
हिन्दू धर्म में भगवान के सामने दीपक जलाने का विशेष महत्व है। हर तीज-त्यौहार पर या प्रतिदिन की पूजा में भी देवी-देवताओं के आगे घी अथवा तेल का दीया जलाया जाता है। आमतौर पर घरों में लोग पीतल या तांबे के दीये का प्रयोग करते हैं। मंदिरों में मिट्टी के दीये जलाये जाते हैं। परन्तु कुछ लोग आटे के दीपक बनाकर उन्हें प्रज्वलित करते हैं। आखिर क्यों लोग आटे का दीपक जलाते हैं ? क्या इसका कुछ विशेष महत्व है ? आइये पढ़ते हैं कि इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष क्या कहतें हैं आटे के दीये के बारे में-
मान्यता है कि आटे का दीपक जलाना एक चमत्कारी उपाय है जिससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है। अपनी किसी विशेष कामना को पूरा करने के लिए भगवान के सामने आटे का दीपक जलाने की परंपरा है।
आटे के दीपक का संकल्प
आटे का दीपक विशेष दिन और विशेष परिस्थितियों में जलाया जाता है। किसी विशेष इक्छापूर्ति के लिए आटे के दीपक का संकल्प लेना पड़ता है। आटे के दीये घटते या बढ़ते क्रम में लगाये जाते हैं जैसे 11 दिन या 21 दिन। आटे के दीये जलाने की विधि –
बढ़ता क्रम – पहले दिन 1 दीपक जलाएं, दूसरे दिन 2, तीसरे दिन 3, चौथे दिन 4, ऐसा 11 दिन तक करना है। यानि ग्यारहवें दिन 11 दीपक जलाने चाहिए।
घटता क्रम – 11 दिन बढ़ते क्रम में दीये जलाने के बाद अगले दिन से घटते क्रम में आटे के दीये जलाने हैं। जैसे 10, फिर 9, फिर 8, और आखिरी दिन 1 दीया जलाना है।
यदि यह उपाय नियमित रूप से किया जाये तो साधक के सभी कष्टों का निवारण हो जायेगा।
आइये पढ़ते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी द्वारा बताये गये कुछ अन्य उपाय –
आटे के दीपक जलाने से सुधरती है आर्थिक स्थिति
लगातार 11 दिन आटे के दीपक का संकल्प लेकर माता लक्ष्मी के सम्मुख दीपक जलाने से आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। इसके अतिरिक्त, आटे में हल्दी मिलाकर दीपक बनाने से और फिर उसमें घी का बाती जलाने से भी पैसों से सम्बंधित कष्ट दूर होते हैं।
मान्यता है कि हनुमान जी के आगे आटे का दीपक जलाने से भी आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की भक्ति करने से शनि-प्रकोप से भी छुटकारा मिलता है।
माँ अन्नपूर्णा के आगे आटे का दीपक जलाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
घी के दिए जलाना
शिवपुराण के अनुसार घर में प्रतिदिन घी के दीये जलाने से सुख-समृद्धि व सेहत बनी रहती है। घी के दीये जलाने से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है और प्रदूषण कम होता है। घी की दीये से निकलने वाली ऊर्जा हमारे तन व मन के लिए सकारात्मक होती है। इसे हमें ऊर्जावान रहने की प्रेरणा मिलती है ।
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आटे के दीपक के फायदे
आटे के दीपक का संकल्प लेकर नियमित रूप से दीपक जलाने के कई फ़ायदे हैं। जैसे की – कर्ज़ से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी पाना या तरक्की, मानसिक रोग व शारीरिक बीमारी का इलाज, संतान प्राप्ति, खुद का घर, पति-पत्नी के झगडे, गृह कलेश आदि हर प्रकार के कष्ट के निवारण हेतु आटे के दीपक जलाये जाते हैं।
कुंडली में राहु-केतु के प्रकोप को दूर करने के लिए अपने घर के मंदिर में आटे का दीपक अवश्य जलाएं। इसके लिए अलसी के तेल का प्रयोग करें।
शनिवार के दिन सरसों के तेल से आटे का दीया जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
यदि विधि-विधान से आटे के दीपक जलाने के बाद आपकी मनोकामना पूर्ण जाती है तो दीपक जलाना बंद न करें। नियमित रूप से दीपक जलाते रहें, जीवन में आगे कोई कष्ट नहीं आयेंगे।
दीपक जलाने के नियम –
दीपक जलाते समय उसकी लौ पूर्व दिशा की ओर रखनी चाहिए, ऐसा करने से लम्बी आयु का वरदान प्राप्त होता है।
घी के दीये की लौ उत्तर दिशा में रखने से धन लाभ होता है।
घी के दीपक की लौ भूल से भी पश्चिम दिशा में न जलने दें। इससे घर में कष्ट बढ़ते हैं। उसी तरह दीये की लौ को दक्षिण दिशा में भी न रखें।
पूजा के दौरान, घी के दीपक से कभी अगरबत्ती न जलाएं। इसी प्रकार एक दीये की लौ से कभी दूसरा दिया ना जलाएं। ऐसा करने से मनुष्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ती है।
जिस माचिस की तीली से आप दीया जलाते हैं, उसे फूंक मारकर न बुझायें। इससे माता लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं। तीली को हमेशा हाथ के झटके से बुझायें।
दीपक के प्रकार –
एक मुखी दीपक को प्रतिदिन की पूजा में जलाया जाता है। दो मुखी दीपक जलाने से शत्रु और विरोधी से मुक्ति मिलती है। तीन मुखी दीपक जलाने से संतान प्राप्ति होती है। चार मुखी दीपक जलाने से आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। मान्यता है की चौमुखी (चार मुखी दीये) दीपक को घी की बाती में प्रतिदिन माता लक्ष्मी के सम्मुख जलाने से धन से संबंधित परेशानी दूर होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-
1. आटे का दीपक जलाने के क्या लाभ हैं ?
2. आटे का दीपक जलाने की विधि क्या है ?
3. चार मुखी दीया का क्या महत्व है ?
4. घी का दीपक क्यों जलाया जाता है ?
5. एक दीये की लौ से दूसरा दीपक क्यों नहीं जलाया जाता ?
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यदि किसी उपाय को लेकर आपके मन में शंका है तो आप इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से सीधे बात करके उनकी सलाह ले सकते हैं। आज ही डाउनलोड करें इंस्टाएस्ट्रो का मोबाइल ऐप।