अप्रैल 2023 से मेष राशि में सूर्य, बुध और राहु की युति बनने जा रही है। ज्योतिष शास्त्र में इस युति को त्रिग्रही योग के नाम से भी जाना जाता है। यह त्रिग्रही योग किसी जातक की कुंडली में तब बनता है जब तीन ग्रह एक ही राशि में गोचर कर रहे होते है। किसी जातक की कुंडली में इस त्रिग्रही योग के बनने से उस जातक को शुभ या अशुभ फल की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य, बुध और राहु ग्रह बहुत ही मजबूत ग्रह माने जाते है। समय के अनुसार प्रत्येक जातक की कुंडली में इन तीनों ग्रहों का अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जानिए सूर्य-बुध-राहु युति की विशेषताएं-
इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से जाने सूर्य-बुध-राहु की युति की विशेषताएं। जो कि नीचे निम्नलिखित है।
अत्यधिक ऊर्जा का करता है निर्माण-
सूर्य बुध राहु युति एक विस्फोटक ऊर्जा का निर्माण करती है। जिससे व्यक्ति हर समय फुर्तीला और हर काम में आगे रहता है।
बुध है तेज बुद्धि का कारक-
त्रिग्रही संयोजन में बुध एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति की बुद्धि को तेज बनाता है। करियर, व्यवसाय, नृत्य आदि कोई भी क्षेत्र हो व्यक्ति का बुद्धि कौशल उसे हर कार्य में जीत दिलाता है।
परंपरागत सोच का शत्रु है राहु-
भले ही लोग राहु को पापी ग्रह कहे। लेकिन सारे ग्रहों में राहु ही एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति की परंपरागत रूढ़िवादी सोच को तोड़ता है और व्यक्ति में नए विचारों का निर्माण करता है।
आध्यात्मिक दृष्टि से है लाभकारी-
सूर्य बुध राहु युति व्यक्ति में आध्यात्मिक गुणों का निर्माण करती है। व्यक्ति का रुझान आध्यात्मिक स्रोतों की ओर बढ़ता है।
जानिए सूर्य-बुध-राहु की युति के उपाय-
सूर्य-बुध-राहु की युति के उपाय नीचे दिए गए है।
- इस युति के दौरान अपने घर में पूजा पाठ या हवन कराए। ग्रह दोष निवारण पूजा करना आपके लिए काफी लाभदायक साबित होता है।
- सूर्य, बुध और राहु से जुड़े विशेष दिनों पर जातक को उपवास, व्रत रखने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस युति के नकारात्मक प्रभाव भी जातक की कुंडली से दूर होते है।
- दान को किसी भी धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। इन तीनों ग्रहों से जुड़े विशेष दिन पर दान करने पर जातक को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- अगर आप अपने जीवन से सूर्य, बुध और राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करना चाहते है। तो इन ग्रहों से संबंधित मंत्रों का जाप ज्योतिष द्वारा बताए गए तरीके से करें।
जानिए क्या है ज्योतिष में सूर्य ग्रह का स्थान-
आखिर क्या है ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व जानने के लिए निम्नलिखित कथनों को पढ़े।
- किसी व्यक्ति की कुंडली का आकलन करते समय सर्वप्रथम उस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य का स्थान देखा जाता है।
- ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, सफलता और सम्मान का कारक माना जाता है।
- किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो तो यह व्यक्ति को लाभ प्राप्ति के अवसर देती है।
- सूर्य को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति का सूर्य अगर मजबूत हो तो व्यक्ति में हर समय सूर्य जैसी ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- इसके अलावा सूर्य को ग्रहों का राजा भी कहा जाता है।
जानिए क्या है ज्योतिष में बुध ग्रह का स्थान-
बुद्ध ग्रह को तर्क, बुद्धि और चातुर्य का कारक माना जाता है। आइए जानते है क्या है ज्योतिष में बुध ग्रह का स्थान।
- किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होने से वह जातक खुले विचारों वाला और बहुत बोलने वाला होता है। जिस कारण वह अपनी बात को किसी के भी सामने आसानी से रख पाता है।
- इसके विपरीत जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होने से उस जातक को अपनी बात कहने में संकोच का सामना करना पड़ता है। जिस कारण वह प्रतिभाशाली होते हुए भी औरों के मुकाबले पीछे रह जाता है।
- जातक की कुंडली के 12 भावों में बुध का स्थान जातक के लिए शुभ-अशुभ परिणाम लेकर आता है।
जानिए ज्योतिष में राहु ग्रह का स्थान-
क्रूर ग्रह के रूप में जाना जाने वाला राहु। व्यक्ति की कुंडली में अपनी दशा के अनुसार शुभ-अशुभ योग लेकर आता है। आइए जानते है ज्योतिष में राहु ग्रह का क्या है स्थान।
- लग्न भाव में राहु का होना व्यक्ति के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ऐसे लोगों की पर्सनालिटी काफी आकर्षक होती है।
- राहु के प्रतिकूल प्रभाव के कारण व्यक्ति को खराब स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे व्यक्ति पेट, त्वचा और हृदय संबंधी तकलीफों का सामना करता है।
- ज्योतिष में कही भी राहु की स्वामित्व राशि का जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन मिथुन राशि में राहु उच्च और धनु राशि मे नीच स्थान पर रहता है।
- छाया ग्रह के रुप में जाना जाने वाला राहु 27 नक्षत्रों का स्वामी है। इस बात की पुष्टि वैदिक ज्योतिष में भी की गई है।
जानिए साल 2023 में मेष राशि में सूर्य-बुध-राहु युति का अन्य राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव-
मेष राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
स्वास्थ्य, आर्थिक, व्यवस्था और पारिवारिक दृष्टि से मेष राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव अनुकूल रहेगा। लेकिन मेष राशि वालों को अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है।
वृषभ राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
वृषभ राशि में सूर्य बुध राहु युति आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। इसलिए आपको ऐसे समय में वित्तीय लेन देन के मामलों में सावधानी बरतने की जरूरत है।
मिथुन राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
यह त्रिग्रही गोचर मिथुन राशि वाले जातकों की कौशल क्षमता को निखारेगा। साथ ही उन्हें नए अवसरों की प्राप्ति में भी सहायक बनेगा।
कर्क राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
इस गोचर के कारण कर्क राशि में थोड़ी उथल पुथल होती नजर आ रही है। कर्क राशि वालों को व्यक्तिगत मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यह गोचर कर्क राशि वालों के लिए करियर में नए रास्ते भी बना रहा है।
सिंह राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
सिंह राशि में यह युति क्रिएटिविटी को बढ़ावा देती है। व्यक्ति अपने रचनात्मक कौशल से अपना भविष्य निखार सकता है।
कन्या राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
सूर्य बुध राहु युति कन्या राशि में तनाव का कारण बन सकती है। जिससे व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन इस दौरान आप कुछ नया भी सीख सकते है।
तुला राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
तुला राशि में यह युति खुशखबरी लेकर आ रही है। समाज में मान, सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। सगे संबंधियों का घर में आगमन हो सकता है।
वृश्चिक राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
आर्थिक दृष्टि से वृश्चिक राशि में यह युति काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। इस दौरान आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीद सकते है। लेकिन आपको अपने माता पिता के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
धनु राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
धनु राशि के दशम भाव में यह युति बनने जा रही है। दशम भाव लग्न का भाव माना जाता है। यह युति आपके लिए अद्भुत लाभ लेकर आ रही है। परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है।
मकर राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
मकर राशि वालों के लिए शेयर बाजार में निवेश करने का यह अच्छा समय है। क्योंकि सूर्य बुध राहु युति मकर राशि में षडाष्टक योग बना रही है। जिससे इस राशि वालों को पैसों के मामले में लाभ ही लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
यह युति कुंभ राशि के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत फलदायी साबित हो रही है। कुंभ राशि वालों का झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ेगा। लेकिन इनको अपनी वाणी में थोड़ी सौम्यता लाने की जरूरत है।
मीन राशि में सूर्य-बुध-राहु की युति का प्रभाव-
मीन राशि के जातकों की कुंडली में त्रिग्रही योग बताता है। कि मीन राशि वालों को सबसे पहले प्राथमिकता अपने रिश्तों और भावनाओं को देनी चाहिए। इस युति से मीन राशि वालों के लिए करियर में अपार सफलता के योग बन रहे है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. कब तक रहेगा मेष राशि में राहु का प्रभाव?
2. शुक्र और राहु की युति से कौन सा योग बनता है?
3. जातक के कौन से भाव में शुक्र श्रेष्ठ माना जाता है?
4. कैसा होता है चार ग्रहों की युति का प्रभाव?
5. ज्योतिष में विवाह के लिए कौन सा घर है?
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जातक की कुंडली में सूर्य बुध राहु युति के अच्छे बुरे प्रभाव को जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।