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Kamada Ekadashi Vrat 2023: 24 एकादशियों में बहुत शुभ है कामदा एकादशी

By March 11, 2023December 6th, 2023No Comments
Kamada Ekadashi Vrat

भगवान विष्णु को समर्पित कामदा एकादशी हिंदू संस्कृति में अपना एक विशेष स्थान रखती है। कामदा एकादशी का व्रत व्यक्ति की छुपी हुई कामनाओं की पूर्ति करता है। कामदा एकादशी चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसलिए इसे चैत्र शुक्ल एकादशी भी कहते है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में भी कामदा एकादशी के व्रत के महत्व का वर्णन किया गया है। अगर आप भी कामदा एकादशी की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करे।

2023 में कामदा एकादशी कब है-

 कामदा एकादशी शनिवार 1 अप्रैल 2023 को पड़ रही है। कामदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 4:30 बजे से आरंभ होगा और समापन 2 अप्रैल सुबह 5:02 मिनट पर होगा।

1 April

2023 में कामदा एकादशी पारण का समय-

कामनाओं की पूर्ति करने के कारण इस एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल कामदा एकादशी पारण का समय 1 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और शाम 4 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

जानिए कामदा एकादशी व्रत कथा के बारे में-

पौराणिक कथाओं में भोगीपुर नाम के एक नगर का वर्णन मिलता है। इस नगर के राजा पुंडरीक दयालु और वैभवशाली स्वभाव के थे। इस नगर में हर तरह के प्राणी निवास करते थे। उन्ही में से एक दंपत्ति का जोड़ा भी निवास करता था। पत्नी का नाम ललिता(अप्सरा) और पति का नाम ललित गंधर्व था। दोनों के बीच बहुत प्रेम था। एक बार ललित राजा पुंडरीक के दरबार में बाकी सभी गंधर्व सदस्यों के साथ संगीत कला का प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक उन्हें अपनी पत्नी ललिता की याद आ गई और उनका ध्यान अपने गायन से भटक गया। जिसे देखकर राजा पुंडरीक बहुत क्रोधित हुए और राजा ने ललित गंधर्व को राक्षस बनने का श्राप दे दिया। अपने पति के श्राप के निवारण के लिए ललिता वन वन भटकने लगी। वन वन भटकते हुए ललिता को एक ऋषि का आश्रम दिखा।

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ऋषि ने ललिता की व्यथा सुनने के बाद उसे कामदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। ललिता ने बिल्कुल वैसा ही किया और अपने पति को वास्तविक रुप में पा लिया। एक अन्य कथा के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर के कामना पूर्ति का सवाल करने पर श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को कामदा एकादशी व्रत कथा सुनाई। इसके अलावा श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को इस व्रत के महत्व के बारे में भी बताया।

कामदा एकादशी पूजन विधि एवं महत्व-

कोई भी व्रत अगर पूरे विधि विधान के साथ किया जाए तो वह व्रत जातक को शुभ फल देता है। ऐसा ही कामदा एकादशी का व्रत है। जिसको सच्चे मन से करने से जातक को शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। आईए जानते है कामदा एकादशी पूजन विधि और इसके महत्व के बारे में।

शुभ मुहूर्त में उठे-

कामदा एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प ले।

सूर्य देव को जल अर्पित करें-

हिंदू शास्त्रों में सूर्य देव को ज्ञान, उत्साह, ऊर्जा और सकारात्मकता देने वाला देवता माना गया है। इसलिए सर्वप्रथम सूर्य देव को जल अर्पित करें।

करे भगवान विष्णु की पूजा-

अपने आराध्य और भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात व्रत का आरंभ करे। इससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि आपके ऊपर बनी रहेगी।

पूरी श्रद्धा से रखे कामदा एकादशी का व्रत-

ध्यान रखें कि कामदा एकादशी व्रत पूरे दिन चलता है। अगर आप यह व्रत रख रहे है तो इसे पूरी श्रद्धा से रखे। पूरे दिन में गलती से भी कुछ न खाएं और न ही पानी की एक बूंद पिए।

लगाएं सात्विक आहार का भोग-

कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को शुद्ध सात्विक तरीके से बने आहार का भोग लगाएं। स्वयं आप भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहन करे। खासकर मांसाहार का सेवन करने से बचें।

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चावल का सेवन है मना-

ज्योतिष शास्त्र में भी कामदा एकादशी के दिन चावल का सेवन करने की सख्त मनाही है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन चावल का सेवन करते है उनका अगला जन्म रेंगने वाले कीड़े के रुप में गुजरता है।

अपनी वाणी पर रखें नियंत्रण-

कुछ लोगों की आदत होती है कि वह बिना सोचे समझे सामने वाले से कुछ भी कह जाते है और फिर बाद में पश्चताते है। लेकिन कामदा एकादशी के दिन अपनी वाणी पर नियंत्रण रखे। लोगों से कड़े लहजे में बात करने से बचे। क्योंकि ऐसा करना लोगों के साथ आपके रिश्ते तो बिगाड़ता ही है साथ ही आपकी ग्रह दशा भी खराब करता है। जिस कारण आपको अपनी नौकरी और व्यापार में हानि का सामना करना पड़ता है।

गौ माता को खिलाएं हरा चारा-

इस दिन ज्योतिष गौमाता को हरा चारा खिलाने की सलाह देते है। इससे व्यक्ति के बिगड़े हुए काम तो बनते ही है। साथ ही व्यक्ति की सुख समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

शीघ्र विवाह के लाता है योग-

अधिकतर लोगों की यह समस्या होती है कि उनके विवाह की उम्र निकल जाती है। फिर जीवन का अंतिम पड़ाव जो बहुत कष्टकारी होता है उनको अकेले बिताना पड़ता है। अगर आप भी चाहते है कि आपके विवाह में देरी न हो। तो कामदा एकादशी व्रत के दिन आपको केसर, केला, गुड़ और चने की दाल जैसे आदि चीजों का दान करना चाहिए।

भगवान विष्णु को चढ़ाएं मीठे पकवान-

व्रत वाले दिन आपको तीखी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही भगवान विष्णु को तीखी चीजें चढ़ानी चाहिए। इसके विपरीत भगवान विष्णु को मीठे पकवान चढ़ाना शुभ माना जाता है। इससे आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपके घर में सुख शांति बनी रहती है।

भगवान विष्णु को तुलसी है बहुत प्रिय-

प्रचलित कथाओं में भगवान विष्णु और तुलसी की कथा के महत्व के बारे में बताया गया है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरुर चढ़ाएं क्योंकि भगवान विष्णु की कोई भी पूजा तुलसी के पत्तों के बिना अधूरी मानी जाती है।

करे एकादशी व्रत कथा का पाठ-

इस दिन विशेष रुप से एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि कामदा एकादशी व्रत कथा सुनने से जातक के सारे पापों का विनाश हो जाता है। उसका जीवन आनंदमय बन जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. एक साल में कितनी एकादशी पड़ती है?

एक साल में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन अधिक मास या मलमास होने के कारण कभी कभार 26 एकादशी भी पड़ती है।

2. कामदा एकादशी को और किस नाम से जाना जाता है?

कामदा एकादशी को फलदा एकादशी और चैत्र शुक्ल एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जो चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।

3. रविवार को व्रत रखना क्यों इतना श्रेष्ठ माना जाता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में धन-संपत्ति, शांति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए रविवार को व्रत रखना चाहिए।

4. पति के लिए कौन सा व्रत रखा जाता है?

भारतीय सभ्यता में सुहागिन स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत करना शुभ माना जाता है। जो पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है।

5. इस साल कामदा एकादशी कब है?

साल 2023 में कामदा एकादशी शनिवार 2 अप्रैल की तिथि को मनाई जाएगी।

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