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श्री विन्ध्येश्वरी जी की चालीसा (Shri Vindhyeshvari Ji Ki Chalisa)

By December 22, 2022December 4th, 2023No Comments
Shri Vindhyeshvari Ji Ki Chalisa

श्री विन्ध्येश्वरी जी की चालीसा
॥ दोहा ॥
नमो नमो विन्ध्येश्वरी,
नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में,
करती नहीं विलम्ब ॥

|| चौपाई ||
जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥

सिंहवाहिनी जै जगमाता ।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥

कष्ट निवारण जै जगदेवी ।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥

महिमा अमित अपार तुम्हारी।
शेष सहस मुख वर्णत हारी ॥

दीनन को दु:ख हरत भवानी ।
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी ॥

सब कर मनसा पुरवत माता ।
महिमा अमित जगत विख्याता ॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावै ।
सो तुरतहि वांछित फल पावै ॥

तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी ।
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी ॥

रमा राधिका श्यामा काली ।
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली ॥

उमा माध्वी चण्डी ज्वाला ।
वेगि मोहि पर होहु दयाला ॥ 10

तुम्हीं हिंगलाज महारानी ।
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी ॥

दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता ।
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता ॥

तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी ।
हे मावती अम्ब निर्वानी ॥

अष्टभुजी वाराहिनि देवा ।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा ॥

चौंसट्ठी देवी कल्यानी ।
गौरि मंगला सब गुनखानी ॥

पाटन मुम्बादन्त कुमारी ।
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी ॥

बज्रधारिणी शोक नाशिनी ।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी ॥

जया और विजया वैताली ।
मातु सुगन्धा अरु विकराली ॥

नाम अनन्त तुम्हारि भवानी ।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी ॥

जापर कृपा मातु तब होई ।
जो वह करै चाहे मन जोई ॥ 20

कृपा करहु मोपर महारानी ।
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी ॥

जो नर धरै मातु कर ध्याना ।
ताकर सदा होय कल्याना ॥

विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै ।
जो देवीकर जाप करावै ॥

जो नर कहँ ऋण होय अपारा ।
सो नर पाठ करै शत बारा ॥

निश्चय ऋण मोचन होई जाई ।
जो नर पाठ करै चित लाई ॥

अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे ।
या जग में सो बहु सुख पावे ॥

जाको व्याधि सतावे भाई ।
जाप करत सब दूर पराई ॥

जो नर अति बन्दी महँ होई ।
बार हजार पाठ करि सोई ॥

निश्चय बन्दी ते छुट जाई ।
सत्य वचन मम मानहु भाई ॥

जापर जो कछु संकट होई ।
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई ॥ 30

जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई ।
सो नर या विधि करे उपाई ॥

पाँच वर्ष जो पाठ करावै ।
नौरातन महँ विप्र जिमावै ॥

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी ।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी ॥

ध्वजा नारियल आन चढ़ावै ।
विधि समेत पूजन करवावै ॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई ।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई ॥

यह श्री विन्ध्याचल चालीसा ।
रंक पढ़त होवे अवनीसा ॥

यह जन अचरज मानहु भाई ।
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई ॥

जै जै जै जग मातु भवानी ।
कृपा करहु मोहि निज जन जानी ॥

Shri Vindhyeshvari Ji Ki Chalisa

||Doha||

Namo Namo Vindhyeshwari, Namo Namo Jagdamb
Sant Jano Ke Kaj Mein, Karati Nahi Vilamb

||Chaupai||

Jai Jai Jai Vindhyachal Rani, Aadi Shakti Jagvidit Bhawani
Sinhvahini Jai Jagmata, Jai Jai Jai Tribhuvan Sukhdata

Kasht Nivanini Jai Jag Devi, Jai Jai Sant Asur Sursevi
Mahima Amit Apar Tumhari, Sesh Sahas Mukh Barnat Hari

Deenan Ke Dukh Harat Bhawani, Nahi Dekhyo Tum Sam Kou Dani
Sab Kar Mansa Purvat Mata, Mahima Amit Jagat Vikhyata

Jo Jan Dhyan Tumharo Lave, So Turatihin Vanchhit Phal Pave
Tu Hi Vaishnavi Tu Hi Rudrani, Tu Hi Sharda Aru Brhamani

Rama Radhika Syama Kali, Tu Hi Matu Santan Pratipali
Uma Madhvi Chandi Jwala, Begi Mohi Par Hohu Dayala

Tum Hi Hinglaj Maharani, Tum Hi Sheetala Aru Bigyani
Tumhi Lakshmi Jag Sukh Data, Durga Durg Binasini Mata

Tum Hi Janhavi Aru Unnani, Hemavati Ambe Nirbani
Ashtabhuji Barahini Deva, Karat Vishnu Shiv Jakar Seva

Chausatti Devi Kalyani, Gauri Mangala Sab Gun Khani
Patan Mumba Dant Kumari, Bhadrakali Sun Vinay Hamari

Bajradharini Soknasini, Aayu Rakchhani Vindyavasini
Jaya Aur Vijaya Vaitali, Matu Sankati Aru Bikarali

Naam Anant Tumhar Bhawani, Barnanai Kimi Manush Agyani
Japar Kripa Matu Tav Hoi, To Vaha Kare Chahe Man Joi

Kripa Karahu Mopar Maharani, Siddh Kariye Ab Yeh Mam Bani
Jo Nar Dhare Matu Kar Dhyana, Taka Sada Hoy Kalyana

Bipati Taki Sapanehu Nahi Ave, Jo Devi Ka Jap Karave
Jo Nar Kahe Nin Hoi Apara, So Nar Path Kare Satbara

Nischay Rinmochan Hoi Jai, Jo Nar Path Kare Man Lai
 Stuti Jo Nar Padhe Padhave, Ya Jag Mein So Bahu Sukh Pave

Jako Byadhi Satave Bhai, Jap Karat Sab Door Parai
Jo Nar Ati Bandi Mahn Hoi, Bar Hazar Path Kar Soi

Nischay Bandi Te Chhuti Jai, Satya Vachan Mam Manahu Bhai
Japar Jo Kuchh Sankat Hoi, Nischay Debihin Sumire Soi

Ja Kahan Putra Hoi Nahin Bhai, So Nar Ya Vidhi Kare Upai
Panch Baras So Path Karave, Nauratar Mahn Vipir Jimave

Nischay Hohi Prasanna Bhawani, Putra Dehi Takahan Gunkhani
Dhwaja Nariyal Aan Chadhave, Vidhi Samet Poojan Karave

Nit Prati Kare Man Lai, Prem Sahit Nahin Aan Upai
Yeh Shri Vindhyeshwari Chalisa, Rank Padhat Hove Avaneesa

Yeh Jani Acharak Manahu Bhai, Kripa Drishti Japar Hwai Jai
Jai Jai Jai Jag Matu Bhawani, Kripa Karahu Mohi Praja Jani

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