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गणेश चतुर्थी 2022: गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By August 3, 2022November 27th, 2023No Comments
Ganesh Chaturthi

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। भगवान गणेश की पूजा विधि- विधान से की जाती है। गणेश चर्तुथी एक ऐसा पर्व है। जिसमें लोगों की भावनाएं और श्रद्धा जुड़ी है। लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं। महाराष्ट्र का प्रमुख उत्सव गणेश चर्तुथी है। यह उत्सव 10 दिनों तक धूम धाम से मनाया जाता है। 10 दिनों के बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।

भगवान गणेश

गणेश चतुर्थी क्या है?

हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी का अधिक महत्व है। पूरे भारत में गणेश चतुर्थी के त्योहार को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार गणेश जी के जन्म के उपलक्ष में गणेश चतुर्थी के त्योहार को मनाया जाता है। गणेश जी की पूजा की जाती है। लोग गणेश जी की मूर्ति को घर पर लाते हैं। आसन पर स्थापित करते हैं। 10 दिनों तक गणेश जी की पूजा विधि विधान से करते हैं। गणेश जी को घर में विराजित करने से घर के दुःख समाप्त होते हैं। भगवान गणेश भक्तों के कष्ट को दूर करते हैं।

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गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी 2022 में कब है?

यह उत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसलिए गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी 31 अगस्त दिन दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

गणेश चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त-

  • 2022 में गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा।
  • शुभ मुहूर्त समाप्ति की तिथि 31 अगस्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा।

Bhagwan Ganesh

गणेश चतुर्थी पूजा विधि-

  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए।
  • इसके पश्चात गणेश जी को घर में विराजित करना चाहिए।
  • गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े पर स्थापित करें।
  • बप्पा की मूर्ति के पास बैठकर पूजा आरंभ करना चाहिए।
  • गणेश जी को गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए।
  • इसके पश्चात फल,फूल और अक्षत चढ़ाएं।
  • गणेश जी को उनके प्रिय मोदक का भोग लगाना चाहिए।
  • धूप, दिए और अगरबत्ती से आरती करनी चाहिए।
  • इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए।

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Ganesh Bhagwan

गणेश चतुर्थी व्रत कथा-

हिन्दू शास्त्रों में चतुर्थी को लेकर कई कथाएं बताई गयी है। एक बार सभी देवी और देवताओं के ऊपर संकट आ गया था। इसके उपाय के लिए सभी लोग के पास पहुंचे। शिव और पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ बैठे थे। भगवान शिव ने देवताओं की समस्या सुनी। शिव जी ने अपने दोनों पुत्रों को कहा। इस समस्या का कौन समाधान करेगा। गणेश और कार्तिकेय दोनों ने बोला मैं इस समस्या का समाधान करूँगा।

भगवान शिव ने बोला। जो इस पृथ्वी का चक्कर लगा कर सबसे पहले आएगा। वह इस समस्या का समाधान करेगा। यह सुनकर भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर बैठकर निकल पड़े। वहीं दूसरी तरफ भगवान गणेश अपने माता और पिता का चक्कर लगाने लगे। यह देखकर शिव जी पूछा,पुत्र गणेश तुम यह क्या कर रहे हो? गणेश जी ने उत्तर दिया। माता और पिता में ही समस्त लोक विधमान है। माता और पिता के चक्कर लगा लिये। मैंने पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा लिया है। इसी कारण गणेश जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश जी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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