Get App
GemstoneHindiZodiacs & Planets

Neeli Lucky Stone: नीलम के उपरत्न धारण करने से चमकता है भाग्य

By April 13, 2023December 6th, 2023No Comments
Neeli Lucky Stone

हम में से बहुत से लोग अपने जीवन से ग्रह दोष की बाधा को दूर करने के लिए अनेक प्रकार के रत्न धारण करते है। इन रत्नों का हर मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए। रत्नशास्त्र में कुल 84 रत्नों का वर्णन मिलता है। जिसमें से नौ रत्नों को नवरत्न कहा जाता है। इन नवरत्नों में से नीलम एक ऐसा रत्न है जो शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। लोग अपने जीवन में शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए या शनि देव की कृपा पाने के लिए नीलम रत्न धारण करते है।

अगर आप भी नीली लकी स्टोन धारण करने की सोच रहे है। तो आज ही इंस्टाएस्ट्रो की वेबसाइट पर जाकर यहां के ज्योतिषी से नीलम रत्न की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करे।

Hindi CTR

जानिए नीलम के उपरत्न के बारे में-

लीलिया, नीली, नीला टोपाज आदि। कुल मिलाकर ज्योतिष शास्त्र में 5 प्रकार के नीलम के उपरत्नों के बारे में बताया गया है। नीली नीलम का उपरत्न जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गई है।

  • यह पांचों उपरत्न दिखने में बिल्कुल नीले रंग के नीलम की तरह होता है। इसलिए इसे नीली नीलम का उपरत्न कहते है।
  • नीलम रत्न को हर व्यक्ति नहीं खरीद सकता क्योंकि यह बहुत महंगा होता है। इसलिए ज्योतिष जातक को नीलम के उपरत्न खरीदने की सलाह देते है।
  • जिसमे से एक नीली नीलम का उपरत्न है। इसे धारण करने की सलाह विशेष रुप से दी जाती है।
  • व्यक्ति अपनी कुंडली से शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नीलम रत्न या इसका उपरत्न धारण करता है।
  • लेकिन यह उपरत्न ज्योतिष की सलाह पर ही व्यक्ति को धारण करना चाहिए।

Sapphire Gemstone

ज्योतिष से पूछिए नीली धारण करने की विधि-

हर रत्न को धारण करने की कुछ विधि होती है। इसलिए व्यक्ति को ज्योतिष की सलाह अनुसार ही नीलम धारण करना चाहिए। नीचे नीली धारण करने की विधि के बारे में बताया गया है।

  • ज्योतिष शास्त्र में शनिवार का दिन नीली उपरत्न धारण करने के लिए सबसे शुभ माना गया है।
  • अगर आप नीली उपरत्न खरीद रहे है तो आपको 6 या सवा 7 रत्ती का नीली उपरत्न खरीदना चाहिए।
  • जातक को दूध और गंगाजल से नीली उपरत्न की अंगूठी की शुद्धि करके नीली उपरत्न धारण करना चाहिए।
  • फिर शनि मंत्र का 108 बार जाप करके अपनी उंगली में नीलम के उपरत्न नीली की अंगूठी डाले।
  • पंचधातु या चांदी के धातु के सांचे में ढ़ालकर भी नीली उपरत्न को धारण किया जा सकता है।
  • अपने सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में ही नीली उपरत्न धारण करे।

Wear Blue Gemstone

जानिए नीली धारण के लाभ के विषय में ज्योतिष की राय-

वैदिक ज्योतिष में नीलम के उपरत्न नीली धारण के लाभ के विषय में विस्तार से बताया गया है। इन लाभों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे निम्नलिखित है।

मिलता है आर्थिक लाभ-

नीली उपरत्न धारण करने से व्यक्ति को नौकरी, व्यवसाय और अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी है लाभदायक-

जो लोग बहुत लंबे समय से खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रहे है। उन लोगों को नीली उपरत्न धारण करते ही इसके शुभ फल मिलते है और उनका स्वास्थ्य भी जल्द ही ठीक होने लगता है।

तनावमुक्त करता है नीली उपरत्न-

जिन लोगों को हमेशा भविष्य की चिंता सताती रहती है या उनको हर पल कुछ अनहोनी होने की आशंका रहती है। ऐसे में नीली धारण करना इन व्यक्तियों को चिंतामुक्त करता है।

Healthy Girl

धैर्य रखने की हिम्मत देता है नीली उपरत्न-

नीली धारण करने के लाभ में एक अन्य लाभ यह भी है कि यह व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थिति में धैर्य रखने का साहस देता है। एक कहावत है धैर्यवान व्यक्ति अपनी जिंदगी में सब कुछ हासिल कर सकता है। जो यहां बिल्कुल सटीक बैठती है।

काफी लकी है नीली लकी स्टोन-

अपने नीले रंग और जातक को शुभ फल देने के कारण नीली उपरत्न को नीली लकी स्टोन भी कहा जाता है। लेकिन यह भी कुछ राशियों के जातकों को सूट करता है तो कुछ को नहीं। इसलिए ज्योतिषी व्यक्ति को नीली उपरत्न धारण करने की सलाह उनकी राशि के अनुकूल और पंड़ित से परामर्श करने के बाद ही देते है।

कितना प्रभावी है राशि अनुसार नीली धारण करना-

शनि की महादशा को कम करने के लिए व्यक्ति नीलम धारण करता है। लेकिन नीलम को धारण करने से व्यक्ति के ऊपर अनुकूल या प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है। साथ ही नीलम बहुत महंगा होता है। इसलिए व्यक्ति इसका उपरत्न नीली धारण करता है। जानिए राशि अनुसार नीली धारण करना किन राशियों के लिए लाता है अच्छे और बुरे दिन-

मेष राशि-

रत्नशास्त्र में मेष राशि वाले जातकों के लिए नीली न धारण करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और मंगल से शनि की तनातनी चलती रहती है। इसलिए इन जातकों को इनकी राशि अनुसार मुंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।

वृषभ राशि-

वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इनके लिए हीरा, ओपन, जरकट या नीलम धारण करना शुभ माना जाता है। जो इनकी स्वास्थ्य क्षमता में वृद्धि करता है।

मिथुन राशि-

मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध देव है। मिथुन राशि के जातक पन्ना और नीली उपरत्न धारण कर सकते है। इससे मिथुन राशि वालों के लिए आर्थिक क्षेत्र, स्वास्थ्य, परिवार और रिलेशनशिप में लाभ की स्थिति बनती है।

कर्क राशि-

कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। शनि देव चंद्रमा से शत्रुता का भाव रखते है। इसलिए कर्क राशि के लोगों को नीली उपरत्न की जगह मोती धारण करना चाहिए। अगर आप भूल से भी नीली उपरत्न धारण करते है। तो आपको कई मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सिंह राशि-

सिंह राशि की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ नहीं मानी जाती। क्योंकि सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य है और शनि की सूर्य से बिल्कुल नहीं बनती। अगर सिंह राशि के जातक नीली धारण करते है तो इनको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कन्या राशि-

कन्या राशि वालों के लिए नीली धारण करना शुभ माना गया है। क्योंकि कन्या राशि के स्वामी ग्रह से शनि की मित्रता है। ऐसे में कन्या राशि वालों को लाभ ही लाभ मिलता है।

तुला राशि-

तुला राशि के स्वामी ग्रह से भी शनि की मित्रता है। इनकी कुंडली में शनि की स्थिति इस राशि के व्यक्ति को मनचाहा वरदान देती है। अत: तुला राशि वालों के लिए नीली धारण करना शुभ है।

वृश्चिक राशि-

वृश्चिक राशि वालों के लिए नीली धारण करने में बस हानि ही हानि है। क्योंकि इस राशि के स्वामी ग्रह से शनि का 36 का आंकड़ा है।

धनु राशि-

धनु राशि वालों को नीली धारण करने से अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे आंखों की समस्या, पाचन तंत्र का बार बार खराब होना, निरंतर गिरता हुआ स्वास्थ्य आदि। धनु राशि वालों को उनकी राशि के अनुसार पुखराज रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। जो उनके जीवन की तमाम समस्या दूर करता है।

मकर राशि-

मकर राशि के स्वामी ग्रह स्वयं शनि देव है। अत: इनके लिए नीली उपरत्न धारण करना इनके वर्तमान और भविष्य के लिए लाभ ही लाभ लेकर आता है।

कुंभ राशि-

कुंभ राशि वालों की कुंडली में शनि की स्थिति इस समय अनुकूल है। कुंभ राशि वालों पर शनि देव की विशेष कृपा होती है। क्योंकि इस राशि के भी स्वामी ग्रह शनि है। नीली धारण करना कुंभ राशि वालों के सोये हुए भाग्य को जगाता है।

मीन राशि-

ज्योतिष अनुसार मीन राशि वालों के लिए नीली उपरत्न धारण करने की सख्त मनाही है। नीली धारण करने से इनका भाग्य इनसे रुठ जाता है। इसलिए ज्योतिष की सलाह अनुसार इन्हें मोती या मूंगा ही धारण करना चाहिए।

Horoscope

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. नीलम रत्न का असर कब शुरु होता है?

नीलम रत्न धारण करते ही लगभग 24 घंटे की भीतर इसका असर दिखने लगता है।

2. कौन से मुहूर्त में पहननी चाहिए नीलम की अंगूठी?

शाम को सूर्यास्त से पहले या शुक्ल पक्ष के दौरान शनिवार की सुबह नीलम की अंगूठी पहननी चाहिए।

3. सबसे दुर्लभ प्रकार का रत्न कौन सा है?

लाल बेरिल सबसे दुर्लभ प्रकार का रत्न है। जिसे बिक्सबाइट भी कहा जाता है।

4. सबसे पहला रत्न कौन सा था?

शोधकर्ताओं के अनुसार जिरकोन पृथ्वी पर बनने वाला सबसे पुराना रत्न है। जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में पाया गया था।

और पढ़ें: ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए करें इन औषधियों से स्नान

अपने राशिफल के अनुसार कौन सा रत्न धारण करना है आपके लिए अच्छा। जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करे।

 

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

anjali

About anjali

Believe in good works. Love Self Discipline. Not Religious but Spiritual and always accept anything happily.