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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के रंग का चुनाव: जिससे घर में आएगी सुख-शांति।

By July 30, 2022November 23rd, 2023No Comments
Choosing the color of the house according to Vastu

सभी लोग अपने सपनों का घर तो बना लेते हैं। उस घर में रंग भी कर देते हैं। इसके पश्चात घर में कई तरह की परेशानियां आना शुरू हो जाती हैं। हम सब इसका कारण भी समझ भी नहीं पाते हैं। आखिर ऐसा क्यों? नया घर होने के बावजूद भी घर में सुख शांति का माहौल नहीं रहता है। घर में छोटी सी बातों को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। आज हम आपको बताएँगे ऐसा क्यों होता है? यह वास्तु शास्त्र के अनुसार सही रंग का चुनाव ना करने के कारण होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार रंग का चुनाव-

घर में रंग भरते समय वास्तु शास्त्र के अनुसार रंग का चुनाव करना अति आवश्यक होता है। इससे घर का वास्तु ठीक रहता है। घर में सुख-शांति आती है। वास्तु शास्त्र का तात्पर्य निवास स्थल से है। घर का वास्तु ठीक होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। नकारात्मक ऊर्जा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए घर की वस्तुओं को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। घर में वास्तु के अनुसार रंग का चुनाव करना चाहिए।

Colourful walls

घर के आंतरिक हिस्सों में रंग का चुनाव करना-

पीला रंग-

वास्तु शास्त्र के अनुसार पीले रंग को शांति का प्रतीक माना जाता है। पीले रंग को अगर आप घर के बाहर वाले हिस्से में करते हैं। घर में सकारात्मक ऊर्जा और ढेर सारी खुशियां आती हैं। घर के लोगों को सफलता प्राप्त होती है। पीला रंग को घर के मुख्य कमरे में कराना चाहिए। तो यह शुभ फलदायी होता है।

नीला रंग-

वास्तु शास्त्र में नीले रंग को सुंदरता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नीले रंग को शयनकक्ष में इस्तेमाल करना चाहिए। इससे घर पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा। आपके रिश्तेदारों और मित्रों से संबंध अच्छे होंगे।

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हरा रंग-

इस रंग को वास्तु शास्त्र के अनुसार अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह आपकी आर्थिक परेशानियों को दूर करता है। हरे रंग को विकास का प्रतीक कहा जाता है। घर के बाहर हरे रंग का पेंट करना चाहिए। हरे रंग का पेंट करने से घर से नकारात्मक और आर्थिक समस्याएं दूर रहेंगी।

सफ़ेद रंग-

वास्तु का रंग सफ़ेद रंग को माना जाता है। इसलिए यह शुभ रंग है। सफ़ेद रंग को घर के बाहरी हिस्से में रंग कराना चाहिए। अतिथि कमरा और बैठक के कमरे में सफ़ेद रंग कराना चाहिए। यह बेहद लाभ प्रदान करेगा।

और पढ़ें: जाने वास्तु शास्त्र के अनुसार 8 दिशाओं का महत्व क्या होता है?

गुलाबी रंग-

यह एक ऐसा रंग है। जो प्यार का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बाहरी हिस्सों में गुलाबी रंग करना चाहिए। घर के आंतरिक हिस्सों में गुलाबी रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।

According to Vastu Shastra, the exterior of the house should be painted pink.

दिशाओं के अनुसार रंग-

पूर्व- नीला और क्रीम रंग
पश्चिम- सफ़ेद और नीला रंग
उत्तर- हरा रंग
दक्षिण- लाल और पीला रंग
उत्तर-पूर्व- हल्का नीला
उत्तर-पश्चिम- सफ़ेद और हल्का ग्रे रंग
दक्षिण पूर्व- गुलाबी और नारंगी रंग

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वास्तु शास्त्र के अनुसार रंग का चुनाव करते समय सावधानी-

  • रंग का चुनाव करते समय विशेष प्रकार के सावधानियां बरतनी चाहिए।
  • अगर आपके घर पर अधिक दरवाजे और खिड़कियां उपस्थित हैं।
  • उन पर गहरे रंग का चुनाव करें।
  • घर का उत्तरी हिस्सा घर की आर्थिक समस्या जुड़ा हुआ होता है।
  • लाल काला और बैंगनी रंग शुभ नहीं होता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान कहा जाता है।
  • घर के मध्य भाग में लाल,भूरा,पीला और हरा रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।

और पढ़ें: जानें ईशान कोण क्या है और वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का क्या महत्व है?

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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