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पूजा-पाठ के इन नियमों को अपनाने से भगवान जरूर होंगे प्रसन्न

By September 30, 2022December 1st, 2023No Comments
puja path ke niyam

हिन्दू धर्म में सभी कष्टों के निवरण के लिए नित्य पूजा का मार्ग श्रेष्ठ माना गया है। नित्य पूजन और मंत्र जपने से श्रद्धा और विश्वास का जन्म होता है। पूजन से मन में शांति भी बनी रहती है। हम किसी भी क्रिया को करने में सक्षम होते है। हमरी इन्द्रिया हमरे क़ाबू में होती है। और हम किसी भी परिस्तिथि का आसानी से सामना कर पाते है।अगर हम हिन्दू धर्म की बात करते है तो ईश्वर की भक्ति. करना ही उनके ह्रदय तक पहुँचने का एक मात्र रास्ता है। ऐसी मान्यता है की प्रतिदिन पूजा करने से ईश्वर. की प्राप्ति और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। हमारे वेदों में जीवन का हर पहलू सम्मिलित है चाहे वह विज्ञान हो या आस्था की बात। आइये जानते है क्या है असल पूजा पाठ की विधि।

Puja thali

पूजा करने का उचित समय

अमूमन आम लोगों के मन में यहीं शंका होती है की हमे दोपहर में पूजा करना चाहिए या नहीं। इससे क्या लाभ और क्या हानि हो सकती है? हिन्दू धर्म के अनुसार प्रातः काल सूर्योदय के पश्चात पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ समय बताया गया है। सुबह जल्दी ईश्वर की आराधना करने से मन को शांति मिलती है। ब्रम्हमुहर्त यानी सुबह 3:30 से 5:30 का समय उत्तम होता है। वही दोपहर में की गयी पूजा पिशाच पूजा कहलाती है जो मान्य नहीं होती है। ब्रम्हमुहर्त में पूजा से आपके दैनिक दिनचर्या में भी लाभ होता है।

sun

पूजा करने की विधि

  • ईश्वर की पूजा रोजाना स्नान-ध्यान के उपरांत शांत और स्वच्छ मन से करनी चाहिए।
  • स्नान के उपरांत साफ़ कपड़े धारण करना चाहिए।
  • हमेशा हमे आसन बिछाकर ईश्वर की साधना करनी चाहिए।
  • अपने आराध्य की आराधना और पूजा एक निश्चित समय पे करनी चाहिए।

पूजा की विधि

धूप देने के नियम

कहा जाता है की धूप अगरबत्ती देने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर हो जाती है। घर में सुगंध फैलने से मन को शांति मिलती है। धुप देने के कुछ विशिष्ठ तौर-तरीके है :-

  • सुबह दी जाने वाली धूप देवगणों के लिए। शाम को दी जाने वाली धूप पितरों के लिए होती है।
  • धूप देने के पूर्व घर की सफ़ाई कर देनी चाहिए।
  • आप पवित्र रहकर ही धूप दे।
  • पूजा के समय धूप ईशान: कोण में ही देनी चाहिए।
  • घर के सभी कोनों में धूप दिखाए।
  • धूप देने के पश्चात जब तक धूप का असर रहे तब तक घर पर किसी भी प्रकार का संगीत ना बजाये।

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diya batti

मंदिर में पूजा करने के नियम

मन को शांति मिलती है मंदिर में पूजा पाठ करने से। हिंदू धर्म में ईश्वर को कण कण में माना गया है। हमारे अनुसार मंदिरों, देवालयों, और पवित्र स्थानों में देवी देवता की साधना होती है। इससे विचार और मन पवित्र होता है। ऐसे में मंदिर में पूजा करते समय अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। फल दोगुना हो जाता है।

  • मंदिर में पूजा के समय घंटा धीरे से बजाये। जिससे आपके अलावा पूजा कर रहे लोगों को दिक्कत नहीं हो।
  • अगर मंदिर में आरती हो रही हो तो अपनी पूजा छोड़कर आरती में सम्लित हो जाये।
  • अक्सर लोग मंदिर में आरती के दौरान अपनी पूजा करते रहते है। आरती में ध्यान नहीं देते ऐसा उचित नहीं है।

मंदिर में पूजा

पूजा सफल होने का संकेत

पूजा के सफल होने के कुछ संकेत है :-

  • दिए का तेज जलना पूजा का सफल होना माना जाता है।
  • फूल या माला का नीचे गिरना।
  • हम जिस भी वस्तु का उपयोग धूप दिखने या आरती के समय करे उस वस्तु की खुशबू का फैलना।
  • पूजा के दौरान आँखों में अश्रु आना ।

diya puja asafal hone ka sanket

पूजा के उपरांत करे यह कार्य

आरती करने का नियम पूजा के उपरांत माना जाता है। बिना आरती की पूजा को असफल माना गया है। आरती से जुड़े हुए नियम के अनुसार धुप, पुष्प, और नैवेध्य का उपयोग किया जाता है। आरती करने से दंपत्ति जीवन में भी सुख और सौभाग्य आता है। घर में समृद्धि बढ़ती है। यह सारे पूजा के विधि हमारे प्राचीन ग्रंथों में दर्शाए गए हैं।

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