बुद्ध पूर्णिमा क्या है ?
वैशाख माह में बुद्ध पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। प्रत्येक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है पर वैशाख माह के अंतिम दिन वाली पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। वैशाख माह में होने के कारण इसे वैशाख पूर्णिमा भी कहते हैं। बुद्ध पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। भगवान विष्णु के नौवें अवतार बुद्ध हैं। इसलिए ये बुद्ध पूर्णिमा हिन्दू और बुद्ध दोनों धर्मों के लिए ख़ास है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान बुद्ध ,भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इससे आपकी सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कहा ये भी जाता है कि उस दिन व्रत रखने से सारे कष्ट ख़त्म हो जाते हैं। ये व्रत चन्द्रमा के दर्शन के बिना अधूरा होता है।
बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा की तिथि और समय क्या है ?
बुद्ध पूर्णिमा की तिथि 16 मई दिन सोमवार को है। यह पूर्णिमा दिनांक 15 मई को रात्रि 12 बजकर 45 मिनट से आरम्भ होकर 16 मई को रात्रि 9 बजकर 45 मिनट तक है।
बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा का महत्व क्या है?
वैशाख पूर्णिमा को हिन्दू और बौद्ध दोनों धर्मों में त्योहार के रूप में मनाई जाती है। ये पर्व बहुत ख़ास है क्योकिं ये पर्व दो धर्म के लोग मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा को बेहद पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और भगवान चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस पूजा को विधि पूर्वक करना चाहिए। अगर आप इस दिन व्रत रखते हैं तो ये सोने पर सुहागा हो जाता है। कहते हैं कि आप पूरे मन से भगवान विष्णु और भगवान चंद्र देव की आराधना करते हो तो वह प्रसन्न होकर अपनी कृपा बनाये रखते हैं। आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और आपको शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान करने से आपके सारे कष्ट ख़त्म हो जाते हैं।