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भगवान विष्णु के भक्त है तो जरुर जाने उनके शालिग्राम अवतार की कहानी

By February 18, 2023June 7th, 2023No Comments
शालिग्राम अवतार

हिंदू धर्म की खास बात यह है कि यहां सिर्फ सजीव चीजों को ही नहीं पूजा जाता बल्कि निर्जीव चीजों की भी हम पूजा करते है। भारत में भगवान की मूर्ति स्वरुप की पूजा करने का चलन सदियों पुराना है। हम भगवान की मूर्ति की पूजा ऐसे करते है जैसे वह हमारे सामने उपस्थित हो और हम उससे बातें कर रहे हो। भारत की यही बात उसे दुनिया भर में सबसे महान बनाती है। भगवान की इन मूर्तियों के बनने में हमेशा से शालिग्राम पत्थरों का विशेष योगदान रहा है। अभी अभी अयोध्या में स्थापित हुई भगवान श्री राम की मूर्ति को भी शालिग्राम पत्थरों से बनाया गया है। शालिग्राम को हिंदू धर्म में पवित्र पत्थर की संज्ञा दी जाती है।

शालिग्राम शिला की अनसुनी बातों को जानने के लिए पढ़िए यह लेख:

अक्सर लोगों के प्रश्न रहते है कि शालिग्राम शिला क्या है?, शालिग्राम शिला के पीछे की कहानी क्या हैं?, क्या शालिग्राम शिला को घर पर रखना शुभ होगा या अशुभ?, शालिग्राम शिला को घर में लाने के फायदे क्या है?, अपने प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए आप इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिसी से संपर्क कर सकते है। जहां आपको शालिग्राम शिला के बारे में संपूर्ण और सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।

आखिर क्या है शालिग्राम शिला के पीछे की कहानी-

पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में जालंधर नाम का एक असुर था। अपनी पत्नी वृंदा की भक्ति के कारण जालंधर हर युद्ध में विजयी हो रहा था। एक दिन देवताओं के आह्वान पर भगवान विष्णु ने जालंधर का रूप धरकर वृंदा का व्रत भंग कर दिया। जिस कारण युद्ध में जालंधर की मृत्यु हो गई। यह खबर सुनते ही वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर में बदलने का श्राप दिया। भगवान विष्णु अपने भक्त के आदेश का पालन करते हुए शालिग्राम शिला में परिवर्तित हो गए। उस दिन से ही भारत के हर घर में शालिग्राम शिला की स्थापना और पूजा की जाती है।

Shaligram Shila Ki Staphna

जाने शालिग्राम शिला का पूजन करने के क्या है नियम-

शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही पत्थर रुप कहा जाता है। अगर आप भी शालिग्राम शिला का पूजन करते है या शालिग्राम शिला की पूजा विधि के बारे में जानना चाहते है तो जरुर जान ले यह नियम। जो नीचे निम्नलिखित है:

नियमित रूप से करे शालिग्राम की पूजा-

अपनी रोज़मर्रा की व्यस्त जिंदगी में लोगों का अपने लिए ही समय निकालना मुश्किल है। ऐसे में लोग रोज रोज पूजा पाठ नहीं कर पाते। लेकिन अगर आपके घर में शिलाग्राम शिला स्थापित है और आप उसकी पूजा नियमित रूप से नहीं करते है तो आपको आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

Shaligram Puja Thali

शालिग्राम को अर्पित करे तुलसी की पत्तियां-

हिंदू मान्याओं में तुलसी को बहुत पवित्र पौधा माना गया है। तुलसी जी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इसलिए आगर आप शालिग्राम पर तुलसी की पत्तियां रोज अर्पित करते है तो आपका भाग्य और आपका घर दोनों धन और समृद्धि से भर जाता है।

घर में न रखे एक से ज्यादा शालिग्राम शिला-

 एक से ज्यादा शालिग्राम शिला घर में रखना आपके दुर्भाग्य को न्यौता देता है। बहुत से घरों में लोग शोक के तौर पर एक से ज्यादा शालिग्राम शिला रखते है जो बाद में उनके लिए कई मुश्किलें लेकर आता हैं। इसलिए भूलकर भी ऐसी गलती न करे।

Shaligram Shila

अपने आचरण को रखे साफ सुथरा-

वैसे तो हर पूजा नहा धोकर की जानी चाहिए। लेकिन कुछ लोग कभी कभार बिना नहाएं भी पूजा कर लेते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शालिग्राम की पूजा करते समय व्यक्ति का नहाना अनिवार्य माना गया है और साथ ही साफ सुथरे कपडों में ही शालिग्राम की पूजा करना भी अनिवार्य बताया गया है। क्योंकि साफ तन में ही साफ आत्मा वास करती है।

मन की शुद्धि भी है अनिवार्य-

इसके अलावा पूजा करते समय व्यक्ति का मन भी शुद्ध होना चाहिए। इसका मतलब व्यक्ति का मन और ध्यान पूजा करते समय सिर्फ पूजा पर होना चाहिए कहीं ओर नहीं। हिंदी की एक बहुत ही मशहुर कहावत है जो इसके अनुकूल बैठती है। मन चंगा तो कठौती में गंगा। जिसका मतलब है अगर मनुष्य का मन साफ है तो उसे गंगा में जाकर स्नान करने की कोई आवश्यकता नहीं है। गंगा माँ उसे खुद दर्शन देने आती है।

Mann Ki Suddhi Ke Liye Dhyan

मांसाहार का सेवन करना है वर्जित-

यदि आपके घर में शालिग्राम शिला है और आप उसकी पूजा करते है तो मांसाहार का सेवन बिल्कुल न करें। यदि मांसाहार का सेवन करते भी है तो उसे अभी के अभी बंद कर दें। क्योंकि शालिग्राम वैष्णव धर्म का पालन करता है। अत: जिस व्यक्ति के घर में शालिग्राम शिला स्थित होते हुए भी वह मांस मदिरा का सेवन करता है। तो भगवान विष्णु उस व्यक्ति से रुष्ठ हो जाते है और उस व्यक्ति का बुरा समय शुरु हो जाता है।

रोज कराएं पंचामृत से शालिग्राम शिला को स्नान-

शालिग्राम शिला को पंचामृत से स्नान कराने के बाद जो व्यक्ति शालिग्राम शिला के चरणामृत को प्रसाद स्वरुप ग्रहण करता है उसके जीवन से सभी कष्टों का अंत हो जाता है और व्यक्ति का सौभाग्य उसके पास वापस लौट आता है।

Panchamitra Se Shaligram Shila Ka Snan

ज्योतिष से जानिए शालिग्राम शिला को घर में लाने के फायदे-

ज्योतिष शास्त्र और सनातन धर्म में शालिग्राम शिला को घर में लाने के अनेक फायदों के बारे में बताया गया है। इन्ही में से कुछ फायदों की चर्चा नीचे की गई है:

वास्तु दोष से दिलाता है निजात-

अगर आप भी वास्तु दोष से परेशान है या आपका घर वास्तु के अनुकूल नहीं है। तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है। आज ही अपने घर में शालिग्राम शिला की स्थापना करें और इसके फायदों का लाभ उठाएं। शालिग्राम शिला आपके घर का वास्तु दोष दूर करने के साथ साथ आपकी झोली धन और समृद्धि से भर देती है।

वैवाहिक जीवन की समस्याओं को करता है दूर-

क्या आप भी एक सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहते तो अभी शिलाग्राम शिला को अपने घर लाएं। नियमित रुप से और सच्चे मन से इसकी पूजा करे। इसकी पूजा के सार्थक परिणाम आपको प्राप्त होंगे और आपकी वैवाहिक जीवन से हर कलह का अंत होगा।

मां लक्ष्मी के आगमन को न्यौता देता है शालिग्राम को घर में लाना-

 श्री हरि और मां लक्ष्मी की जोड़ी सर्वविदित है। दोनो हमेशा हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ रहते है। ऐसे में आप शालिग्राम शिला को अपने घर लाएं और  लक्ष्मी का आगमन आपके घर में न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। शालिग्राम शिला के साथ मां लक्ष्मी का आगमन व्यक्ति के भाग्य में खुब धन योग लेकर आता है।

धन और समृद्धि की कभी नहीं होती कमी-

इस पवित्र पत्थर की घर में स्थापना करने से मनुष्य का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है और व्यक्ति को धन, यश, वैभव, समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ग्रह दोष को करता है दूर-

जातक की कुंडली में कई ग्रह दोष ऐसे होते है जो उसे लंबे समय तक परेशान करते है। इसलिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी द्वारा घर की सही दिशा में शालिग्राम शिला स्थापित करने और कुछ विधियों अनुसार शालिग्राम शिला की पूजा करने के फलदायी उपाय बताएं गए है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. शालिग्राम शिला से आप क्या समझते है?

जिस प्रकार भगवान शिव के निराकार रुप शिवलिंग की पूजा होती है। उसी प्रकार भगवान विष्णु के शालिग्राम शिला को निराकार रुप में पूजा जाता है।

2. किस प्रकार की शालिग्राम शिला सबसे अच्छी होती है?

काले और चिकने पत्थर से बनी शालिग्राम शिला सबसे अच्छी होती है।

3. अन्य किस नाम से शालिग्राम को जाना जाता है?

सालग्राम के नाम से भी शालिग्राम को जाना जाता है। जिसका संबंध सालग्राम नाम के एक गांव से मिलता है।

4. क्या शालिग्राम में प्राण प्रतिष्ठा करने की जरुरत होती है?

इसका उत्तर है नहीं। शालिग्राम में प्राण प्रतिष्ठा करने की जरुरत नहीं होती। इसकी पूजा बिना प्राण प्रतिष्ठा के की जा सकती है।

5. सबसे अच्छा शालिग्राम पत्थर कहां मिलता है?

नेपाल की गंडकी नदी में मुक्तिनाथ के पास सबसे उत्तम प्रकार का शालिग्राम पत्थर मिलता है।

और पढ़े: जानें कैसे मेघनाद लक्ष्मण के दामाद थे?

भारत में किन किन भगवानों की शालिग्राम रुप की पूजा की जाती है। ऐसी अनसुनी जानकारी के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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