प्राचीन काल से हवन करने की परंपरा चली आ रही है। हिन्दू शास्त्र और वास्तु शास्त्र दोनों शास्त्रों में हवन का अत्यधिक महत्व है। ऋषि- मुनि प्राचीन काल से ही हवन करते थे। आज के समय में चाहे कोई धार्मिक कार्य हो या शुभ अवसर हवन का अत्यधिक महत्व दिया जाता है। हिन्दू धर्म के विवाह में सात फेरे की रस्म में हवन का महत्व होता है। हवन में कई तरह की सामग्री का उपयोग किया जाता है। जिसे हवन सामग्री कहते हैं। हवन करने वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। हवन के धार्मिक और वैज्ञानिक दोनो प्रकार का महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हवन करने से घर का वास्तु दोष समाप्त होता है। आइये जानते हैं हवन का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व।
हवन का धार्मिक महत्व-
हिन्दू धर्म के अनुसार हवन करवाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। हवन के बिना कोई शुभ कार्य पूरा नहीं होता है। ईश्वर की आराधना जब अग्नि द्वारा की जाती है यह क्रिया हवन कहलाती है। प्राचीन काल में हवन को यज्ञ के नाम से भी जाना जाता था। हवन से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। पूजा के पश्चात हवन कराना शुभ फल देता है। भवन का निर्माण हो या भूमि पूजन प्रत्येक कार्य में हवन का उपयोग किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर कोई ग्रह दोष से पीड़ित है तो हवन कराने से ग्रह दोष दूर होता है।
हवन का वैज्ञानिक महत्व-
धार्मिक महत्व के साथ में हवन का वैज्ञानिक महत्व भी होता है। हवन सामग्री के द्वारा हवन(Havan) किया जाता है। हवन सामग्री में पीपल, चंदन के पेड़ की लकड़ी, आम की लकड़ी, पेड़ नीम, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, बेर, कपूर आदि होती है। वैज्ञानिक महत्व के अनुसार हवन से निकलने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध करता है। साथ ही साथ हवन में गाय के गोबर से बने कंडों का उपयोग किया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हवन में उपयोग की जाने वाली सामग्री स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। साथ ही साथ हवन के धुएं से 92% जीवाणु वातावरण से नष्ट होते हैं। हवन से कई प्रकार की बीमारियां भी समाप्त होती हैं।
हवन करने के लाभ-
प्रकृति को हवन से कई लाभ प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बताएँगे हवन के फायदे, जिनका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों लाभ हैं।
स्वास्थ्य में लाभ-
- हवन का स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- जो व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से ग्रस्त हैं या उन्हें कोई लंबी बीमारी घेरे हुए है।
- तब उन्हें हवन कराना चाहिए और हवन सामग्री का निर्णय शरीर में तत्व की कमी के अनुरूप लेना चाहिए।
- हवन सामग्री में चंदन, कपूर, नाग केसर, अगर आदि चीज़ों को बराबर मात्रा में लेना चाहिए।
- इस हवं सामग्री को हवन में उपयोग करना चाहिए।
- हवन से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
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ग्रहों की दशा में सुधार-
- कुंडली में ग्रह दशा ठीक नहीं होने की वजह से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- जिससे जीवन उथल पुथल हो जाता है और कलह से भर जाता है।
- इसके लिए हवन कराना अत्यधिक लाभ प्रदान करता है।
- हवन से कुंडली में कई तरह के दोष दूर होते हैं।
नजर दोष दूर करने के लिए-
- नजर दोष यानी बुरी नजर, यह बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को लग जाती है।
- बुरी नजर को उतारने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।
- हवन के साथ हवन की राख के फायदे होते हैं।
- बुरी नजर को हवन की राख से उतारना लाभ देता हैं।
विवाह में रुकावट के लिए-
- अगर किसी व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में किसी प्रकार की रुकावट आ रही है।
- इसके लिए हवन की राख को जल में मिला ले और 11 गुरुवार तक पीपल के पेड़ में अर्पित करें।
- इससे विवाह के योग बनते हैं और शादी में आ रही रुकावट दूर होती है।
ग्रह दोष को दूर करने के लिए-
- हिन्दू धर्म में हवन को शुद्धिकरण के लिए किया जाता है।
- ग्रह दोष होने पर इस दोष को दूर करने के लिए हवन करना अत्यधिक लाभ देता है।
- इसके पश्चात ब्राह्मणों को करवाना चाहिए और साथ में दान भी देना चाहिए।
- इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष के अनुसार वास्तु दोष को दूर करने के लिए हवन लाभ प्रदान करता है।
सूक्ष्म जीवाणु को समाप्त करने के लिए-
- हवन में कई तरह की हवन सामग्री उपयोग की जाती है।
- हवन सामग्री से निकलने वाला धुआं सूक्ष्म जीवाणु को नष्ट करता है और वातावरण को शुद्ध करता है।
- जिससे शरीर भी स्वस्थ रहता है।
मानसिक शांति के लिए-
- हवन मन की अशांति को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- इससे जीवन और मन में उपस्थित सभी प्रकार की समस्या दूर हो जाती हैं।
- हवन शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए तभी सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
- इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से हवन कराने का शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि के बारे में जान सकते हैं।
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