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Baisakhi 2023: सिखों का प्रमुख त्योहार है बैसाखी

By March 20, 2023December 6th, 2023No Comments
Baisakhi 2023

हर साल आने वाला बैसाखी का पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार किसानों और सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। वैसे तो पूरे भारतवर्ष में यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन पंजाब और हरियाणा में यह खास तौर से मनाया जाने वाला त्योहार है। हालांकि हम बैसाखी को फसल कटाई के रूप में ज्यादा जानते है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र इस बात की पुष्टि करता है कि हिंदू धर्म में बैसाखी से जुड़ी और भी कई धारणाएं है। उदाहरण के तौर पर जब सूर्य ग्रह मेष राशि में गोचर करते है तो इसे मेष संक्रान्ति भी कहा जाता है।

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जानिए बैसाखी कब मनाई जाती है-

वैसे तो हर साल बैसाखी पर्व 13 या 14 अप्रैल को मनाई जाती है। लेकिन फिर भी लोगों में मन में इस बात को लेकर आशंका रहती है कि बैसाखी कब मनाई जाती है। तो बैसाखी तिथि, समय और पूजा विधि के बारे में जानने के लिए आप इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात कर सकते है।

Farmer Cutting Crops

बैसाखी पर्व के बारे में अनसुनी बातें-

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह जी ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसलिए इसी दिन की याद के रुप में बैसाखी पर्व मनाया जाता है।

बैसाखी पर्व के बारे में एक अन्य ऐतिहासिक तथ्य यह भी है। कि इस दिन मुगल बादशाह औरंगजेब के हिंदुओं के प्रति अत्याचारों के खिलाफ सिखों के 9वें गुरु। गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। गुरु तेग बहादुर को सबक सिखाने के लिए औरंगजेब ने धोखे से गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवा दिया। गुरु गोबिंद सिंह की शहादत के तौर पर भी बैसाखी का उत्सव मनाया जाता है।

Guru Govind Singh

ज्योतिष से जानिए बैसाखी का महत्व-

सिख समुदाय में बैसाखी का विशेष महत्व है। इस साल पड़ने वाली बैसाखी का महत्व।

  • इस दिन सूर्य का प्रवेश मेष राशि में होता है। इसलिए इसे मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के इस गोचर को बहुत ही शुभ माना जाता है।
  • बैसाखी के पर्व पर गंगा जी की आरती करने का भी बहुत महत्व है। एक पौराणिक कथा मे ऐसा वर्णन मिलता है कि ऋषि भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर इसी दिन गंगा के पवित्र जल का पृथ्वी पर आगमन हुआ था। जैसा कि हिंदू मान्यताओं में माना जाता है गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है। इसलिए इस दिन जातक को गंगा जी की आरती करनी चाहिए।
  • एक अच्छी फसल का पहला हिस्सा भगवान को समर्पित किया जाता है। इसी से पता चलता है कि इस दिन का क्या महत्व है। अच्छी फसल के लिए किसान सालों साल इंतजार करता है। अत बैसाखी के दिन वह अपनी फसल को काटता है और भगवान से अपने ऊपर यूं ही कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करता है।
  • ज्योतिष के मुताबिक बैसाखी पर्व के अचूक उपाय करने से जातक को असीमित लाभ प्राप्त होते है। इन उपायों में शामिल है बैसाखी पर्व का अनुष्ठान, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त आदि।
  • माना जाता है जो जातक इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करता है। तो उस जातक की कुंडली से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते है। नकारात्मक प्रभावों की जगह सकारात्मक प्रभाव ले लेते है।

Puja Aarti

वह राज्य जो बैसाखी मनाता है-

वैसे तो हरियाणा और पंजाब में बैसाखी उत्सव बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा के अलावा वह राज्य जो बैसाखी मनाता है उनके बारे में छोटी सी जानकारी नीचे दी गई है।

पंजाब की बैसाखी-

  • पंजाब में बैसाखी की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब को स्नान कराने के बाद होती है। फिर उन्हें तख्त पर बिठा दिया जाता है।
  • इस दिन पंजाब के लोग आपस में इकट्ठा होकर पंचबानी गीत गाते है।
  • प्रसाद चढ़ाने के बाद लंगर का आयोजन किया जाता है।
  • इसके बाद पूरे पंजाब में भांगड़ा, गिद्दा जैसे परंपरागत नृत्यों का आयोजन किया जाता है।

हरियाणा की बैसाखी-

  • पंजाब की तरह हरियाणा में भी बैसाखी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
  • इस दिन पूरे हरियाणा में कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता है।
  • इस दिन हरियाणा में अपने ईष्ट देवता की पूजा करने का विशेष महत्व है।

असम में बैसाखी-

  • असम में बैसाखी को बिहु के नाम से जाना जाता है।
  • यह त्योहार पूरे साल में तीन बार आता है। पहला पौष संक्रांति को, दूसरा विषुवत संक्रांति को और तीसरा कार्तिक माह में।
  • विषुवत संक्रांति की तिथि को पड़ने वाली बिहू को उत्तर भारत में बैसाखी पर्व के नाम से जाना जाता है।
  • इस दिन असम में किया जाने वाला लोक नृत्य जगह जगह प्रसिद्ध है।

Bihu Dance

हरिद्वार में बैसाखी-

  • हरिद्वार और ऋषिकेश में बैसाखी के दिन गंगा जी की आरती करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • पुराणों और हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि इस दिन जो व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करता है। उसके सारे पाप गंगा नदी में धुल जाते है।
  • बैसाखी के दिन यहां विश्व प्रसिद्ध मेले का आयोजन होता है।

बंगाल में बैसाखी-

  • पश्चिम बंगाल में बैसाखी को नए वर्ष के नाम से जाना जाता है।
  • बंगाल के लोग इस दिन पूजा स्थलों और तीर्थ स्थानों के दर्शन करते है।
  • पंजाब और हरियाणा की तरह यहां भी फसल कटाई का विशेष महत्व है।

इसके अलावा दक्षिण भारत के कई राज्यों में बैसाखी के त्यौहार को अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे केरल, तमिलनाडु, ओडिशा आदि राज्यों में बैसाखी को पूरम विशु या विशु नाम से भी जाना जाता है। बेशक हर जगह बैसाखी के नाम अलग-अलग हो लेकिन इन सब नामों का मतलब एक ही होता है। भाईचारे और आपसी मेलजोल को बढ़ावा देना।

बैसाखी के दिन करें ये ज्योतिषीय उपाय मिलेगा लाभ ही लाभ-

ज्योतिष शास्त्र में बैसाखी के दिन कुछ विशेष उपायों के बारे में बताया गया जो नीचे निम्नलिखित है।

  • यदि आप चाहते है कि समाज में आपका रुतबा हो और आपके मान, सम्मान में वृद्धि हो तो इस दिन गेहूं का दान जरूर करें।
  • करियर में सफलता पाने के लिए उड़द दाल की खिचड़ी का वितरण गरीबों में अवश्य करे।
  • इस दिन दूध दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दूध दान करने से जातक की मानसिक शक्ति मजबूत होती है।
  • बैसाखी के दिन मूंग दाल का दान करना एक ऐसा अचूक उपाय है। जो व्यक्ति के लिए व्यापार में अपार सफलता लेकर आता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. पंजाब में बैसाखी को और किस नाम से जाना जाता है?

पंजाब में बैसाखी को लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

2. बैसाखी के दिन दान का क्या महत्व है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैसाखी के दिन किया गया दान जातक की कुंडली में समृद्धि के रास्ते खोलता है।

3. बैसाखी पर कौन से रंग के कपड़े पहनना होता है शुभ?

ज्योतिषी के अनुसार बैसाखी के दिन नारंगी और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।

4. 3 प्रकार के फसल त्योहारों के बारे में बताइए?

बिहू, पोंगल, मकर संक्रांति, लोहड़ी नाम से अलग अलग राज्यों में फसल त्योहार मनाया जाता है। जो बैसाखी के दिन ही पड़ता है।

और पढ़ें: Gudi Padwa 2023: जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

बैसाखी उत्सव के बारे में ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।

 

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anjali

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