ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रह्माण्ड में मौजूद ग्रहों और नक्षत्रों का हमारे दैनिक जीवन से गहरा संबंध होता है। इन ग्रहों का हमारे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। मान्यता है कि प्रत्येक ग्रह किसी न किसी बीमारी के लिए ज़िम्मेदार होता है।
जब कुंडली में कोई ग्रह बलवान होता है, तब जातक को उसका शुभ फल मिलता है। वहीं कमजोर ग्रह होने पर बुरे और अशुभ फल मिलते हैं। इन्हीं अशुभ फलों के कारण जातक को अनेक प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से कौन ग्रह से क्या रोग होता है और ग्रहों के रोग के उपाय क्या है ?
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और बीमारियों का संबंध
यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपको किसी बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। या फिर आपके परिवार का कोई सदस्य बार-बार बीमार हो रहा है। तो संभावना है कि इसके पीछे का कारण ज्योतिष ग्रह हो सकते हैं। कैसे जाने कौन सा ग्रह खराब है ? दरअसल कोई भी ग्रह अच्छा या बुरा नहीं होता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति, चाल और परिवर्तन के कारण उनका प्रभाव बदलते रहता है। कभी ये अच्छे परिणाम देते हैं, तो कभी बुरे।
ग्रह और उनसे जुड़े रोग
ब्रह्माण्ड के नवग्रहों का हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव पड़ता है। उसी प्रकार प्रत्येक ग्रह और उसके परिवर्तनों का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर होता है।
सूर्य ग्रह से होने वाले रोग
सूर्य ग्रह से व्यक्ति को पित्त, पेट के रोग, नेत्र रोग, हृदय रोग, हड्डी रोग, कुष्ठ रोग, मिर्गी आदि शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त सूर्य के प्रभाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी गिरावट आती है।
चंद्र ग्रह से प्रभावित रोग
दिल और फेफड़े से जुड़ी समस्या, बायीं आंख, अस्थमा, डायरिया, एनीमिया, किडनी रोग, मधुमेह, अपेंडिक्स, खांसी की बीमारी, मूत्र विकार आदि रोग चन्द्रमा से संबंधित होते हैं।
कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि मानसिक रोग किस ग्रह के कारण होता है ? चूँकि चंद्र ग्रह को मन का कारक ग्रह माना जाता है, इसलिए मानसिक रोगों के लिए यही ज़िम्मेदार होता है। कुंडली में चंद्रमा की अशुभ स्थिति से अवसाद, अनिद्रा और मानसिक तनाव की समस्या हो सकती है।
बुध ग्रह के प्रभाव से होने वाले रोग
छाती के रोग, बुखार, खुजली, टाइफाइड, लकवा, मिर्गी, अल्सर, अपच, मुंह के रोग तथा त्वचा रोग से संबंधित बीमारियों का संबंध बुध ग्रह से होता है। इसके अतिरिक्त हिस्टीरिया, चक्कर आना, निमोनिया, पीलिया, हकलाना, चेचक, नसों की कमजोरी, जीभ और दांतों के रोग भी बुध की अशुभ स्थिति के कारण उत्पन्न होते हैं।
मंगल ग्रह से जुड़े रोग
मंगल ग्रह से जुड़ी प्रमुख समस्याएं हैं – विषाक्त रोग, अल्सर, कुष्ठ रोग, खुजली, गर्मी के चकत्ते, रक्त या रक्तचाप से संबंधित रोग, गर्दन और गले की बीमारी, मूत्र रोग, ट्यूमर, कैंसर, बवासीर, दस्त, आकस्मिक रक्तस्राव, फोड़े, आदि। ये सभी रोग मंगल ग्रह की पीड़ित स्थिति से ही उत्पन्न होते हैं
शुक्र के प्रभाव से होने वाले रोग
यदि आप जानना चाहते हैं कि थायराइड किस ग्रह से होता है ? तो उसका जवाब है – शुक्र ग्रह। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह से ये रोग हो सकते हैं – जननांग रोग, मूत्र मार्ग के रोग, यौन रोग, मिर्गी, अपच, गले के रोग, नपुंसकता, पीलिया, बांझपन, वीर्य से संबंधित रोग आदि।
बृहस्पति ग्रह से जनित रोग
यदि आप जानना चाहते हैं कि किडनी रोग किस ग्रह के कारण होता है ? तो उसका उत्तर है – बृहस्पति अथवा गुरू ग्रह। यकृत, गुर्दा, कान से संबंधित रोग, मधुमेह, पीलिया, स्मृति हानि, जीभ से संबंधित कोई समस्या, बछड़ा रोग, मज्जा दोष, पीलिया, मोटापा, दंत रोग, मस्तिष्क विकार आदि रोग के लिए पीड़ित बृहस्पति ज़िम्मेदार होता है।
शनि ग्रह से उत्पन्न होने वाले रोग
कई लोग जानना चाहता हैं कि पैरों में दर्द किस ग्रह की वजह से होता है ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह के कारण जातक को पेट दर्द, घुटने या पैर में दर्द, दांत या त्वचा रोग, फ्रैक्चर, मांसपेशी रोग, पक्षाघात, बहरापन, खांसी, अस्थमा, अपच, तंत्रिका विकार आदि हो सकते हैं।
राहु से संबंधित रोग
राहु ग्रह मस्तिष्क विकार, यकृत विकार, चेचक, पेट में कीड़े, ऊंचाई से गिरने के कारण चोट आदि समस्याएं देता है। कुष्ठ रोग, कैंसर आदि रोग भी कुंडली में राहु की पीड़ित स्थिति के कारण उत्पन्न होते हैं।
केतु ग्रह से जुड़े रोग
कैल्शियम की कमी किस ग्रह के कारण होती है ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु की अशुभ स्थिति से जातक के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। केतु ग्रह से उत्पन्न होने वाली समस्याएं – आमवाती रोग, रक्तस्राव, त्वचा रोग, कमजोरी, शरीर में चोट, घाव, एलर्जी, कुत्ते का काटना, रीढ़ की हड्डी में समस्या, जोड़ों का दर्द, मधुमेह, उनींदापन, हर्निया, और जननांग रोग।
ग्रहों से जुड़ी बिमारियों के लिए ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिष शास्त्र में हर समस्या के निवारण के लिए उपाय बताये जाते हैं। आइये जानते हैं कि नवग्रहों से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को ठीक कैसे करें। ग्रहों के रोग के उपाय इस प्रकार हैं –
सूर्य से उपजी बीमारियों के लिए उपाय
- गरीब बीमार लोगों की सेवा करें।
- प्रतिदिन सुबह सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
- नियमित रूप से सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें – “ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नमः”
- प्रतिदिन कुछ समय के लिए नग्न आंखों से सूर्य को देखें।
चंद्रमा ग्रह से जुड़े रोगों के लिए उपाय
- प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
- नियमित रूप से प्राणायाम और योग करें।
- प्रतिदिन 108 बार चंद्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें – “ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।”
- चंद्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें। जैसे – दूध, दही, शक्कर, चावल आदि।
मंगल ग्रह से होने वाले रोगों के उपाय
- मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।
- अपने घर के पास नीम का पेड़ लगाएं।
- प्रत्येक मंगलवार को बंदरों को केला खिलाएं।
- ज़रूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान करें।
- लाल रंग के कपड़े पहनें। अथवा अपने पास लाल रंग का रुमाल रखें।
- मंगल ग्रह के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें – “ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”।
बुध ग्रह से उत्पन्न बीमारियों के निवारण के लिए उपाय
- बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें।
- घर की महिलाओं को हरी रंग की वस्तुएं दें।
- प्रतिदिन गायों को रोटी और हरी पालक खिलाएं।
- गरीब छात्रों को शिक्षा की सामग्री दान स्वरूप दें।
- बुध ग्रह के बीज मंत्र का उच्चारण करें – “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”।
बृहस्पति से जनित रोगों के उपाय
- गुरुवार के दिन पीले रंग के पहने।
- घर के आस-पास केले का पेड़ लगाएं।
- गाय को चने की दाल खिलाएं।
- बृहस्पति ग्रह के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें – “ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।”
शुक्र ग्रह से प्रभावित बीमारियों के लिए उपाय
- चमकदार या सफेद रंग के कपड़े पहनें।
- शनिवार के दिन दुर्गा माँ या माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- अपने जीवनसाथी को खुशबूदार फूल या परफ्यूम भेंट दें।
- शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का नियमित रूप से जाप करें – “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”।
शनि ग्रह से संबंधित रोगों को ठीक करने के उपाय
- प्रतिदिन काले कुत्ते को खाना खिलाएं।
- मांसाहार, शराब, जुआ आदि गलत कार्य से परहेज़ करें।
- अपने घर के दक्षिण-पूर्व कोने में सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर भगवान शनिदेव की स्तुति करें और सरसों का तेल दान करें।
- शनि के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें – “ॐ शं शनैश्चराय नमः” ।
- उंगली में लोहे की अंगूठी धारण करें।
राहु से जुड़ी बिमारियों के लिए उपाय
- तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- रविवार के दिन तांबे के किसी बर्तन में गेहूं या गुड़ रखकर नदी में प्रवाहित कर दें।
- गले में चांदी की चेन पहनें।
- बहते पानी में चांदी के सांपों का एक जोड़ा फेंक दें।
- बहते पानी में पांच नारियल या कद्दू प्रवाहित कर दें
- राहु ग्रह के बीज मंत्र का नियमित रूप से जाप करें – “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ||”
केतु ग्रह से होने वाले रोगों के उपाय
- भूरे रंग के वस्त्र पहनें। छोटे बच्चों को मिठाई बांटे।
- 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होगा।
- पीड़ित केतु ग्रह की शांति पूजा करवाएं।
- केतु के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें – “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. कौन ग्रह से क्या रोग होता है?
2. कैसे जाने कौन सा ग्रह खराब है ?
3. मानसिक रोग किस ग्रह के कारण होता है ?
4. पैरों में दर्द किस ग्रह की वजह से होता है?
5. सभी ग्रहों के रोग के उपाय क्या हैं?
और पढ़ें – क्या मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक रोगों का संबंध ज्योतिष शास्त्र से होता है ?
इस प्रकार की रोचक जानकारी और कुंडली में उपस्थित दोषों को समाप्त करने के उपाय जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।