसाद के रूप में बाँट दे।
  • चंद्र देवता के मन्त्रों का जाप करने के बाद चंद्र स्रोत का पाठ भी पढ़ें और यह पाठ समाप्त हो जाने के बाद चंद्र देव को देखते हुए अपनी मनोकाना पूर्ण करने का आशीर्वाद चंद्र देव से मांगें।
  • रात के समय चंद्र देव के दर्शन करने के पश्चात् दान देने की भी मान्यता होती है। आप किन्हीं 5 कन्याओं या 5 ज्योतिषियों को भोजन कराएं और खीर का प्रसाद बांटे। साथ ही सफ़ेद रंग और पीले रंग के वस्त्र ज्योतिषियों और कन्याओं को दान करें।

Chandra Darshan

चन्द्र दर्शन का महत्व

हिन्दू धर्म में चंद्र दर्शन का महत्व अधिक है। क्योंकि इस धर्म में चन्द्र देव बाकि के सभी देवी देवताओं के समान ही बहुत पूजनीय हैं। चंद्र देव जातक की कुंडली में ग्रह बनकर भी उपस्थित रहते हैं और उसके जीवन में होने वाली सभी अच्छी और बुरी घटनाओं में अपना योगदान देते हैं। चंद्र दर्शन के दिन जातक कई तरह के अनुष्ठान करता है ताकि चंद्र देव की अच्छी दृष्टि उसके ऊपर बनी रहे। चंद्र देव एक अच्छे इरादों वाले और बहुत ही ज्ञानी देव हैं। अधिकतर समय जातक की कुंडली पर इनका अच्छा प्रभाव ही पड़ता है।

चंद्र दर्शन के दिन पितृ दोष से भी व्यक्ति को मुक्ति मिल सकती है। इस दिन यदि कोई जातक अपने घर में पितृ पूजा करें तो उसके पितरों को मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को हर महीने रखा जा सकता है लेकिन 16 या 11 व्रत करने के बाद उद्यापन करना आवश्यक होता है। इस व्रत को करने से घर में सुख समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चन्द्रमा का महत्व जातक की कुंडली में बैठे सभी नौ ग्रहों में सबसे अधिक होता है। चंद्र दर्शन दिन लोगों को कफ, पित्त और वात से छुटकारा मिल जाता है और उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इसी प्रकार चंद्र दर्शन का महत्व अधिक होता है।

चंद्र दर्शन अनुष्ठान

  • चंद्र दर्शन के दिन लोग सबसे पहले चंद्र भगवान से उनका आशीष प्राप्त करने के लिए इस व्रत को पूरी विधि अनुसार करने का अनुष्ठान लेते हैं।
  • यह व्रत विशेष रूप से चंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। और अनुष्ठान किया जाता है कि पूरी श्रद्धा के साथ जातक यह व्रत करेगा।
  • इस दिन जो लोग व्रत करते हैं उनमें से कुछ तो अनुष्ठान लेते हैं कि वह पूरे दिन निर्जला व्रत धारण करेंगे और कुछ लोग दिनभर अन्न ग्रहण न करके केवल दूध और फलों पर व्रत रखते हैं।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो जातक इस व्रत को पूरे दिन में अपने लिए हुए सभी अनुष्ठानों द्वारा पूरा करते हैं और संध्या के समय सही मुहूर्त पर चाँद को देखकर नियम अनुसार उनकी पूजा करते हैं तो उनकी सभी मनोकमाएँ पूरी होती हैं।
  • चंद्र दर्शन के दिन लोगों की कई मनोकामनाएं होती हैं जैसे कोई अपनी परीक्षा में पास होने के लिए मनोकामना करता है तो कोई अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखता है।

Chandra Dev Devta

चंद्र दर्शन के दिन क्या करें और क्या न करें

  • इस दिन अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए यदि जरूरी है तो दिन में एक समय पर ग्रहण कर सकते हैं।
  • इस व्रत पर मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन जैसे प्याज और लहसुन को नहीं ग्रहण करना चाहिए।
  • चंद्र दर्शन के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और सफ़ेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए यदि न हों तो लाल और पिले रंग के वस्त्र पहने और इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें।
  • व्रत वाले दिन अपने मन से किसी के प्रति द्वेष भावना को त्याग दें और किसी से भी लड़ाई झगड़ा न करें।
  • गुस्सा न करें गुस्सा करने से जातक का व्रत खराब हो जाता है और उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.चंद्र दर्शन करने से क्या लाभ प्राप्त होता है?

चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होता है और इस व्रत को करने से पितृ दोष भी समाप्त होता है।

2.चंद्र दर्शन व्रत वाले दिन क्या खाया जा सकता है?

चंद्र दर्शन से पहले कोई अन्न ग्रहण नहीं करें इस दिन फल और दूध ग्रहण कर सकते हैं, दिन में एक समय।

3.क्या चंद्र दर्शन करना शुभ होता है?

चंद्र दर्शन करना शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्र दर्शन करने से घर में कोई दोष नहीं रहता है। और ग्रह का विकास होता है।

4.चंद्रमा के दर्शन कौन से दिन नहीं करने चाहिए?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जिस दिन गणेश चतुर्थी होती है उस दिन चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं होता है।

5. चंद्र दर्शन व्रत साल में कितनी बार आता है?

चंद्र दर्शन व्रत साल में 12 बार आता है और यह हर माह की आने वाली अमावस्या तिथि के बाद मनाया जाता है।

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