
हमारे देश भारत में बेहद अद्भुद और रोचक सच्ची कथाएँ प्रचलित हैं। इसी प्रकार एक कथा है धरती पर आया स्वर्ग का पेड़ यानि सुंदर और चमत्कारी फूलों वाले पारिजात का पौधा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार पारिजात का पौधा इतना चमत्कारी होता है कि उसको छूने भर से व्यक्ति की सारी चिंताएं खत्म हो जाती हैं, और उसका हृदय मन्त्रमुग्घ हो जाता है।
पारिजात का पौधा (Parijat ka ped) इतना गुणवान बताया जाता है कि यह किसी हृदय रोग भी खत्म कर सकता है। यह एक नहीं और भी कई बीमारिया खत्म करता है क्या इस चमत्कारी पौधे के बारे आप जानना चाहते हैं तो आगे पढ़िए। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस पौधे के पीछे कई कथाएँ प्रचलित है।
पारिजात पौधे की प्रसिद्ध कथा
धार्मिक शास्त्र कहते हैं कि पृथ्वी लोक एक बार नहीं बल्कि कई बार प्रलय का शिकार हो चुका है। यहाँ जीवन निश्चित नहीं है। इसी तरह जब धरती पर दूसरी बार जीवन की उत्त्पति हुई तो समुन्द्र मंथन के दौरान समुन्द्र से 14 रत्न निकले जिसमे से एक पारिजात का पेड़ था, जिसे स्वर्ग लोक के राजा इंद्र देव अपने साथ ले आये थे और इसको स्वर्ग लोक में लगाया था। जिसके बाद श्री कृष्ण ने राजा इंद्र से इसका एक बीज लेकर उसको अपनी पत्नी देवी रुक्मणि को उपहार स्वरूप दिया।
जब इस पौधे से फूल आने लगे और उसकी खुशबू दूर दूर तक जाने लगी तो नारद मुनि ने भगवान श्री कृष्ण की दूसरी पत्नी सत्यभामा को जाकर उकसाया की श्री कृष्ण ने ये इतना गुणकारी पौधा देवी रुक्मणी को उपहार में दिया है और आपको नहीं। सत्यभामा इस बात से चिढ़ गयीं और उन्होंने श्री कृष्णा से पारिजात का पेड़ लाने की जिद पकड़ ली। तब भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव पर हमला कर दिया और पारिजात का पेड़ इंद्र लोक से लाकर सत्यभामा को दे दिया।
जब श्री कृष्ण स्वर्ग का पेड़ अपने साथ ला रहे थे तो इंद्र देव ने पारिजात के पौधे को श्राप दिया की इस पेड़ के फूल दिन में नहीं सिर्फ रात को खिलेंगे और इस पेड़ पर कभी भी फल नहीं आएंगे।
किन स्थानों पर पाया जाता है पारिजात का पौधा
पारिजात का पौधा एक बहुत ही गुणकारी पौधा होता है, वैसे तो परिजात का वृक्ष भारत में किसी भी स्थान पर पाया जा सकता है, लेकिन सम्पूर्ण भारत में इस पेड़ को विभिन्न विभिन नामों से लोग जानते हैं। जैसे हरश्रृंगार, पारिजात, प्राजक्ता, शेफाली, शिउली।
पारिजात के पेड़ के नाम से इस पौधे को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के एक गांव किन्तुर में लोग जानते हैं, जहाँ ये पौधा महाभारत के समय से मौजूद है।
पारिजात का पौधा लगाने के फायदे
- पारिजात का पौधा लगाने के फायदे एक नहीं हैं बल्कि इसके अनेकों फायदे हैं। इस पेड़ की छूने से इसके फूलों की खुशबू से मनुष्य के लिए हर तरह से ये पेड़ अमृत के समान है।
- यदि कोई पुरानी से पुरानी बवासीर रोग से पीड़ित है तो पारिजात के पौधे के एक बीज को प्रतिदिन खाने से यह रोग जड़ से खत्म हो जाता है। और जीवन में फिर कभी नहीं होता है।
- ये पेड़ ह्दय रोग को जड़ से खत्म करता है, एक 15 से 25 के बीच में फूल लेकर उनका रश निकाल कर पीने से ह्रदय रोग खत्म हो जाता है।
- पारिजात के पौधे को मात्र छूने भर से मनुष्य तनाव से मुक्ति प्राप्त कर लेता है। इस पौधे की खुशबू से मनुष्य के अंदर एक नयी ऊर्जा जन्म लेती है और वह तनाव मुक्त हो जाता है।
- वास्तु शास्त्रों के अनुसार पारिजात का पौधा अपने घर पर लगाने से घर की सारी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। जातक के घर की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
- इस वृक्ष के घर पर लगे होने से जातक के घर में धन की कमी नहीं होती है। उसकी आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन मज़बूत होती चली जाती है और वह दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करता है।
- स्वर्ग का पेड़ पारिजात से कई प्रकार की ओसधियाँ बनती हैं जो भिन्न भिन्न तरह की बीमारियों में इस्तेमाल में लायी जाती हैं।
- पारिजात के पौधे की मनमोहक खुशबू से जातक का दिमाग ठंडा होता है वह अपने जीवन के बेहतर निर्णय ले सकता है।
- पारिजात का पौधा घर में वास्तु दोष को खत्म कर देता है और ग्रहों की बुरी दृष्टि घर में नहीं पड़ने देता है जिससे घर में आर्थिक शांति और सुख समर्द्धि बनी रहती है।
- वास्तु शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की इस पौधे को घर में लगाने से घर में रहने वाले लोगों की उम्र बढ़ जाती है, और उनकी मोक्ष को प्राप्ति होती है।
- पारिजात का पौधा लगाने से जातक के सारे पाप दूर हो जाते हैं। वह अपने पापों से मुक्त होकर एक सुखी और खुशहाल जीवन जीने लगता है।
पारिजात का पौधा लगाने की सही दिशा
- पारिजात का पेड़ अपने घर के उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए। उत्तर पूर्व दिशा में पारिजात का पेड़ यदि लगा हो तो घर में सुख समृद्धि आती है। नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवेश घर में नहीं हो पाता।
- दक्षिण दिशा में पारिजात का पौधा होने से घर में कंगाली आती है और शास्त्रों में कहा जाता है की दक्षिण दिशा से यमराज आता है, इसलिए यह पौधा इस दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
- पारिजात का पौधा लगाने की सही दिशा पश्चिम दिशा को भी बताया गया है। पश्चिम दिशा में पौधा लगाने का का कोई नुकसान नहीं होता है। घर में धन की कमी नहीं होती है। जातक को उनके करियर और उनके व्यापार, नौकरी में उच्च सफलता हासिल होती है।
- इस पौधे से अधिक लाभ पाने के लिए पौधे को मंदिर के एकदम पास लगाना चाहिए इससे घर में कोई बीमारी नहीं होती है। घर में लक्ष्मी हमेशा बनी रहती है।
- मंदिर में नहीं तो पौधे को अपने घर के आँगन में भी लगाया जा सकता है। घर के आँगन में पारिजात का पौधा लगाने के जातक को बहुत लाभ मिलता है। वास्तु का दोष उसपर नहीं रहता और वह तनाव मुक्त जीवन का आनंद लेता है।
कुछ रोचक तथ्य
- पारिजात पौधे के फूलों को माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है, क्योंकि यह पौधा माता लक्ष्मी का सबसे पसंद किया जाने वाले पौधा है।
पारिजात के पौधे के फूल सिर्फ रात को खिलते हैं और सुबह होने पर ये फूल मुरझा जाते हैं। - पारिजात के पौधे के फूलों को तोड़ा नहीं जा सकता इस पौधे के फूलों को तोडना वास्तु शास्त्रों में वर्जित बताया गया है।
- पारिजात के पौधे के फूल रात में जब खिलते हैं तो वो अपने आप ही टूट कर नीचे गिर जाते हैं। इन फूलों को नीचे से उठाकर साफ करके माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।
- पारिजात के पौधे पर जो फूल लगते हैं वह पेड़ के नीचे नहीं गिरते हैं बल्कि पेड़ से कुछ दुरी पर जाकर गिरते हैं।
- पारिजात के पौधे को स्वर्ग का पेड़ भी कहा जाता है, क्योकि समुन्द्र मंथन के दौरान जो 14 रत्न निकले थे उसमे से 11वा यंत्र पारिजात का पौधा था जिसे देव राज इंद्र अपने साथ स्वर्ग लोक ले आये थे और यहीं इसको लगाया था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. पारिजात का पौधा किस देवता की पूजा में इस्तेमाल हो सकता है?
2. क्या पारिजात का पौधा लगाने से घर का वास्तु दोष दूर होता है?
3. क्या कारण है कि पारिजात के पौधे के फूल दिन में नहीं खिलते?
4. पारिजात का पौधा लगाने की सही दिशा कौन सी है?
5. पारिजात के पौधे से धनी कैसे बन सकते हैं?
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