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कृष्ण जन्माष्टमी 2022: जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि।

By August 17, 2022December 1st, 2023No Comments
कृष्ण जन्माष्टमी 2022

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार कृष्ण जी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जन्माष्टमी को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह हिंदुओं का मुख्य पर्व होता है। भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी को मनाने से लोगों को अत्यधिक लाभ होता है। यह दिन अत्यधिक शुभ होता है। जन्माष्टमी का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता हैं। जन्माष्टमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद महीने में पड़ता है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी की तिथि कब है? और जन्माष्टमी किस प्रकार मनाते हैं?

कृष्ण जन्माष्टमी 2022 की तिथि क्या है?

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। वर्ष 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त और 19 अगस्त को मनाया जाएगा। क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त से लेकर 19 अगस्त तक रहेगी।

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कृष्ण जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त-

2022 में कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त से लेकर 19 अगस्त तक होगा। शुभ मुहूर्त आरंभ होने का समय 18 अगस्त को रात 9:20 से आरंभ होगा।शुभ मुहूर्त समाप्त होने का समय 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक होगा।

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कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करने का शुभ समय-

जन्माष्टमी की पूजा शुभ समय में करना अत्यधिक लाभ देता है। इससे सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ समय 18 अगस्त को रात 12 बजकर 3 मिनट से लेकर 12 बस कर 40  मिनट तक रहेगा। हिंदू धर्म के अनुसार कोई भी त्यौहार उदया तिथि को माना जाता है। इस वजह से कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को पड़नी चाहिए। परंतु कृष्ण जी के जन्म रात को 12:00 बजे हुआ था। इस हिसाब से कृष्ण जन्माष्टमी को 18 अगस्त की रात 12:00 बजे मनाया जाएगा।

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि-

  • जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी के जन्म को मनाया जाता है।
  • इस दिन बालकृष्ण की पूजा की जाती है।
  • जन्माष्टमी के दिन रात को 12:00 बजे दूध, घी और पंचामृत से कृष्ण जी का अभिषेक किया जाता है।
  • इसके पश्चात कृष्ण जी का श्रृंगार करते हैं।
  • फिर मिश्री,मक्खन और पंजीरी से कृष्ण जी का भोग लगाया जाता है।
  • साथ ही साथ कृष्ण जी को वस्त्र और फल फूल भी अर्पित किया जाता है।
  • कृष्ण जी का पालना तैयार किया जाता है।
  • उस पालने में कृष्ण जी को झुलाया जाता है।
  • अंत में प्रसाद को को बांटा जाता है और खुद भी ग्रहण किया जाता है।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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