दुनिया में बहुत सारी ऐसी चीजें मौजूद होती हैं जिन्हें एक आम इंसान नहीं देख सकता। ये चीजें नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की होती है। क्योंकि अगर दुनिया में सकारात्मकता मौजूद है तो नकारात्मकता भी मौजूद है। यदि हमारे मित्र हैं तो दुश्मन भी हैं। इसी प्रकार परमात्मा हमारा रक्षक है तो अदृश्य आत्माएं हमारी भक्षक हैं। दुनिया में किसी भी विषय पर बात होती हैं तो हमेशा लोग दो गुटों में बटे हुए नज़र आते हैं। बिल्कुल इसी तरह आधे लोगों की धारणा यह होती है की, बुरी आत्माएं और बुरी शक्तियां मौजूद नहीं होती हैं ठीक इसी तरह कुछ लोग भगवान में भी विश्वास नहीं रखते हैं।
जब कुंडली की दशा बदलती है तो कुंडली में बैठे ग्रह नक्षत्र भी बदलते हैं, जातक की कुंडली में इन ग्रह नक्षत्रों के कारण बहुत कुछ नकारात्मक और बहुत कुछ सकारात्मक भी होता है। इसमें कुछ ऐसे दोष भी होते हैं जो यदि जातक की कुंडली में लग जाए तो उसका सब कुछ बर्बाद हो सकता है, इन्हीं में से एक होता ‘प्रेत दोष’ जिसके बारे में आज हम यहां बात करने वाले हैं।
प्रेत दोष क्या होता है?
जब किसी जातक के अंदर कोई प्रेत आत्मा या काली शक्ति प्रवेश करती है, उस दौरान वह मनुष्य अपने आप में नहीं रहता है क्योंकि वह प्रेत आत्मा उसके तन मन धन पर अपना कब्ज़ा जमा लेती है और जो वह चाहती है वह मनुष्य वैसा ही करता है। इस स्थिति को प्रेत दोष कहा जाता है। यदि इसका उपाय न किया जाये तो यह प्रेत आत्माएं मनुष्य के शरीर से तब तक नहीं निकलती जब तक वह मर नहीं जाता है। प्रेत आत्माएं मनुष्य के अंदर जाकर उसके शरीर को प्रताड़ित करती हैं और उसे परेशान करती हैं। उस समय मनुष्य को नहीं समझ आता कि वह आखिर कर क्या रहा है। ये दुष्ट आत्माएं मनुष्य के मस्तिष्क को अपने काबू में रखती हैं और उससे पागलों जैसा व्यवहार कराती हैं। प्रेत दोष के मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ते हैं? और प्रेत दोष क्या होता है? जानने के लिए पढ़ना जारी रखें।
कुंडली में प्रेत दोष
यदि आपकी कुंडली में प्रेत दोष लगा है और आप उसकी पहचान नहीं कर पा रहे हैं तो नीचे दिए गई कुछ महत्वपूर्ण बातों को पढ़कर कुंडली में प्रेत दोष की पहचान कीजिये।
- यदि किसी जातक की कुंडली के प्रथम भाव में चंद्र के साथ राहु की युति हो रही है, और इसके साथ ही जातक की कुंडली में पंचम और नवम भाव में कोई हिंसक ग्रह बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति के ऊपर भूत, प्रेत आत्मा और काली शक्तियों का साया बना हुआ हो ऐसा होने के बहुत हद तक चांस होते हैं।
- यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रह गोचर कर रहें हैं तो इस स्थिति में भी जातक पर प्रेत आत्मा का साया रह सकता है।
- यदि किसी जातक की कुंडली में शनि राहु और शनि केतु एक साथ सप्तम भाव में आ रहे हैं तो जातक की कुंडली में प्रेत दोष लगता है। इस स्तिथि के दौरान प्रेत जातक पर कभी भी हावी हो सकता है और उसकी ज़िन्दगी को नरक बना सकता है।
- जातक की कुंडली में शनि, मंगल और राहु की युति अगर बन रही है तो उसे इसका पहले ही उपाय करना चाहिए क्योंकि इन तीनों ग्रहों की युति उसके जीवन में बड़ी बाधा उत्पन कर सकती हैं। इस दौरान उसके ऊपर काली शक्तियां हावी होने का प्रयत्न करती हैं।
- यदि जातक की कुंडली में राहु की महादशा के ऊपर चंद्र की अंतर्दशा लग रही हो और चंद्र दशा पति राहु से 12, 6, 8वें भाव के अंदर बलवान बन रही हो तो इस दौरान भी जातक को प्रेत आत्मा का साया घेर लेता है।
इन सभी तरीकों को अपना कर आप पीड़ित की कुंडली में प्रेत दोष की पहचान कर सकते हैं।
प्रेत दोष के प्रभाव
- प्रेत दोष शरीर में आने से जातक अभद्र भाषा बोलने लगता है। वह नहीं देखता की सामने वाला व्यक्ति उसका भाई है या उसका पिता है।
- प्रेत दोष शरीर में यदि होता है तो जातक अकेले में अपने आप से ही बातें करने लगता है, और कभी रोने लगता है तो कभी तेज तेज हंसने लगता है।
- अपने घर या बाहर के किसी भी व्यक्ति पर वह हावी हो सकता है उसे अकेला छोड़ने पर वो खुद को नुकशान कर सकता है।
- वह अपने शरीर से भारी हो जाता है यदि कोई उसे उठा कर कहीं ले जाना चाहे तो वह किसी एक या दो इंसानो से नहीं उठ सकता।
- वह मनुष्य किसी भी स्थान पर बेहोश हो सकता है और उसके मुँह से झाग भी आ सकते हैं। प्रेत दोष के प्रभाव मनुष्य के जीवन पर बहुत गहरा नकारात्मक भाव छोड़ते हैं।
- या तो खाना पानी सब छोड़ देता है या फिर पहले से कहीं ज्यादा मात्रा में खाने लग जाता है। वह चावल, दूध, दही, सफ़ेद रंग की मिठाई और सारी मीठी चीजें अचानक से खाने लग जाता है।
प्रेत दोष के उपाय
यदि आप अपने या किसी के ऊपर लगे प्रेत दोष से परेशानी में हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए ये प्रेत दोष के उपाय करिये इनको अपनाकर आपको प्रेत दोष से बहुत हद तक राहत मिलेगी।
- हनुमान चालीसा में एक लाइन है ‘भूत-पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे’ इस पंक्ति का प्रतिदिन 108 बार सुबह जल्दी उठकर जाप करना चाहिए।
- रात को सोते समय पीड़ित के सिराने के नीचे हनुमान चालीसा रखें और उसके कान में तेज-तेज पढ़ें।
- रात को सोते समय पीड़ित के पास चाकू रखें इससे उसे बुरे सपने नहीं आएंगे और वह शांति के साथ सो सकता है।
- गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र बोलकर प्रतिदिन हवन करें और भगवान से पीड़ित के ठीक होने से प्रार्थना करें।
- प्रतिदिन लौंग और कपूर जला कर उसके धुंए को पुरे घर में फैला दें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी।
- पीड़ित को चावल, सफ़ेद मिठाई, मांसाहारी भोजन, प्याज, लहसुन और कोई भी नशा करने वाला पदार्थ और उसकी इच्छा के अनुसार खाने को न दें और न ही या सब सामान घर में रखें।
- पीड़ित के हाथ में कला धागा बांधे और गले में ओम का लॉकेट या रुद्राक्ष की माला पहनाए।
- अपने घर के सामने तुलसी का पौधा लगा दें और उसमे प्रतिदिन जल अर्पित करें, रविवार के दिन जल न दें।
- प्रतिदिन 108 गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का पीड़ित से जप करवाएं। जिस समय वह जप करे तो उसके आस पास हनुमान भगवान की कुमकुम से घेरा बना दे और गंगा जल छिड़कें।
- यदि पीड़ित कुंवारा हैं तो उसका विवाह न करें अन्यथा वह प्रेत आत्मा भी पीड़ित के साथ शादी के बधन में बंध जाएगी और पीड़ित का पीछा उसके मरने तक नहीं छोड़ेगी।
भूत प्रेत होने के लक्षण
यदि कोई पीड़ित व्यक्ति आपके घर में है और कई बार चिकित्सक को दिखाने के बाद भी उसकी सभी रिपोर्ट्स और चेकअप बिलकुल सही आ रहें हैं और आप समझ नहीं पा रहे की उसको क्या बीमारी है तो नीचे दिए गए भूत प्रेत होने के लक्षण पढ़िए।
- पीड़ित इंसान अकेले में बातें करने लगता है।
- वह अक्सर अपनी सभी पुरानी बातें भूलने लगता है।
- वह किसी भी स्थान पर अचानक बेहोश हो जाता है।
- या तो वह बहुत शांत हो जाता है या फिर वह आक्रामक हो जाता है।
- अपने परिवार के लोगों को और अपने दोस्तों व रिश्तेदारो को नहीं पहचान पाता है।
- मीठी चीजें बहुत पसंद करने लगता है और जरूरत से ज्यादा खाता है।
- भगवान के मंदिर और कीर्तन, जागरण, हवन पूजा आदि में जाने के नाम से डरने लगता है और जाने को मना कर देता है।
- अपने दैनिक कामों को पूरी तरह से करना भूल जाता है और पागलों की तरह व्यवहार करने लग जाता है।
- अपने से बड़े लोगों पर हावी होने लगता है और गन्दी भाषा बोलता है।
- अचानक से किसी पर भी जानलेवा हमला कर देता है या बहुत गुस्सा करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. प्रेत किसी के अंदर क्यों प्रवेश करता है?
2. प्रेत से बचने के लिए कोई एक रामबाण उपाय क्या है?
3. क्या बालाजी जाने से भूत प्रेत की समस्या दूर होती है?
4. क्या श्मशान घाट के आस पास या उसके अंदर मीठा खाने से प्रेत आत्मा साथ लग जाती है?
5. आसान शब्द में बताएं कि में प्रेत दोष क्या होता है?
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कुंडली से प्रेत दोष कैसे दूर करें जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।