
आषाढ़ अमावस्या क्या है?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने में जो अमावस्या पड़ती है वो बहुत ही ख़ास होती है। उसे आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) कहते हैं। हिन्दू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक ही राशि में आ जाते हैं। तब अमावस्या होती है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एक अमावस्या होती है और एक पूर्णिमा। शुक्ल पक्ष में चन्द्रमा का आकार बड़ा होता है। कृष्ण पक्ष में चन्द्रमा का आकार छोटा होता है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या को अशुभ माना जाता है। अमावस्या के दिन अशुभ फल प्राप्त होते हैं। जिसका प्रभाव बहुत बुरा होता है। यह दिन पितरों के आत्मा की शांति के लिए अच्छा होता है। इस दिन दान पुण्य करना चाहिए।
आषाढ़ अमावस्या 2022 का दिनांक और शुभ मुहूर्त-
आषाढ़ अमावस्या 2022 की तिथि 28 जून है। आषाढ़ अमावस्या 2022 आरंभ होने का शुभ मुहूर्त 28 जून को सुबह 5 बजकर 53 मिनट है। आषाढ़ अमावस्या 2022 के समाप्त होने का समय सुबह 8 बजकर 23 मिनट है।
आषाढ़ अमावस्या की पूजा विधि –
- आषाढ़ अमावस्या के दिन घर की साफ़- सफाई करना अति आवश्यक है।
- इस दिन कुंड, नदी या जलाशय में स्नान करना चाहिए।
- सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए।
- पितरों का तर्पण करना चाहिए और पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखना चाहिए।
- इस दिन गरीब को दान करना चाहिए।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के पास सरसों के तेल से दीपक जलाना चाहिए।
- दीपक जलाकर अपने पितरों को याद करना चाहिए।
- पीपल के वृक्ष का चक्कर लगायें।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन घर के चारों और दीपक जलाकर रखना चाहिए।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन देवी सरस्वती, पार्वती और लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए।
आषाढ़ अमावस्या का महत्व-
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा महीना है। आषाढ़ महीना जब समाप्त होता है तब वर्षा ऋतु का आगमन होता है। आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक कार्य किये जाते हैं। ये फलदायी होते हैं। इस दिन अगर आप नदी के जल से स्नान करते हैं तो फलदायक होता है। जब कोई अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए आषाढ़ अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है।
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