
शिव जी की आँखे-
भगवान शिव को महादेव के नाम से भी जाना जाता है। यह सनातन धर्म में प्रमुख भगवान में एक है। शिव जी त्रिदेवों में सम्मिलित हैं। शिव जी का महेश, शंकर, रूद्र, गंगाधार और नीलकंठ भी नाम है। तंत्र साधना के कारण शिव जी को भैरव नाम से भी जाना जाता है। यह हिन्दू धर्म के मुख्य देवताओं में से एक है। शास्त्रों के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति भगवान शिव ने की थी। भगवान शिव भक्तों का दुख हर लेते हैं। इसलिए इन्हे रूद्र भी कहते हैं। शिव की आँखे सृष्टि की रचियता कही जाती हैं।
हम सभी जानते हैं। महादेव के पास तीसरी आँख भी थी। कहा गया है जब शिव की तीसरी आंख खुलती है। तब विनाश होता है। निर्माण के बिना विनाश संभव नहीं है। जो निर्माण करता है वह विनाश भी करता है। आज हम जानेंगे। शिव जी की तीसरी आँख खुलने से निर्माण हुआ था या विनाश। जानेंगे तीसरी आँख खुलने का रहस्य।
शिव जी की तीसरी आँख खुलने का रहस्य-
भगवान शिव जी की तीसरी आँख के बारे में सभी जानते होंगे। तीसरी आँख को शिव जी की दिव्य दृष्टि कहा जाता है। शिव जी की तीसरी आँख के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है शिव जी तब तीसरी आँख खोली। तब संसार में प्रलय आ गया था। माना यह भी जाता है। शिव जी ने संसार को बचाने के लिए अपनी तीसरी आँख को खोला था
आज हम आपको बताएँगे। शिव जी ने तीसरी आँख को खोलने से संसार में प्रलय आया था। या संसार को बचाने के लिए शिव जी ने तीसरी आँख खोली थी।
पौराणिक कथा-
तीसरी आँख से जुड़ी पौराणिक कथा का उल्लेख नारद मुनि ने किया है। उन्होंने बताया एक बार की बात है। शिव जी हिमालय पर्वत पर एक सभा कर रहे थे। इस सभा में सभी देवता और ऋषि मुनि उपस्थित थे। उस सभा में शिव पार्वती आयी। पार्वती जी ने अपने दोनों हाथों से शिव जी की दोनों आँखों को बंद कर दिया। जिसके कारण पूरी सृष्टि पर अंधेरा छा गया। धरती पर प्रलय आ गया था। तभी शिव जी को अपनी तीसरी आँख को खोलना पड़ा। शिव जी के माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट हुआ। जो शिव भगवान की तीसरी आँख कहलायी। इसके पश्चात पार्वती ने तीसरी आँख खोलने का कारण पूछा। तब शिव जी ने बताया कि अगर वो ऐसा न करते तो पूरे संसार का विनाश हो जाता। क्योंकि शिव जी की आँखे इस सृष्टि की पालनहार हैं।
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