शिव जी के इस परम भक्त के बारे में आपने नहीं सुना होगा। भगवान शिव और रावण का रिश्ता भगवान और भक्त का है। रावण शिव जी का परम भक्त था। शिव जी की कृपा पाने के लिए रावण ने तपस्या की थी। शिव जी ने रावण को कई वरदान दिए। जिसमे से एक सोने की लंका भी है। आज हम आपको बताएँगे। कैसे मिली रावण को सोने की लंका? सोने की लंका किसने बनाई?
यह भी पढ़ें:- जानें नंदी बैल कैसे बने शिव जी का वाहन?
भगवान शिव और पार्वती ने बनाई सोने की लंका-
पुराणों के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और लक्ष्मी कैलाश पर्वत गए थे। कैलाश पर्वत इतना ठंडा था कि लक्ष्मी जी को ठंड लग रही थी। कैलाश पर्वत पर कोई महल नहीं था। जिसमें लक्ष्मी जी रुक जाए। लक्ष्मी जी ने पार्वती जी को ताना देते हुए कहा। आप तो एक राजकुमारी है। आप इस पर्वत पर कैसे रह लेती हैं। पार्वती जी ने भगवान शंकर से जिद की। वह एक महल बनवाए। शिव जी ने विश्वकर्मा और कुबेर को बुलाया और महल बनाने का आदेश दिया। सोने की लंका का निर्माण समुद्र के बीचो बीच हुआ था।
यह भी पढ़ें:- जानें शिव जी के गले का नाग का क्या रहस्य है?
रावण ने कैसे हथियाई सोने की लंका–
एक बार रावण कैलाश पर्वत से गुजर रहा था। रावण सोने का महल देखकर मोहित हो गया। अब वह सोने के महल को पाना चाहता था। इसके लिए उसने ब्राह्मण का वेश बदल लिया। शिव जी ने भिक्षा मांगने के लिए गया। भिक्षा स्वरूप उसने शिव जी के सोने के महल को मांग लिया। शिव जी यह जानते थे। ब्राह्मण के वेश में रावण है। फिर भी शिव जी ने सोने की लंका रावण को दी थी। यह बात जब पार्वती को पता चली तो पार्वती जी ने श्राप दिया। एक दिन सोने की लंका जलकर राख हो जायेगी। अतः हनुमान जी ने सोने की लंका को आग लगा दी थी। सोने की लंका राख हो गयी थी।
आप इस प्रकार की अधिक जानकारी चाहते हैं तो इंस्टाएस्ट्रो के साथ जुड़े रहें और हमारे लेख जरूर पढ़ें।
यह भी पढ़ें:- जानें भगवान शिव के विष पीने की कथा क्या थी?
ज्योतिष शास्त्र की रोचक जानकारी के लिए हमसे Instagram पर जुड़ें।