विवाह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा फैसला होता है। आज कल युवक और युवती अपने करियर को संवारने में विवाह में देरी कर देते हैं।कभी कभी लोगों को लगने लगता है। उनके अंदर कमियां है। तभी उनका विवाह नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनके माता- पिता भी निराश हो जाते हैं। क्योंकि सभी माता-पिता अपने बच्चों को खुशहाल देखना चाहते हैं। ज्योतिष के अनुसार विवाह में देरी इसलिए होती है। जब कुंडली में कुछ अशुभ योग बन रहे हो। विवाह ना होने का कारण कुंडली में ग्रह और नक्षत्र ठीक नहीं होना होता है। इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में विवाह का योग नहीं बन रहा है। तब भी विवाह में देरी होती है। कुंडली में अशुभ योग का प्रभाव अत्यधिक होने के कारण विवाह होना निश्चित नहीं हो पाता है।
ज्योतिष के अनुसार विवाह में देरी के कारण-
- अगर किसी के विवाह में देरी हो रही है। तो उसकी कुंडली में मांगलिक दोष हो सकता है।
- कुंडली में बृहस्पति की दशा ठीक ना होने के कारण विवाह में देरी होती है।
- ज्योतिष के अनुसार, राहु की दशा ठीक हो विवाह तो हो जाता है, परंतु रिश्ता टूट जाता है।
- जब सूर्य और मंगल ,बुध लग्न पर नजर रखते हैं और गुरु बारहवें स्थान पर हो। तब विवाह में देरी के योग बनते हैं।
- अगर किसी की कुंडली के सप्तम भाव में शनि और गुरु होते हैं ,तब विवाह में देरी होती है।
- कुंडली के चतुर्थ भाव या लग्न भाव में मंगल होता है तब जातक को विवाह में दिलचस्पी नहीं होती हैं।
- यदि कुंडली में मंगल और बृहस्पति की दशा ठीक नहीं होती है तब जातक का विवाह नहीं होता है।
- कुंडली में एक से अधिक अशुभ योग होते हैं, तब विवाह में रुकावट आती है।
कुंडली में विवाह योग-
ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में कुछ ऐसे योग भी बनते हैं। जिससे विवाह करने के लिए देरी नहीं होती है। अतः यह शुभ योग होते हैं। कुंडली का सप्तम भाव से विवाह का योग बनता है। कुंडली में शनि और गुरु दोनों सप्तम भाव या लग्न में होते हैं। तब विवाह का योग बनता है।
सप्तमेश और शुक्र- गुरु, महादशा-अंतर्दशा में होते हैं। तब विवाह का अत्यधिक शुभ योग बनता है। कुंडली के सप्तम भाव में स्थित ग्रह सप्तमेश के साथ महादशा-अंतर्दशा होती है। तब कुंडली में विवाह योग बनता है।
ज्योतिष के अनुसार अशुभ योग के उपाय-
भगवान शिव का पूजन-
- शिव जी का पूजन करने से विवाह शीघ्र हो जाता है। साथ में माँ पार्वती का व्रत करने से लाभ होता है।
- प्रतिदिन शिवलिंग में दूध, बेलपत्र और चावल अर्पित करने से विवाह जल्द हो जाता है।
- जिस जातक की कुंडली में विवाह का अशुभ योग है। उसे किसी भी पूर्णिमा को वट के पेड़ की 108 बार परिकर्मा करनी चाहिए।
- अगर किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा है। तो उस कन्या को 5 नारियल लेकर शिव जी को अर्पित करके ॐ श्री वर प्रदाय नमः का जाप करना चाहिए।
- शिव और पार्वती का पूजन करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
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गुरुवार के दिन करें ये उपाय-
- विवाह में हो रही देरी के लिए गुरुवार के दिन 2 आटे की लोई लेकर गाय को खिलाना चाहिए।
- या फिर गाय को गुड़ और चने की दाल भी खिलाना चाहिए।
- विवाह में हो रही रुकावट को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
- गुरुवार के दिन केले के पेड़ पर जल अर्पित करने से विवाह में रूकावट नहीं आती है।
- गुरुवार के दिन नमक का सेवन करना विवाह में समस्याएं उत्पन्न करता है।
शुक्रवार के दिन करें ये उपाय-
- माँ दुर्गा और पार्वती की 11 शुक्रवार तक पूजा करनी चाहिए।
- शुक्रवार के दिन दही से स्नान करना चाहिए। इससे कुंडली में विवाह का योग बन जाता है।
- फिटकरी के पानी से शुक्रवार के दिन गरारा करके सोने से विवाह जल्द हो जाता है।
- अगर आपका विवाह 35 वर्ष की उम्र तक नहीं हुआ है। तब आपको अपने घर के पीछे केले का पेड़ लगाने से लाभ होगा।
शनिवार के दिन करें ये उपाय-
- कुंडली में शनि से जुड़े अशुभ योग बन रहे हो। तब शनिवार के दिन शनि भगवान पर काले तिल चढ़ाना चाहिए।
- राहु के द्वारा उत्पन्न हुई बाधा को दूर करने के लिए बहते हुए पानी में नारियल को बहाना चाहिए।
- शनिवार के दिन काले कपड़े में उड़द की दाल और काला नमक में बाँध कर दान करना चाहिए।
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