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मलमास के दौरान ना करें ये कार्य, झेलनी पड़ सकती हैं मुसीबतें

By November 29, 2022December 4th, 2023No Comments
Do not do these things during malamas

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि में 30 दिन यानि एक माह के लिए रहता है। इस प्रकार वर्ष भर में सूर्य 12 राशियों में प्रवेश करता है। सूर्य का यह भ्रमण अथवा गोचर मानव जीवन में शुभ और अशुभ परिवर्तन के लिए ज़िम्मेदार होता है।

जानें मलमास कब है ?

12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरु ग्रह यानि बृहस्पति ग्रह की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तब खरमास अथवा मलमास का माह प्रारंभ हो जाता है। इस माह में सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। आइये इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से जानते हैं मलमास कब लगेगा –

आख़िर क्या होता है मलमास का महीना ?

खरमास या मलमास की अवधि पूरे एक माह की होती है। शास्त्रों के अनुसार खरमास या मलमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
इस माह में शादी, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन आदि कार्य वर्जित होते हैं।

मलमास 2022 कब है ?

इस वर्ष खरमास या मलमास 16 दिसंबर 2022 से प्रारंभ होगा और 14 जनवरी 2023 को समाप्त होगा। 14 जनवरी को उत्तरायण यानि कि संक्रांति के बाद सूर्य की स्थिति प्रबल हो जाएगी। और तब मांगलिक कार्य पुनः आरम्भ हो जायेंगे।

December 2022 Calendar

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मलमास में शुभ कार्य क्यों वर्जित होते हैं ? 

मान्यता है कि शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि गुरु ग्रह वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति के लिये महत्वपूर्ण होता है।
परन्तु मलमास के समय गुरु ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है। यही वजह है कि मलमास के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

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किन क्षेत्रों में होता है मलमास का महत्व ?

भारत के गंगा और गोदावरी क्षेत्र के साथ उत्तर भारत के उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मालमास के दौरान मांगलिक कार्य करना निषेध होता है। जबकि पूर्वी और दक्षिण प्रदेशों में मलमास का दोष नहीं माना जाता है।

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खरमास को मलमास क्यों कहा जाता है ?

सामान्य रूप से वर्ष में बारह मास होते हैं परन्तु खरमास अतिरिक्त मास होता है । अतिरिक्त होने के कारण इसे मलिन माना जाने लगा। और मलिन होने के कारण इस मास का नाम मलमास हो गया।

मलमास को पुरषोत्तम मास भी कहा जाता है ?

पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू पंचांग में हर मास के एक स्वामी देवता होते हैं। अध‍िक मास के स्वामी श्री हरि विष्णु भगवान माने जाते हैं। भगवान विष्णु के अवतार – श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। अतः अध‍िक मास को पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है।

खरमास में किस देवता की पूजा की जाती है ?

खरमास के दौरान सूर्य देवता तथा भगवन विष्णु को पूजा जाता है। सूर्य देवता की आराधना कर इस अशुभ काल को जल्दी समाप्त करने की प्रार्थना की जाती है।

मलमास के दौरान क्या करें ?

वैसे तो मलमास को असुभ माना जाता है। परंतु इस काल में भी आप कुछ शुभ कार्य कर सकते हैं। जैसे की – गरीबों को दान देना, पवित्र नदियों में स्नान करना, तीर्थ यात्रा करना आदि। मान्यता है कि मलमास के दौरान असहाय लोगों के इलाज के लिए पैसे या दवाई दान देने से जातक को लम्बी उम्र का वरदान मिलता है। और मलमास के माह में गरीबों को अन्न या दाल दान में देने से घर का भंडार गृह हमेशा भरा रहता है। और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

अधिकमास का महत्व –

अध‍िक मास में धार्मिक कार्य, चिंतन- मनन, ध्यान, योग आदि करना चाहिए।
इस पूरे मास में आध्यात्मिक रूप से उन्नति करनी चाहिए। मन को शांत और निर्मल बनाना चाहिए।
इस माह में किये गए प्रयासों से कुंडली के समस्त दोषों का निवारण किया जा सकता है।
अध‍िक मास में किए गए धार्मिक कार्यों से जो फल मिलता है वो सामान्य रूप से की गई पूजा-पाठ से 10 गुना अधिक होता है।

मलमास के अशुभ फल से बचने के उपाय –

  • सूर्य देव को हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करें।
  • प्रतिदिन सुबह भगवन सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें।
  • रविवार के दिन सूर्य देवता की उपासना करें और संभव हो तो व्रत रखें।
  • गुड़ का दान दें। इन उपायों का पालन करने से खरमास का बुरा प्रभव काम हो जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. क्या होता है मलमास ?

जब सूर्य बृहस्पति ग्रह की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तब खरमास अथवा मलमास प्रारंभ हो जाता है। मलमास की अवधि पूरे एक माह की होती है।

2. क्यों होते हैं मलमास में शुभ कार्य वर्जित ?

मलमास के समय गुरु ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है। और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का प्रबल होना आवश्यक होता है। इसलिए मलमास के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

3. मलमास का महत्व भारत के किन क्षेत्रों में होता है ?

भारत के कई क्षेत्र जैसे की – गंगा और गोदावरी, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मालमास के दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है।

4. मलमास के दौरान क्या-क्या नहीं करना चाहिए ?

खरमास या मलमास के दौरान शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन आदि नहीं करना चाहिए।

5. सूर्य का गोचर क्या होता है ?

सूर्य प्रत्येक राशि में एक माह के लिए रहता है। इस प्रकार वर्ष भर में सूर्य 12 राशियों में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का भ्रमण अथवा गोचर कहा जाता है। मानव जीवन में शुभ और अशुभ परिवर्तन के लिए सूर्य का गोचर ज़िम्मेरदार होता है।

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Yashika Gupta

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