Get App
HindiZodiacs & Planets

विष योग के कारण : विष योग के लाभ और हानि।

By April 21, 2022November 20th, 2023No Comments

विष योग क्या है?

ग्रहों का आपस में मिलना योग का कारण होता है। ग्रहों से हमारी कुंडली के बारे में पता चलता है। ज्योतिष विद्या में ग्रह बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।ग्रहों से ही कुंडली में होने वाली परेशानियों के बारे में पता चलता है।
आज हम आपको बताएंगे किस ग्रहों के मिलने से विष योग बनता है।विष योग की लाभ और हानि।

जब किसी की कुंडली में चन्द्रमा और शनि एक साथ मिलते हैं तो यह योग “विष योग” कहलाता है। यह योग अशुभ योग है। यह योग जिस इंसान की कुंडली में होता है उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह विष योग इतना हानि देता है कि आपका जीवन दिक्कतों से भर जाएगा। यह योग बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली होता है।

विष योग कब बनता है?

किसी इंसान की कुंडली में शनि और चन्द्रमा एक ही दशा में आ जाते हैं तो विष योग बनता है। जब ये दोनों एक ही महादशा में होते हैं तो इसका प्रभाव अधिक खतरनाक हो जाता है। इस योग के कारण जीवन, परेशानियों का भंडार हो जाता है। विष योग किसी इंसान की कुंडली के जिस भाव में आता है उस भाव से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।

कुंडली में विष योग का प्रभाव-

किसी इंसान की कुंडली में विष योग का प्रभाव बहुत ख़तरनाक होता है। जब ये दूसरे भाव में होता है तो उसकी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब कुंडली में विष योग तीसरे और चौथे भाव में होता है तो जीवन का खुशी पूरी तरह से समाप्त हो जाती है। परिवार के लोगों से संबंध खराब होते हैं।जब चन्द्रमा और शनि पांचवें भाव में होते हैं तो वैवाहिक जोड़ों को बच्चों नहीं होते हैं। इससे परिवार अधूरा होता है। जब विष योग छठे और सातवें भाव में बनता है तो इंसान कर्जे से लद जाता है। पति पत्नी का रिश्ता खराब हो जाता है और बात यहां तक खराब हो जाती है कि रिश्ता टूट जाता है।
विष योग आठवें और नवें भाव में होता है तो इंसान धर्म और पूजा पाठ से दूर हो जाता है और नास्तिक इंसान का रूप ग्रहण कर लेता है। इंसान के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना हो सकती है। दसवें भाव में होता है तो व्यक्ति के मान- सम्मान में कमी आती है और माता- पिता के साथ रिश्ता खराब होता है।
किसी इंसान की कुंडली में भाव ग्यारहवें और बारहवें स्थान में होता है तो इंसान से अधिक खर्च होते हैं और उसकी आय में कमी होती है।

विष योग से लाभ –

  • जिस इंसान की कुंडली में विष दोष होता है वह इंसान अपनी परिस्थितियों में रहना सीख जाता है।
  • इस विष से ये फायदा होता है की इंसान अकेले खुश रहता है।
  • इस दोष वाला व्यक्ति अपने कार्यों को पूरा मन लगाकर करता है।
  • विष दोष वाला इंसान अकेले रहना पसंद करता है।
  • ये दूसरे लोगों के प्रति दयालु होते हैं और सबकी मदद करते हैं।

विष योग से हानि-

  • विष योग से सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि किसी कार्य को करने का आत्मविश्वास खो देता है।
  • करियर को सफल होने में परेशानी होती है।
  • ये आपके प्रेम संबंध को तबाह कर देता है।
  • भाई- बहन के साथ मनमुटाव पैदा करता है।
  • परिवार की शांति भंग कर देता है।
  • इस विष का असर व्यक्ति के मन और मस्तिष्क पर भी पड़ता है।
  • इस विष से जीवन में तनाव उत्पन हो जाता है।

विष योग के उपाय-

  • प्रत्येक शनिवार शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
  • इस विष योग को दूर करने के लिए पूजा भी करवा सकते हैं।

Also Read: कुंडली में मंगल- शुक्र योग बनने से किसके जीवन में पड़ता है दुष्प्रभाव ?

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Jaya Verma

About Jaya Verma

I love to write, I participated as co-author in many books, also received prizes at national level for writing article, poetry and I got a letter of appreciation from hirdu foundation. I have 4 year of experience in this field.