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Rang Panchami 2023: जाने क्या है हिंदू संस्कृति में इस त्यौहार का महत्व

By February 23, 2023December 6th, 2023No Comments

हिंदू कैलेंडर के अनुसार रंग पंचमी का त्यौहार हर वर्ष कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार होली के पांच दिन बाद आता है। इसलिए इसे रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है। होली की ही तरह रंग पंचमी के त्यौहार में भी रंगों का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र भी इस बात की पुष्टि करता है कि रंग पंचमी के त्यौहार का प्रत्येक रंग मनुष्य के जीवन में मिठास घोलने का काम करता है। हिंदू संस्कृति में रंग पंचमी के त्यौहार को बहुत ही पावन त्यौहार माना गया है। यह त्यौहार मनुष्य की अतृप्त इच्छाओं की पूर्ति करता है।

रंग पंचमी के त्यौहार की संपूर्ण जानकारी के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से संपर्क करें। यहां आपको रंग पंचमी के त्यौहार का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में स्पष्ट और सटीक जानकारी दी जाती है।

इस साल कब है रंग पंचमी(Rang Panchami kab hai)-

इस साल रंग पंचमी का त्यौहार 12 मार्च को मनाया जाएगा। हर वर्ष चैत्र माह में पड़ने वाली रंगपंचमी का त्यौहार भारत के हर घर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रंग पंचमी देवताओं का प्रिय त्यौहार है इसलिए इसे देव पंचमी या श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

जानिए रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त(Rang Panchami ka shubh muhurat)जानने के लिए नीचे दिए गए विवरण को जरुर पढ़े। जहां रंग पंचमी से जुड़ी शुभ मुहूर्त की एक छोटी सी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

रंग पंचमी प्रारंभ तिथि- 11 मार्च
2023 रंग पंचमी का दिन- शनिवार
रंग पंचमी प्रारंभ समय- रात के 08. 35 मिनट

रंग पंचमी समापन तिथि- 12 मार्च 2023
 समाप्ति दिन- रविवार
 समाप्ति समय- रात के 08. 31 मिनट

बहुत अद्भुत है रंग पंचमी से जुड़ी कथा-

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने अलग अलग रंगों से धुलिवंदन किया। जिसमे भगवान विष्णु ने अलग अलग तेजस्वी रंगों से ऊर्जा, ज्ञान और शक्ति से भरपुर अवतार कार्य का शुभारंभ किया। त्रेता युग में भगवान विष्णु के द्वारा तेजस्वी रंगों के अवतार से ब्रह्मांड में अनेक रंगों की उत्पत्ति हुई और यह प्रक्रिया आज भी जारी है। रंग पंचमी से जुड़ी कथा भगवान विष्णु के उस रूप का वर्णन करती है जिसके बारे में शायद ही कुछ लोग जानते हो।

ज्योतिष से जाने रंग पंचमी का महत्व(Rang Panchami ka mahatva)-

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है रंग पंचमी का त्यौहार रंगों का त्यौहार है। अब आप सोच रहे होंगे कि होली को भी तो रंगों का त्यौहार कहा जाता है। फिर रंग पंचमी में ऐसा क्या विशेष है जो इसे रंगों का त्यौहार और देव पंचमी के रुप में जाना जाता है। आपके ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए रंग पंचमी के महत्व का वर्णन नीचे किया गया है:

सात्विक गुणों का करता है संचार-

रंग पंचमी का त्यौहार व्यक्ति में सात्विक गुणों का संचार करता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान को गुलाल चढ़ाने से व्यक्ति अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ता है। जिससे मनुष्य को मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नकारात्मक सोच को करता है खात्मा-

रंग पंचमी का त्यौहार मनुष्य की नकारात्मक सोच को खत्म करके सकारात्मकता लाता है। अत: वह मनुष्य अपनी सकारात्मक सोच से आस पास के वातावरण को भी सकारात्मक बनाता है।

देवी देवताओं को करता है आकर्षित-

शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि रंग पंचमी के दिन जिस दिशा से गुलाल हवा में उड़ता हुआ नजर आता है। उस गुलाल से देवी देवता काफी आकर्षित होते है और उस दिशा की ओर खींचे चले आते है। अगर आपका घर भी उस दिशा में पड़ता है तो आपके लिए यह सौभाग्य की बात है। क्योंकि इन देवी देवताओं की कृपा दृष्टि आप पर बनने के योग बन रहे है।

वातावरण को करता है खुशहाल-

रंग पंचमी के दिन हवा में उड़ता गुलाल वातावरण को रंगीन और खुशहाल बना देता है। इसके साथ ही रंग पंचमी के कुछ वैज्ञानिक पहलू भी है। साइंस में ऐसा प्रमाणित हुआ है कि रंग पंचमी के दिन वातावरण में जो गुलाल उड़ाया जाता है। उसमें कुछ ऐसे केमिकल होते है जो वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया का नाश करते है और गंभीर बीमारियों को आने से रोकते है।

भगवान कृष्ण और श्री राधा के प्रेम का है प्रतीक-

रंग पंचमी से जुड़ी एक अन्य कथा में इस त्यौहार को राधा और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना गया है। ऐसा बताया गया है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने बरसाने में श्री राधा के साथ होली खेली थी।

रंगपंचमी की पूजा विधि और उपाय-

वैसे तो रंग पंचमी का हिंदू समाज में बहुत महत्व है पर यह भारत के हर राज्य में सेलिब्रेट नहीं की जाती। बल्कि यह भारत के कुछ गिने चुने राज्यों में ही मनाई जाती है। नीचे रंगपंचमी की पूजा विधि(Rang Panchami ki pooja vidhi) के बारे में विस्तार से बताया गया है:

इस दिन शुभ मुहूर्त में उठे। भगवान कृष्ण और श्री राधा की आराधना के साथ अपने दिन की शुरुआत करें।

रंग पंचमी के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का भी है विशेष महत्व। इसलिए इस दिन माँ लक्ष्मी की भी आराधना जरुर करे।

गरीबों और जरूरतमंदों को धन का वितरण अवश्य करे।

ब्राह्मण लोगों की सेवा सत्कार करे। उन्हे अपने घर में शुद्ध सात्विक भोजन कराए और दक्षिणा दे।

जाने रंगपंचमी पर उपाय करने से कैसे मिलेगा आपको लाभ-

जाने रंग पंचमी पर कौन से उपाय खोलेंगे आपकी बंद किस्मत का ताला। जानने के लिए नीचे दिए गए कथन पर डाले एक नजर:

रंग पंचमी के दिन लक्ष्मी बीज मंत्र और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करने से जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है।

माँ लक्ष्मी को सफेद चीजे अत्यंत प्रिय है। इसलिए रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी को मखाने की खीर या बताशे भोग स्वरूप चढ़ाएं। उसके बाद यह प्रसाद आप अपने घर के वरिष्ट व्यक्ति को दें। इससे आपके रुके हुए काम पूरे होंगे और आपके जीवन से आर्थिक समस्या भी दूर होगी।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। लेकिन ध्यान रखें कि आपके स्नान के पानी में थोड़ी सी हल्दी और गंगाजल का मिश्रण हो। रंगपंचमी के दिन यह उपाय करने से आपके जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।

सिंदूर लगे नारियल को भगवान शिव और माता पार्वती पर चढ़ाने से आपके ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा दृष्टि बनी रहती है। ध्यान रखे की नारियल को लाल कपड़े में लपेटा गया हो।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. अन्य किस नाम से रंगपंचमी को जाना जाता है?

धुल पंचमी, देव पंचमी और श्रीपंचमी के नाम से भी रंगपंचमी को जाना जाता है।

2. रंग पंचमी 2023(Rang Panchami 2023) पड़ रही है?

2023 में रंग पंचमी चैत्र माह की कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि को रविवार 12 मार्च के दिन मनाई जाएगी।

3. रंगपंचमी पर ज्योतिषीय उपाय से आप क्या समझते है?

रंगपंचमी पर ज्योतिषीय उपाय का अर्थ उन उपायों से है जिन्हें इस दिन करने से मनुष्य की सारी समस्याओं का हल हो जाता है।

4. रंग पंचमी का त्यौहार देश के किस राज्य में मनाया जाता है?

महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात में रंग पंचमी का त्यौहार काफी अनोखे ढ़ंग से मनाया जाता है।

5. रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या करे?

ज्योतिषी बताते है कि रंग पंचमी के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र में सिक्का और हल्दी की गांठ बांधकर उसे पूजा स्थल पर रख दे।

 

और पढ़ें: दुर्गा विसर्जन 2022: जानें विसर्जन मुहूर्त और सिंदूर उत्सव का महत्व।

रंगपंचमी के त्यौहार की ऐसी ही और रोचक जानकारी आज ही संपर्क कीजिए हमारे इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से

 

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