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कुंडली में शनि का प्रभाव: जानें इसका असर और उपाय

By January 17, 2023December 5th, 2023No Comments
ShaniDev

सम्पूर्ण ब्रह्मांड को 12 भागों (राशियों) में विभाजित किया गया है। बारह राशियों इस प्रकार हैं – मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं। इन बारह राशियों में नवग्रह विचरण करते हैं। नौ ग्रह इस प्रकार हैं – सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु। इन 12 राशियों और 9 ग्रहों पर ही पूरा ज्योतिष शास्त्र आधारित है। इनकी सहायता से मनुष्य का भविष्य पता लगाया जा सकता है।

कुंडली में शनि का प्रभाव 

नवग्रहों का प्रभाव बारह राशियों पर पड़ता है। परन्तु मान्यता है की नवग्रहों में शनि का प्रभाव सबसे प्रबल होता है। शनि अत्यंत ही बलवान और शक्तिशाली ग्रह है। जिस मनुष्य पर शनि की कृपा हो, वह पल भर में रंक से राजा बन सकता है। शनि के प्रभाव से व्यक्ति सफलता की राह में बहुत आगे जाता है। वहीं दूसरी ओर शनि के प्रकोप से बने हुए काम भी बिगड़ सकते हैं। शनि के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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कुंडली के बारहवें भाव में शनि का फल

कुंडली में बारह भाव होते हैं। और प्रत्येक भाव में शनि का अलग अलग प्रभाव होता है। आइये पढ़ते हैं कुंडली के बारहवें भाव में शनि का फल क्या होता है –

  • यदि आपकी कुंडली के बारहवें भाव में शनि है तो यह आपके लिए अत्यंत ही शुभ है। इससे आपको जीवन में खूब तरक्की और सफलता मिलेगी।
  • शनि के प्रभाव से आपके शत्रु समाप्त हो जायेंगे और आप उनपर विजय प्राप्त कर लेंगे।
  • जिस जातक की कुंडली के बारहवें भाव में शनि होता है, वह रचनात्मक और कला-प्रेमी होता है।
  • बारहवें भाव में शनि होने से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। अपनी सेहत के प्रति हमेशा सजग रहें।
  • आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है अतः सोच-समझकर पैसा खर्च करें।
  • आये दिन यात्रा करनी पड़ सकती है इसलिए सावधान और सतर्क रहें।

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कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि का फल

आइये इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से जानते हैं कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि का फल –
कुंडली के एकादश भाव में शनि का प्रभाव होने से जातक को जीवन में हर मुकाम अपने दम पर हासिल करना होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों के जीवन में बड़े भाई का सुख नहीं होता है अतः इन्हें हर ज़िम्मेदारी खुद ही उठानी पड़ती है। इन लोगों को शिक्षा अर्जित करने के लिए कड़ी महनत करनी पड़ती है। इन्हें जीवन की उच्चाईयों पर पहुँचने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।

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कुंडली के दूसरे भाव में शनि के उपाय

जिस व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में शनि का प्रभाव होता है उसे इसका अशुभ फल मिलता है ऐसे जातकों का स्वास्थ्य अक्सर खराब रहता है और लोगों से वाद-विवाद होता रहता है। उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं होती है।

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आइये जानते हैं दूसरे भाव में शनि के उपाय –

  • ज्योतिष शास्त्र में शनि दोष का निवारण करने के उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से शनि ग्रह का दुष्प्रभाव शांत हो जाता है।
  • शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें – ॐ शं शनैश्चराय नमः
  • शनिवार के दिन शनि मंदिर के बाहर बैठे गरीबों को भोजन कराएँ और लोहे की कोई वस्तु, काले तिल, तिल के तेल, काला कपड़ा, जूते-चप्पल आदि का दान करें।
  • किसी तालाब या नदी में जाकर मछलियों को आटा खिलाएं।
  • पीपल के पेड़ की जड़ों में जल चढ़ाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. शनि ग्रह की विशेषताएं क्या हैं ?

वैदिक ज्योतिष में शनि को क्रूर, पापी और हानिकारक ग्रह माना गया है। शनि ग्रह को पीड़ा, अभाव और दुख का कारक माना जाता है। मान्यता है कि शनि अलगाववादी तथा क्रूर प्रधान ग्रह है।

2. कुंडली में शनि का प्रभाव क्या होता है ?

कुंडली में शनि ग्रह का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है। शनि शक्तिशाली ग्रह होता है इसलिए इसके प्रभाव से व्यक्ति सफलता की राह में बहुत आगे बढ़ता है। परन्तु शनि के प्रकोप इतना खतरनाक होता है कि इससे बने हुए काम भी बिगड़ सकते हैं। शनि के दुष्प्रभाव से जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

3. शनि दोष दूर करने का उपाय क्या है ?

शनि दोष से निवारण हेतु शनिदेव को प्रसन्न करना होता है। इसके लिए ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।इसके अतिरिक्त शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि दोष से राहत पाने के लिए लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान भी करें।

4. क्या होता है कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि का फल ?

यदि किसी जातक की कुंडली के ग्याहरवें भाव में शनि का प्रभाव है तो उसे जीवन की उच्चाईयों पर पहुँचने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है। उसे शिक्षा, धन और समाज में मान-सम्मान अर्जित करने के लिए कड़ी महनत करनी पड़ती है।

5. कुंडली के बारहवें भाव में शनि का फल कैसा होता है ?

कुंडली के 12वें भाव में शनि अत्यंत ही शुभ फल देता है। ऐसे जातकों को जीवन में खूब तरक्की और सफलता मिलती है।

और पढ़ें – जानें अन्य ग्रहों पर शनि का दुष्प्रभाव

इस प्रकार की रोचक जानकारी और कुंडली में उपस्थित दोषों को समाप्त करने के उपाय जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें

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Yashika Gupta

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