इस महीने की 22 तारीख से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। जैसा की सभी जानते है नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत पावन माना जाता है। इस दौरान सभी शुभ कार्य किए जाते है और हर घर में खुशियों का माहौल बना रहता है। नवरात्रि 1 महीने बाद यानी 22 अप्रैल को कई राशियों में गुरु चांडाल योग की शुरुआत होगी। जो 6 महीने तक बनी रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल योग को बहुत घातक माना जाता है। गुरु चांडाल योग की शुरुआत तब होती है जब देव गुरु बृहस्पति और राहु आपस में एक ही राशि में मिलते है। इस साल मेष राशि में गुरु चांडाल योग बनने जा रहा है।
क्या होता है गुरु चांडाल योग-
जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और गुरु की युति बनती है। उसे गुरु चांडाल योग के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत अनिष्टकारी बताया गया है। राहु का गुरु पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए व्यक्ति की कुंडली में राहु गुरु के विशिष्ट गुणों को समाप्त कर देता है। इसकी जगह वह अपने अशिष्ट गुणों का स्थान बनाता है। 22 अप्रैल को गुरु का मेष राशि में गोचर होगा और राहु पहले से ही इस राशि में विराजमान है। जो मिलकर गुरु चांडाल योग की शुरुआत करेंगे।
मेष राशि में गुरु चांडाल योग का बाकी राशियों पर असर-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल योग सबसे घातक योग है। जो व्यक्ति के जीवन में बहुत सारी समस्याएं लेकर आता है। आइए जानते है गुरु चांडाल योग का किस राशि पर कैसा पड़ेगा प्रभाव-
मेष राशि-
आपको बता दें कि राहु पहले से ही मेष राशि में गोचर कर चुका है। इसके अलावा 22 अप्रैल को गुरु और राहु मिलकर मेष राशि में गुरु चांडाल योग का निर्माण करेंगे। जो इस राशि के जातकों के लिए एक तनावपूर्ण माहौल लेकर आ रहा है। इसके अलावा मेष राशि के जातकों को व्यापार, करियर, स्वास्थ्य, परिवार आदि के क्षेत्र में भारी घाटा उठाना पड़ सकता है। अक्टूबर में राहु मेष से मीन राशि में प्रवेश करेगा। तब जाकर गुरु चांडाल योग की समाप्ति होगी।
वृषभ राशि-
वृषभ राशि वालों की कुंडली में गुरु चांडाल योग चतुर्थ भाव में बन रहा है। व्यक्ति का चतुर्थ भाव माता, सुख, प्रॉपर्टी और घर से संबंधित है। अत: यह योग आपके चतुर्थ भाव को बुरी तरह से प्रभावित करेगा। जिसके परिणाम स्वरूप आपको कोई बुरी खबर सुनने को मिल सकती है।
मिथुन राशि-
मिथुन राशि के जातकों के लिए भी गुरु चांडाल योग एक नकारात्मक स्थिति का निर्माण कर रहा है। जल्दबाजी में लिया गया फैसला मिथुन राशि वालों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। इसके साथ ही आपको अपने ऊपर स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कर्क राशि-
कर्क राशि वालों का द्वितीय भाव वाणी, मुख, धन आदि से संबंधित है। नवरात्रि के बाद कर्क राशि वालों के द्वितीय भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। जो यह दर्शाता है इस राशि वाले जातकों को धन में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सिंह राशि-
सिंह राशि वालों के लिए भी चांडाल योग बहुत रुकावट लेकर आ रहा है। माता पिता और भाई बहनों से टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी। देखा जाए तो सिंह राशि वालों के लिए स्थिति मिली जुली रहने वाली है। न ज्यादा हानि होगी न ज्यादा लाभ।
कन्या राशि-
कन्या राशि में कलह की स्थिति उत्पन्न कर रहा है गुरु चांडाल योग। इस दौरान कन्या राशि वालों को संपत्ति से संबंधित समझौते में हानि उठानी पड़ सकती है। इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा। क्योंकि कन्या राशि के जातकों की कुंडली में गुरु चांडाल योग अष्टम भाव में बन रहा है। जो यह संकेत दे रहा है कि उनका कोई अपना गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है। इसलिए अगले 6 महीने तक कन्या राशि वालों को संभलकर चलने की सलाह दी जाती है।
तुला राशि-
तुला राशि वालों के लिए भी आय और साधनों की कमी लेकर आ रहा है गुरु चांडाल योग। अनैतिक कार्यों से धन लाभ तो होगा। लेकिन वह टिकता नहीं। इसलिए ऐसा कोई भी कार्य न करे जो आपकी कुंडली में गुरु चांडाल योग की स्थिति को और बिगाड़ दें।
वृश्चिक राशि-
जो लोग राजनीति के क्षेत्र से जुड़े उनके इस योग के दौरान अपने राजनीतिक करियर में हानि उठानी पड़ सकती है। साथ ही रिश्तेदारों से भी मनमुटाव बना रहेगा।
धनु राशि-
धनु राशि के जातकों के जीवन में गुरु चांडाल योग का हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। यह समय धनु राशि वालों के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है। इस राशि के जातकों के ऊपर मौत के बादल मंडरा रहे है। यह जातक किसी अनचाही दुर्घटना के शिकार हो सकते है।अतः गाड़ी चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें और किसी प्रकार की अनहोनी से बचे।
मकर राशि-
देखा जाए तो यह समय मकर राशि वालों के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है। मकर राशि के चौथे भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। जो आपके लिए संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। इस दौरान पारिवारिक माहौल अशांत रहेगा और फिजूलखर्ची बढ़ेगी। मेंटल प्रेशर लेना आपकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है। इसलिए फालतू की चिंता न करें और जीवन को शांतिपूर्ण ढ़ंग से जिए।
कुंभ राशि-
कुंभ राशि वालों के सप्तम भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। जो बताता है कि जातक को अपने दांपत्य जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मीन राशि-
षष्ट भाग में बनने वाले गुरु चांडाल योग से मीन राशि के जातकों को कोर्ट कचहरी जैसे मामलों में लंबे समय तक फंसे रहने की संभावना है। अक्टूबर 2023 तक राहु मेष से मीन राशि में प्रवेश करेगा।
ज्योतिष द्वारा गुरु चांडाल योग से बचने के उपाय-
जैसा कि हम जानते है इस समय राहु और गुरु मेष राशि में गोचर कर रहे है। मेष राशि में गोचर का यह प्रभाव कई राशियों के लिए प्रतिकूल परिणाम लेकर आ रहा है। जिससे बचने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों ने यहां कुछ सुझाव दिए है।
-माथे पर रोजाना केसर, हल्दी और तिलक लगाए। इससे गुरु चांडाल योग का प्रभाव कम होता है।
-इन दिनों पीली वस्त्र धारण करने चाहिए और पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए।
– राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए राहु के मंत्रों का जाप करें।
-बृहस्पतिवार का व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
– किसी साफ स्थान पर केले का पौधा लगाएं और रोज उस पौधे की पूजा करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. गुरु चांडाल योग में कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?
2. गुरु चांडाल योग का उपाय बताइए?
3. कब अशुभ होता है गुरु?
4. शुक्र को मजबूत करने का क्या उपाय है?
5. गुरु चांडाल योग कब तक रहता है?
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