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Chaitra Purnima 2024: जानिए हिंदू शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा का महत्व।

By April 4, 2023August 31st, 2024No Comments
Chaitra Purnima 2024 जानिए हिंदू शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा का महत्व।

हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे साल में 12 पूर्णिमा मनाई जाती है। हर साल आने वाली इन 12 पूर्णिमा का अपना अलग अलग इतिहास और महत्व है। लेकिन प्रमुख ज्योतिषियों और हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है, जो हिंदू धर्म में सबसे खास मानी जाती है। चैत्र पूर्णिमा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हर बार हनुमान जयंती वाले दिन ही पड़ती है। इस कारण यह दोनों त्योहार सनातन संस्कृति में अपनी खास अहमियत रखते है। चैत्र महीने के अंतिम दिनों में चैत्र पूर्णिमा मनाई जाती है। चैत्र माह में पड़ने के कारण हिंदू धर्म में इस पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा का नाम दिया गया है।

इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से जानिए 2024 में चैत्र पूर्णिमा कब है?

इस साल चैत्र पूर्णिमा अप्रैल माह में पड़ रही है, जो मंगलवार 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त की शुरुआत 23 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगी। जो अगले दिन 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।

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इस बार की चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि और व्रत अनुष्ठान में क्या है खास-

क्या आप भी चैत्र पूर्णिमा का व्रत करने की सोच रहे है,  लेकिन चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि को लेकर असमंजस में है तो नीचे चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि के महत्वपूर्ण चरणों को सूचीबद्ध किया गया है, जो इस प्रकार है।

  • यदि आप पहली बार चैत्र पूर्णिमा का व्रत कर रहे है। तो सबसे पहले चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त का पता करें। जिसमें आप इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से चैत्र पूर्णिमा व्रत अनुष्ठान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
  • किसी भी पूजा अनुष्ठान में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने का बहुत महत्व है। इसलिए चैत्र पूर्णिमा व्रत या पूजा विधि में इस बात का विशेष ख्याल रखें।
  • स्नान के पश्चात सूर्यदेव को जल अर्पित करना न भूले।
  • हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद चैत्र पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें।
  • क्योंकि इस दिन हनुमान जयंती भी पड़ती है, इसलिए आप चाहे तो यह दोनों व्रत साथ साथ कर सकते है। जिसका आपको दोगुना लाभ प्राप्त होगा।
  • इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।
  • रात्रि के समय भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देने की प्रथा भी इस अनुष्ठान में शामिल हैं।
  • भगवान चंद्रमा को अर्घ्य में क्या क्या चढ़ाया जाता है, इस बात का भी ध्यान रखें।
  • हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन घर में हवन कराना बहुत शुभ होता है, इससे बुरी शक्तियों का प्रभाव कम होता है।
  • हिंदू धर्म में ऐसा भी कहा गया है कि इस दिन गरीबों में जरूरी चीजों का दान करने से और बंदरों को भोग लगाने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते है।
  • इसलिए इस दिन गरीबों में दान पुण्य करें जैसे गरीबों को भोजन, वस्त्र आदि दान करें।
  • धार्मिक स्थलों और मंदिरों में चने की दाल का दान करें।
  • बंदरों को केले, गुड़ और चने का भोग लगाएं।

बहुत अनोखी है चैत्र पूर्णिमा की व्रत कथा-

चैत्र पूर्णिमा व्रत से जुड़ी कहानी एक ऐसे नगर की है, जिसमें एक धनी सेठ और सेठानी का जोड़ा रहा करता था। सेठानी बहुत धार्मिक प्रवृत्ति की थी और समय समय पर भगवान विष्णु की पूजा किया करती थी, जिससे सेठ हमेशा चिढ़ा रहता था। एक दिन गुस्से में आकर सेठ ने सेठानी को घर से बाहर निकाल दिया। सेठानी रास्ते में चली जा रही थी तभी उसे मिट्टी खोदने वाले चार आदमी दिखाई दिए। सेठानी की हालत देखकर उन चार आदमियों ने सेठानी को घर के काम के लिए रख लिया। दूसरी तरफ अपनी गलती का एहसास होने पर सेठ ने सेठानी को ढ़ूंढ़ना शुरु कर दिया।

सेठ चल चलकर थक चुका था, थोड़ी सी ओर दूरी पर चलते ही सेठ को वही चार आदमी दिखे। सेठ के आग्रह करने पर उन चार आदमियों ने सेठ को भी घर के काम के लिए रख लिया मगर सेठ को पता नहीं था। कि सेठानी भी उसी घर में काम करती है, क्योंकि वह हमेशा घूंघट में रहती थी। एक दिन सेठानी सबको खाना परोस रही थी।

लेकिन जैसे ही सेठ को खाना परोसने लगी तो भगवान विष्णु ने सेठानी का हाथ पकड़ लिया और कहा ये तुम क्या कर रही हो तो सेठानी ने कहा की खाना परोस रही हूं। यह सुनते ही भगवान विष्णु ने सेठानी का हाथ छोड़ दिया। अत: सेठ को अपनी गलती का ऐहसास हुआ और सेठ ने भगवान विष्णु और सेठानी से अपने किए की माफी मांगी। अंत में सेठ और सेठानी दोनों खुशी खुशी अपने घर को निकल गए और रोज भगवान विष्णु की पूजा करने लगे।

जानिए हिंदू शास्त्रों में क्या है चैत्र पूर्णिमा का महत्व-

चैत्र पूर्णिमा 2024 कई मायनों में खास है। आइए इस बार की चैत्र पूर्णिमा का महत्व जानने के लिए निम्नलिखित कथनों पर डालते है एक नज़र।

1. इस दिन चंद्रमा की पूजा करने का है विशेष महत्व-

हिंदू शास्त्रों में चंद्रमा को 16 कलाओं से युक्त बताया गया है। कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से जातक को शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

2. पापों से मुक्ति दिलाता यह पूर्णिमा-

ज्योतिष की माने तो चैत्र पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को अपने अगले, पीछे, आज के और आने वाले हर पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है।

3. हनुमान जी और भगवान विष्णु की मिलती है विशेष कृपा-

क्योंकि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी पड़ती है। यह तो सभी जानते है कि हनुमान जी भगवान विष्णु के प्रिय भक्त है। इसलिए जो व्यक्ति इस दिन हनुमान जी के साथ साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करता है। उस व्यक्ति पर हनुमान जी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है और वह हमेशा ऐसे व्यक्तियों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते है।

4. चैत्र पूर्णिमा व्रत का है चित्रगुप्त से अनोखा संबंध-

हम सभी चित्रगुप्त को एक ऐसे संरक्षक के रुप में जानते है। जो अपने पास हर मनुष्य के अच्छे बूरे कर्मों का लेखा जोखा एक पुस्तक में संजोकर रखते है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति चैत्र पूर्णिमा के दिन चित्रगुप्त की पूजा करते है। भगवान चित्रगुप्त उन व्यक्तियों के पुण्य कर्मों में इजाफा करते है।

5. चैत्र पूर्णिमा व्रत से होते है हर असंभव कार्य पूरे-

जो जातक चैत्र पूर्णिमा व्रत की हर विधि को पूरी निष्ठा से करते है। उनके हर रुके हुए कार्य पूरे होते है। साथ ही उन्हें अपने आगे जो कार्य असंभव लगता है। उसमें भी वह सफलता हासिल करते है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. चंद्र दोष को कैसे दूर किया जा सकता है?

ज्योतिषी की सलाह अनुसार चंद्र दोष को दूर करने के लिए जातक को अपनी कनिष्ठा उंगली में किसी विशेष धातु में मोती धारण करके पहनना चाहिए।

2. आप पूर्णमासी से क्या समझते है?

शुक्ल महीने के अंतिम शुक्ल पक्ष की तिथि को जब चंद्रमा अपने पूरे आकार में उदित होता है। तो इसे ही पूर्णमासी कहा जाता है।

3. गुरु पूर्णिमा को और किस नाम से जाना जाता है?

गुरु पूर्णिमा को आदि गुरु और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बृहस्पति ग्रह को यह नाम उनके सम्मान में दिया गया है।

4. चैत्र पूर्णिमा कब है?

इस साल चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा चैत्र माह की अंतिम तिथि को पड़ती है।

5. शरद पूर्णिमा को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?

हिंदू मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चांद से जो किरणे निकलती है। वह वैदिक ज्योतिष में अमृत के समान मानी गई है।

अकाल मृत्यु से बचने के लिए कौन सी पूजा करानी चाहिए? जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।

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