Get App
AstrologyHindiTransits & RetrogradeZodiacs & Planets

बुध ग्रह का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों के लोग हो जाएं सावधान

बुध ग्रह का वृषभ राशि में गोचर

मई 2025 में बुध का वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहा है, जिससे बातचीत, सोच और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ेगा। वृषभ, पृथ्वी तत्व की राशि है जो स्थिरता और अपने व्यवहार के लिए जानी जाती है। बुध ग्रह वृषभ राशि में गोचर (Budh Grah Vrishabh Rashi Me Gochar) लोगों को ज़्यादा सोच-समझकर और ठोस फैसला लेने में मदद करेगा। हालांकि, बदलाव के प्रति थोड़ी हिचकिचाहट और जिद्दी रवैया भी देखा जा सकता है। यह गोचर जीवन में व्यावहारिक दृष्टिकोण को मजबूत करेगा और रिश्तों में संतुलन लाने में मदद कर सकता है।

Eng CTR

बुध गोचर का क्या अर्थ है?

इस गोचर का अर्थ है बुध ग्रह का एक राशि से दूसरी में प्रवेश करना। यह गोचर करियर, व्यापार और आर्थिक मामलों पर खास असर डालता है। इससे नए अवसर बनते हैं और तरक्की के रास्ते खुलते हैं। सभी राशियों के लिए यह समय फैसले लेने और योजना बनाने में अहम साबित हो सकता है।

बुध का वृषभ राशि में प्रवेश की तिथि और समय

मई 2025 में बुध का वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहा है। वहीं बात करें इसके समय और तिथि की तो ये बुध 23 मई 2025 को वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। इसका समय दोपहर 1 बजकर 5 मिनट होने वाला है। यह गोचर सोचने की शैली, बातचीत और फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित करेगा। आर्थिक मामलों पर ध्यान बढ़ेगा, जबकि जीवन के कई क्षेत्रों में स्थिरता की ओर झुकाव देखने को मिल सकता है।

बुध के गोचर का महत्व

भारतीय ज्योतिष में बुध को बुद्धि, वाणी, व्यापार और आंकड़े का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है। यह एक लाभकारी (फायदेमंद) ग्रह है। लेकिन क्रूर ग्रहों के प्रभाव में आकर ये अशुभ फल भी दे सकता है। जब बुध सूर्य के साथ किसी भाव में बहुत पास होता है तो बुधादित्य (एक ही राशि में बुध और सूर्य ग्रह का होना) योग बनता है, जो लोगों को अत्यंत बुद्धिमान और ज्ञानवान बनाता है। यह योग शिक्षा और करियर में विशेष सफलता दिला सकता है।

बुध के गोचर का फल

ग्रह के गोचर से शिक्षा, गणित और वाणिज्य (व्यापार) से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिल सकता है। अगर यह गोचर जन्मकालीन चंद्र राशि से द्वितीय, चतुर्थ, षष्टम, अष्टम, दशम या एकादश भाव में हो, तो यह शुभ फल देता है। अन्य भावों में इसका प्रभाव सामान्य या हानिकारक भी हो सकता है। कुंडली के अनुसार परिणाम बदल सकते हैं।

बुध ग्रह को कैसे करें मजबूत?

  • बुध बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ या ‘ॐ गण गणपतये नमो नमः’ का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।.
  • बुध की शांति और शक्ति के लिए बुधवार का व्रत रखें।
  • शुक्ल पक्ष के बुधवार से इसकी शुरुआत करें।
  • इस दिन हरे कपड़े पहनें, हरे चने का सेवन करें और तुलसी की पूजा करें।
  • बुधवार के दिन हरे वस्त्र, हरा मूंग, हरी चूड़ियां और हरी सब्जियों का दान करना अत्यंत शुभ होता है।
  • साथ ही तुलसी, पान और दूर्वा को भगवान गणेश को अर्पित करना भी लाभकारी होता है।
  • बुध ग्रह से जुड़ा रत्न पन्ना होता है।
  • इसे चांदी या सोने की अंगूठी में बुधवार को छोटी उंगली में धारण करें।
  • लेकिन इससे पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से कुंडली जांच अवश्य कराएं।
  • गौ सेवा को भी बुध को बलवान करने का श्रेष्ठ उपाय माना गया है।
  • बुधवार को हरे चारे से गाय को भोजन कराएं।
  • इसके अलावा, वाणी की शुद्धता पर ध्यान दें, झूठ न बोलें, चुगली से बचें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी बुध ग्रह को शांत करने में सहायक होता है।

12 राशियों पर पड़ेंगे ये प्रभाव

1. मेष राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह वृषभ राशि में गोचर (Budh Grah Vrishabh Rashi Me Gochar) 23 मई को मेष राशि की कुंडली के दूसरे भाव को सक्रिय करेगा। इस समय मेष राशि वाले अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने पर खास ध्यान देंगे। पैसे कमाने और संपत्ति को व्यवस्थित (नियमों के अनुसार) करने के लिए वे व्यावहारिक रणनीतियां अपना सकते हैं।आमतौर पर जल्दी फैसले लेने वाले मेष राशि के लोग इस समय सोच-समझकर कदम उठाएंगे। पारिवारिक बातचीत भी ज्यादा व्यावहारिक होगा। हालांकि, पैसे से जुड़े मामलों में जिद्दी रवैया नुकसानदेह हो सकता है। बेहतर सुझावों को अपनाने से हिचकिचाएं नहीं, क्योंकि यह समय आर्थिक स्थिरता की नींव रख सकता है।

2. वृषभ राशि पर प्रभाव

जब बुध ग्रह वृषभ राशि में गोचर करता है, तो वृषभ लोगों की सोच, समझ और बातचीत करने की क्षमता में सुधार होगा है। इस समय वे अपने सपनों और लक्ष्यों पर अधिक ध्यान देंगे। यथार्थवादी योजनाएं बनाना और उन्हें अमल में लाना आसान होगा। हालांकि, इस अवधि में जिद्दी व्यवहार और नई बातों को स्वीकारने में हिचकिचाहट भी देखी जा सकती है। स्थिरता के साथ लचीलापन अपनाने से यह समय ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। वृषभ राशि के लोग इस दौरान अपनी बातों को प्रभावशाली तरीके से रखने में सफल होंगे।

3. मिथुन राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह के गोचर से मिथुन राशि के बारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे आपके अदंर भगवान के प्रति भक्ति भाव बढ़ेंगे और मन में गहरी उलझनें भी बढ़ सकती हैं। यह समय आपकी भावनाओं और पुराने अनुभवों पर विचार करने के लिए सही रहेगा।हालांकि, निजी मामलों में आपको संभलकर बातचीत करनी चाहिए और गलतफहमियों से बचना होगा। ध्यान, डायरी लेखन, और रचनात्मक एक्टिविटी इस समय आपकी मदद कर सकती हैं। जिससे आप अपने विचारों को सही तरीके से समझ सकेंगे।

4. कर्क राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह वृषभ राशि में गोचर कर्क राशि के ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे आपकी ध्यान ज्यादा बढ़ेगा। आपकी बातचीत अब व्यावहारिक और लक्ष्य को लेकर ज्यादा होगी। टीम चर्चाएं भी फायदेमंद हो सकती हैं। हालांकि, आपको रिश्तों में बदलाव से डर लग सकता है। इसलिए नए विचारों को खुले दिल से अपनाने की कोशिश करें। भले ही वे आपकी सुरक्षा भावना को चुनौती दें।

5. सिंह राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह का राशि परिवर्तन करने से सिंह राशि के दसवें भाव को प्रभावित करेगा। जिससे आपकी प्रोफेशनल सोच में स्पष्टता आएगी। इस दौरान करियर और प्रतिष्ठा पर ध्यान बढ़ेगा और सीनियर लोगों से बातचीत भी ज्यादा व्यावहारिक हो सकती है। हालांकि, अपने प्रोफेशनल लक्ष्यों के पीछे निजी रिश्तों को नजरअंदाज न करें। आपको लचीलापन बनाए रखने की जरूरत होगी। सफलता पाने के लिए नए रास्ते अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

6. कन्या राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह वृषभ राशि में गोचर कन्या राशि की कुंडली के नवम भाव को सक्रिय करेगा। जिससे ज्ञान, उच्च शिक्षा और भगवान से जुड़े भक्ति भाव में रुचि बढ़ेगी। इस दौरान आप नई सोच, संस्कृतियों और विचारधाराओं के प्रति आकर्षित हो सकते हैं।यह समय पढ़ाई शुरू करने या कोर्स जॉइन करने के लिए उत्तम और सही रहेगा। हालांकि, किसी एक विचार से अति जुड़ाव से बचें और दूसरों की सोच को भी खुले मन से स्वीकार करने की कोशिश करें।

7. तुला राशि पर प्रभाव

वृषभ में बुध का गोचर तुला राशि की कुंडली के आठवें भाव पर असर पड़ेगा। जिससे साझा संपत्ति, निवेश और रिश्तों में गहराई आएगी। यह समय लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग और भावनात्मक मुद्दों को सुलझाने के लिए सही समय है। आप अपने अंदर मानसिक बदलाव भी महसूस कर सकते हैं। ईमानदारी और खुली बातचीत ही इस समय रिश्तों को मजबूत बनाएगी।

8. धनु राशि पर प्रभाव

बुध का वृषभ राशि में गोचर धनु राशि की कुंडली के छठे भाव पर असर डालेगा। जिससे आपका फोकस सेहत, दिनचर्या और कामकाज पर रहेगा। यह समय अपने शेड्यूल को बेहतर बनाने और लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एकदम सही समय है। ऑफिस में आपकी बातचीत ज्यादा प्रैक्टिकल होगी। हालांकि, छोटी बातों पर जरूरत से ज़्यादा सोचने से बचें और खुद पर सख्ती न बरतें। संतुलित दृष्टिकोण से ही सफलता मिलेगी।

9. मकर राशि पर प्रभाव

बुध का वृषभ राशि में गोचर मकर राशि की कुंडली के पांचवें भाव को सक्रिय करेगा। जिससे आपकी रचनात्मकता, प्रेम और आत्म-अभिव्यक्ति में निखार आएगा। यह समय शौक या रचनात्मक प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए सही है।रोमांटिक रिश्ते और बच्चों से संवाद अधिक गहरा और भावनात्मक होगा। हालांकि, किसी एक विचार से जरूरत से ज्यादा जुड़ाव से बचें। लचीलापन बनाए रखना इस समय को और अधिक फलदायी बना सकता है।

10. कुंभ राशि पर प्रभाव

बुध ग्रह का राशि परिवर्तन करने से कुंभ राशि की कुंडली के चौथे भाव पर असर पड़ेगा। जिससे घर, परिवार और भावनाओं या संवेदनाओं को लेकर आपका ध्यान बढ़ेगा। आप इस समय व्यावहारिक सोच के साथ घर से जुड़ी योजनाएं बना सकते हैं और परिवार से गहरी बातचीत करेंगे।भावनात्मक जरूरतों को समझने का यह सही समय है। हालांकि, बदलावों को अपनाने में हिचकिचाहट हो सकती है, इसलिए लचीलापन जरूरी रहेगा।

11. मीन राशि पर प्रभाव

वृषभ राशि में बुध का गोचर मीन राशि की कुंडली के तीसरे भाव को सक्रिय करेगा। जिससे बातचीत करने में अच्छा बदलाव आएगा, कुछ नया सीखने और छोटी यात्राओं में तेजी आएगी। आपकी सोच इस समय अधिक व्यावहारिक और साफ होगी।यह समय बौद्धिक गतिविधियों, नए कोर्स या ट्रेवल प्लान के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि, विचारों में ज़रूरत से ज़्यादा अड़ियल रवैया न अपनाएं। खुलेपन से नए अनुभवों को अपनाना लाभकारी सिद्ध होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. यदि आपका बुध वृष राशि में है तो इसका क्या मतलब है?

बुध जब वृषभ राशि में होता है, तो हम अधिक विचारशील, दृढ़ निश्चयी होते हैं और अपना मन बनाने में समय लेते हैं और साथ ही अपनी जिद पर अड़े रहते हैं।

2. वृष राशि में कौन सा ग्रह खराब है?

वृषभ राशि के लिए, शुक्र को स्वामी ग्रह माना जाता है ।

3. बुध की अच्छी राशि क्या है?

मिथुन और कन्या राशि में बुध वाले लोग विशेष रूप से भाग्यशाली होते हैं क्योंकि उनमें बुद्धि, अच्छी बोलचाल, लचीलापन और अवसरों को समझने की क्षमता होती है।

4. बुध मजबूत कब होता है?

बुध को मजबूत बनाने के लिए बुधवार के दिन व्रत करना और विघ्नहर्ता गणपति और मां दूर्गा की पूजा करना चाहिए।

5. बुध ग्रह खराब होने से कौन सी बीमारी होती है?

कुंडली में बुध ग्रह के खराब होने के कारण वात, पित्त और कफ से संबंधित रोग, नाक और गले के रोग होने के साथ बुद्धि की कमी होने लगती है।

6. बुध को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?

बुध को मजबूत करने के लिए आप बुधवार को हरी वस्तुओं का दान करें। गाय को हरा चारा और किसी गरीब ब्राह्मण को हरे फल, हरी सब्जियां, हरे वस्त्र, कांसे का बर्तन आदि दान कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: ज्योतिष के 10 नियम जिससे जानें कौन से ग्रह आपके लिए शुभ और अशुभ हैं!

दिलचस्प ज्योतिषीय तथ्य और वीडियो के लिए हमें इंस्टाग्राम पर फॉलो करें और अपना दैनिक राशिफल पढ़ें

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Pratibha Pathak

About Pratibha Pathak

इंस्टाएस्ट्रो में हिन्दी कंटेट राइटर। पत्रकारिता में अमरउजाला से सफर की शुरूआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ पंजाब केसरी, इंडिया न्यूज से होते हुए इंस्टाएस्ट्रो में पहुंची। लगातार कुछ बेहतर और अलग करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सिखने की कोशिश। एस्ट्रोलॉजी, राजनीतिक और सॉफ्ट खबरों में रूचि।