दर्श अमावस्या क्या है?
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार दर्श अमावस्या बहुत शुभ अमावस्या होती है। दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है। दर्श अमावस्या एक ऐसी अमावस्या होती है। जिसमे चाँद पूरी तरह से गायब हो जाता है। चन्द्रमा दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम अमावस्या दर्श अमावस्या कहलाती है। इस दिन चन्द्रमा के दर्शन जरूर करने चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन पूर्वजों की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। जिसमे चंद्र देव की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। जिससे चंद्र देव आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। चंद्र देव दिव्य अनुग्रह के स्वामी होते हैं। इस अमावस्या को श्राद्ध की अमावस्या भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन पूर्वजों की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्वज धरती पर आकर इस दिन आशीर्वाद देते हैं।
दर्श अमावस्या 2022 की तिथि-
दर्श अमावस्या की तिथि 28 जून दिन मंगलवार को है। चंद्र देव की पूजा करने के लिए ये ख़ास दिन होता है। चंद्र देव को पशु और पौधे के जीवन के कर्ताधर्ता होते हैं। इस दिन पूजा करने से परिवार में सुख शांति प्राप्त होती है।
2022 दर्श अमावस्या की आने वाले माह की तिथि-
जुलाई माह- 28 जुलाई 2022 दिन गुरुवार।
अगस्त माह- 26 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार।
सितंबर माह- 25 सितंबर 2022 दिन मंगलवार।
अक्टूबर माह- 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार।
नवंबर माह- 23 नवंबर 2022 दिन बुधवार।
दिसंबर माह- 23 दिसंबर 2022 दिन शुक्रवार।
दर्श अमावस्या पूजा विधि-
- प्रातः काल उठकर नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए।
- इस दिन व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- दर्श अमावस्या व्रत की शुरुआत अमावस्या तिथि से करनी चाहिए।
- इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलना चाहिए।
- दर्श अमावस्या शनि देव की पूजा करना अति शुभ होता है।
- इस दिन शनि देव को काले तिल, नीले फूल और सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए।
- अपने पूर्वजों की शांति के लिए गरीबों को दान देना चाहिए।
- अमावस्या के दिन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है।
दर्श अमावस्या का महत्व-
इस अमावस्या को चंद्र देव की विशेष कृपा मिलती है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। दर्श अमावस्या के दिन पितृ- तर्पण और दान आदि करना चाहिए। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। दर्श अमावस्या का व्रत करने से आपके रुके हुए काम बन जाते हैं और सफलता मिलती है।
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि चंद्र देव हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। चंद्र देव को पौधे और पशु का पोषक कर्ता माना जाता है। कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दर्श अमावस्या के दिन प्रेत और आत्मा बहुत ज्यादा सक्रिय होती हैं। इसलिए हमें बुरे कार्यों से दूर रहना चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन पूजा पाठ का विशेष ध्यान देना चाहिए।